पैरालिसिस अटैक पर एम्स में मिलेगा तत्काल उपचार
रायबरेली पैरालिसिस यानी लकवा लाइलाज नहीं है। वक्त पर सही उपचार होने से इस बीमारी से हो

रायबरेली : पैरालिसिस यानी लकवा लाइलाज नहीं है। वक्त पर सही उपचार होने से इस बीमारी से होने वाले शारीरिक नुकसान से बचा जा सकता है। साथ ही मरीज को दूसरों पर आश्रित नहीं होना पड़ता है। ऐसा तभी हो सकता है, जब संबंधित व्यक्ति का निर्धारित समय पर इलाज शुरू हो सके। इसके लिए एम्स ने पहल की है। पैरालिसिस अटैक होने पर तत्काल पीड़ित व्यक्ति का इलाज हो सके। इसके लिए परिसर में स्ट्रोक क्लीनिक खोलने की तैयारी है। इसमें चिकित्सकों की एक टीम चौबीस घंटे अलर्ट रहेगी। ऐसे किसी केस की सूचना मिलते ही उसके आने से पहले यहां पर इलाज की पूरी तैयारी कर ली जाएगी और अस्पताल आते ही तत्काल उपचार शुरू हो जायेगा। एम्स जारी करेगा टोल फ्री नंबर
पैरालिसिस अटैक होने के बाद तीमारदारों को भटकना न पड़े। इसके लिए एम्स की ओर से टोल फ्री नंबर जारी किया जायेगा। इसका बकायदा प्रचार-प्रसार भी होगा। ताकि हर किसी को जानकारी हो सके। वर्तमान में काफी लोग इससे प्रभावित हो रहे हैं। जिले में अभी तक इसके इलाज की उचित व्यवस्था नहीं है। एम्स में इलाज शुरू होने से जिले के साथ ही अमेठी, प्रतापगढ़, कौशांबी, फतेहपुर आदि जिले के लोगों को भी लाभ मिलेगा।
किसी भी उम्र को हो सकता स्ट्रोक
आजकल की बदलते दिनचर्या और तनाव की वजह से 30 से 50 साल की उम्र के लोग भी इसकी चपेट में आ रहे हैं। ब्रेन में खून की सप्लाई में रूकावट आ जाती है। अथवा दिमाग के अंदर कोई रक्त नलिका यानी ब्लड वेसल फट जाती है। दिमाग की किसी नस के डैमेज होने से पीड़ित व्यक्ति के उस अंग विशेष में लकवा-पक्षाघात यानी पैरालिसिस की संभावना बढ़ जाती है। ऐसे में स्ट्रोक के लक्षणों को समझकर तुरंत सही इलाज से बचा सकता है।
--------------
पैरालिसिस अटैक काफी गंभीर होता है। इसमें समय से इलाज नहीं होने पर अपंगता की संभावना बढ़ जाती है। एम्स में इसके लिए स्ट्रोक क्लीनिक खोलने की तैयारी है। यह सेवा 24 घंटे मिलेगी। ऐसी कोई सूचना मिलने पर क्लीनिक पर स्टाफ सक्रिय हो जायेगा। रोगी के आते ही इलाज शुरू कर दिया जायेगा।
समीर शुक्ला, वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी, एम्स

कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।