मानसून की दस्तक के साथ ही तेजी से बढ़ रहा गंगा का जलस्तर, यूपी में किसानों की फसल बर्बाद
रायबरेली में गंगा का जलस्तर तेज़ी से बढ़ रहा है जिससे तटवर्ती किसानों की फल और सब्जियों की फसलें डूब गई हैं। गंगा किनारे बसे गांवों के लोगों को विषैले जीव जंतुओं का डर है और हज़ारों एकड़ उपजाऊ भूमि गंगा में समाहित हो रही है। प्रशासन गंगा स्नान के लिए आने वाले श्रद्धालुओं को सुरक्षा की हिदायतें दे रहा है और जलस्तर पर निगरानी रखी जा रही है।

संवादसूत्र, जागरण, ऊंचाहार (रायबरेली)। मानसून की दस्तक के साथ ही गंगा का जलस्तर में भी तीव्र गति से वृद्धि हो रही है। तटवर्ती किसानों द्वारा गंगा की रेत में बोई गई सब्जियां व फल भी डूब गए हैं। जिसके चलते किसानों का काफी नुकसान हुआ है। क्षेत्र में बाढ़ जैसे हालात उत्पन्न न होने पर आम जनमानस को हानि नहीं पहुंचती है। हालांकि तहसील प्रशासन द्वारा गंगा नदी के बढ़ते जल स्तर को देख गंगा स्नान के लिए आने वाले श्रद्धालुओं को हिदायतें देते हुए निगरानी बढ़ा दी है।
हमीर मऊ, गुलरिहा, धूता, कोलवा हमीरपुर, पूरे लोनियन, मुलाही बाग, मझिलेपुर, नरायन भीट, सैदलीपुर, शहजादपुर, चांदी बाबा की कुटी, गोकना, बादशाहपुर, काशीपुर, गोकना, जार्जी गढ़, पूरे तीर, निहाली पुर, गंगा गढ़, कल्यानी, सहावपुर अड्डा, कोटरा बहादुरगंज आदि गांव गंगा के तट पर बसे हुए हैं। इन गांवों के आसपास की भूमि समतल न होने से यहां के लोग गंगा कटरी क्षेत्र में खेती-बाड़ी का कार्य करते हैं।
गंगा नदी का जलस्तर बढ़ने से तटवर्तीय गांवों के लोगों को विषैला जीव जंतुओं का डर सताने के साथ किसानों की हजारों एकड़ उपजाऊ भूमि गंगा में समाहित हो जाती है। खेतों में लगी सब्जियों व फलों की फसल पानी के कारण बर्बाद हो जाती हैं। गोकना निवासी किसान धर्मेंद्र द्विवेदी, रामकुमार निषाद, अमित कुमार, फूलचंद, रामबाबू निषाद खरौली निवासी अजय निषाद, मथुरा प्रसाद, रामबरन निषाद, जयनरायन, दीपक निषाद आदि ने बताया कि गंगा की रेत में खीरा, कंकरी, कद्दू, लौकी, करैला समेत अन्य सब्जियों खरबूजा, तरबूज की खेती की थी।
प्रत्येक बार जून महीने के बाद गंगा का जलस्तर बढ़ता था, लेकिन इस बार गंगा नदी का जल्दी जलस्तर बढ़ने से फल तथा सब्जियां डूब जाने से काफी नुकसान हुआ है। गोकना घाट के वरिष्ठ पुरोहित पंडित जितेंद्र द्विवेदी ने बताया कि 24 घंटे में लगभग तीन फीट से अधिक गंगा नदी के जलस्तर में वृद्धि हुई है।
पुरोहितों द्वारा तट पर रखी हुई तख्त उठाकर सुरक्षित स्थानों पर ले जाने लगे हैं। ऐसे में गंगा स्नान को आने वाले श्रद्धालुओं को गहरे जल में न जाने की हिदायत दी जा रही है।
एसडीएम राजेश श्रीवास्तव ने बताया कि गंगा नदी के बढ़ते जलस्तर को देखते हुए राजस्व निरीक्षकों की चौकसी बढ़ा दी गई है। साथ ही प्रतिदिन जलस्तर का जायजा लिया जाएगा।
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