UP PCS Prelims 2025 : ओडीओपी योजना के तहत मूंज उत्पाद किस जिले से संबंधित है? प्रश्न ने परीक्षार्थियों में भ्रमित किया
उत्तर प्रदेश पीसीएस 2025 की प्रारंभिक परीक्षा में ओडीओपी योजना से जुड़े एक प्रश्न ने परीक्षार्थियों को भ्रमित किया। परीक्षा में सामान्य अध्ययन का प्रश्नपत्र अवधारणात्मक समझ पर केंद्रित था, जिसमें कथन, सुमेलन और क्रम आधारित प्रश्नों की भरमार थी। प्रश्नपत्र में उत्तर प्रदेश से संबंधित प्रश्नों को विशेष महत्व दिया गया था, जिसमें रामसर साइट्स और बायोस्फीयर रिजर्व जैसे विषय शामिल थे। इसके अलावा, समसामयिक घटनाओं और राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 से जुड़े प्रश्न भी पूछे गए थे।

UP PCS Prelims 2025 प्रयागराज के सीएवी इंटर कालेज में यूपीपीसीएस की प्रारंभि परीक्षा देने के बाद बाहर निकलते अभ्यर्थी। जागरण
राज्य ब्यूरो, जागरण, प्रयागराज। UP PCS Prelims 2025 उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (यूपीपीएससी) की पीसीएस-2025 प्रारंभिक परीक्षा रविवार को प्रदेश के 75 जिलों के 1435 केंद्रों पर सकुशल संपन्न हुई। सुबह 9:30 से 11:30 और दोपहर 2:30 से 4:30 की पाली में परीक्षा हुई।
बुद्धिमत्ता की परीक्षा बनी ‘प्रश्नों की पहेली’
UP PCS Prelims 2025 पहली पाली की परीक्षा में सामान्य अध्ययन का प्रश्नपत्र पूरी तरह 'कंसेप्ट टेस्ट' साबित हुआ। सीधे तथ्यों के बजाय कथन-अभिकथन, सुमेलन, युग्म और क्रम आधारित प्रश्नों की झड़ी ने अभ्यर्थियों को खूब सोचने पर मजबूर किया। प्रश्नों की बनावट ऐसी थी कि हर सवाल एक पजल की तरह सामने आया। परीक्षार्थियों का कहना था कि प्रश्नपत्र 'मेमोरी बेस्ड' नहीं बल्कि 'एनालिटिकल अप्रोच' आधारित था।समसामयिक विषयों में विविधता देखने को मिली। बेहद चर्चाओं में रही इजरायल की आयरन डोम रक्षा प्रणाली पर भी सवाल आए।
प्रश्नपत्रों में उत्तर प्रदेश को दिया गया व्यापक स्थान
प्रश्नपत्र में उत्तर प्रदेश को व्यापक स्थान दिया गया। ओडीओपी योजना के तहत मूंज उत्पाद किस जिले से संबंधित है? इस प्रश्न ने परीक्षार्थियों में भ्रम पैदा किया क्योंकि विकल्पों में प्रयागराज नहीं था, हालांकि अमेठी, सुल्तानपुर और संतकबीरनगर के विकल्पों में चुनाव करना था। प्रदेश में स्थित रामसर साइट्स (आर्द्रभूमि), बायोस्फीयर रिजर्व और उनके संबंधित जिलों के सुमेलन पर भी सवाल थे।
उप्र और आलू उत्पादन का कथन आधारित विश्लेषण भी
UP PCS Prelims 2025 देवीपाटन मंडल से जुड़ा प्रश्न प्रशासनिक विभाजन की समझ पर केंद्रित था। कृषि से संबंधित प्रश्न में उत्तर प्रदेश और आलू उत्पादन का कथन आधारित विश्लेषण शामिल था। विशेषज्ञों के अनुसार ऐसे प्रश्नों से स्पष्ट है कि आयोग अब प्रदेश के भौगोलिक, आर्थिक और सांस्कृतिक परिदृश्य पर गहरी पकड़ की अपेक्षा कर रहा है।वहीं प्रश्नपत्र में इतिहास से जुड़े प्रश्नों में परंपरागत कब-क्या-कौन की बजाय घटनाओं के क्रम और कारण-परिणाम पर फोकस था।
ब्रिटिश कालीन आंदोलनों का सही कालक्रम भी पूछा गया
विद्रोहों और युद्धों का कालक्रमानुसार क्रम, अलाउद्दीन खिलजी के विजयक्रम, सुगौली संधि (1816), ब्रिटिश कालीन आंदोलनों का सही कालक्रम ने अभ्यर्थियों की ऐतिहासिक दृष्टि की जांच की। साहित्यिक प्रश्नों में भी सूक्ष्म समझ की मांग रही। ज्ञानपीठ पुरस्कार, साहित्य अकादमी पुरस्कार और 2025 के अंतरराष्ट्रीय बुकर पुरस्कार पर कथन आधारित प्रश्न आए।
विज्ञान से जुड़े प्रश्न अवधराणात्मक सोच पर आधारित
विज्ञान से जुड़े प्रश्न सीधे नहीं थे, बल्कि अवधारणात्मक सोच पर आधारित थे।रक्त से संबंधित कथन, बेकिंग सोडा और अम्ल-क्षार पर स्टेटमेंट आधारित प्रश्न, विद्युत चुंबकीय विकिरण का क्रम, 70 किलोग्राम व्यक्ति में पाए जाने वाले तत्वों का बढ़ते क्रम में सवालों ने बुनियादी विज्ञान की समझ को परखा।पर्यावरण में अरब सागर में गिरने वाली नदियां, गोबी मरुस्थल, बायोस्फीयर रिजर्व, ओजोन परत और आपरेशन ओलिविया से संबंधित प्रश्न शामिल थे।
राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 जैसे प्रश्न भी पूछे गए
संविधान और शासन पर इस बार प्रश्न पैटर्न ब्रेकर रहे।आदि कर्मयोगी बीटा संस्करण जैसे प्रश्नों ने अभ्यर्थियों से शासन और नीतिगत समझ की मांग की।विश्व बैंक व अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष, वैश्विक वित्तीय साक्षरता रिपोर्ट, स्वेज नहर, पूर्वोत्तर के लिए स्वावलंबिनी कार्यक्रम, राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 जैसे प्रश्नों ने समाचार जागरूकता की अहमियत दिखा दी।
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