उमेश पाल हत्याकांड में माफिया अतीक के बहनोई, वकील, ड्राइवर व नौकर को जमानत नहीं, इलाहाबाद हाई कोर्ट ने खारिज की अर्जी
इलाहाबाद हाई कोर्ट ने उमेश पाल हत्याकांड में माफिया अतीक के बहनोई, वकील, ड्राइवर और नौकर की जमानत याचिका खारिज कर दी है। न्यायमूर्ति शेखर कुमार यादव की पीठ ने यह फैसला सुनाया। अतीक के बहनोई डॉ. अलखाक अहमद पर बमबाज गुड्डू मुस्लिम को शरण देने का आरोप है। वकील विजय मिश्र पर मुखबिरी करने का आरोप है। कोर्ट ने 29 अक्टूबर को फैसला सुरक्षित रख लिया था। बचाव पक्ष ने खुद को निर्दोष बताया था।

प्रयागराज के चर्चित उमेश पाल हत्याकांड में माफिया अतीक अहमद के रिश्तेदारों आदि की हाई कोर्ट ने जमानत अर्जी खारिज कर दी है। फोटो : जागरण आर्काइव
प्रयागराज। इलाहाबाद हाई कोर्ट ने बहुचर्चित उमेश पाल हत्याकांड में माफिया अतीक के बहनोई मेरठ निवासी डा. अलखाक अहमद, वकील विजय मिश्र, नौकर और ड्राइवर की जमानत अर्जी खारिज कर दी है। कोर्ट ने 29 अक्टूबर को आदेश सुरक्षित कर लिया था।
एकल पीठ ने सुनाया फैसला
माफिया अतीक अहमद के बहनोई डॉ. अखलाक ने कहा था कि उसे रिश्तेदार होने के कारण फंसाया जा रहा है। अन्य ने भी अपने को निर्दोष बताया था। न्यायमूर्ति शेखर कुमार यादव की एकल पीठ ने शुक्रवार को निर्णय सुनाया।
अतीक के बहनोई पर बमबाज को शरण देने का आरोप
अतीक अहमद के बहनोई डॉ. अखलाक अहमद पर हत्याकांड में शामिल बमबाज गुड्डू मुस्लिम को शरण देने का आरोप है। अब तक फरार चल रहा बमबाज गुड्डू मुस्लिम पांच लाख रुपये इनामी है। डाॅ. अखलाक ने जमानत पर रिहाई के लिए सितंबर 2023 में हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था।उसका कहना था कि वह एफआइआर में नामजद नहीं है। पेशे से डॉक्टर है, अपराध की दुनिया से उसका कोई वास्ता नहीं है।
अतीक के वकील पर हत्याकांड में मुखबिरी का आरोप
अतीक के वकील विजय पर उमेश पाल हत्याकांड में मुखबिरी करने का आरोप है। उसकी गिरफ्तारी लखनऊ से हुई थी। चालक कैश व नौकर नियाज़ की ओर से भी बेगुनाह होने की दलीलें दी गई। सरकार की ओर से अपर महाधिवक्ता मनीष गोयल, उमेश पाल की पत्नी जयपाल के अधिवक्ता प्रवीण पांडेय ने जमानत पर रिहाई का विरोध किया था।
जमानत पर रिहाई का विरोध किया था
उनका कहना था कि अभी तक ट्रायल कोर्ट में आरोप निर्मित होने की प्रक्रिया पूरी नहीं हुई है। वर्तमान में अतीक की इनामी बीवी शाइस्ता परवीन, अशरफ की बीवी जैनब व बमबाज गुड्डू मुस्लिम समेत कुल सात अन्य आरोपित फरार है। ऐसे में अपीलार्थियों की रिहाई से लंबित ट्रायल प्रभावित होगा।

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