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    यूपी के इस जिले में चिंहित किए गए 150 Drone, जांच में हुआ बड़ा खुलासा; अधिकांश ड्रोन इन लोगों ने खरीदे

    Updated: Sat, 11 Oct 2025 09:08 PM (IST)

    रायबरेली पुलिस ने चोरी की अफवाहों के बाद 150 ड्रोन चिह्नित किए हैं, जिनमें से अधिकांश युवाओं ने मजे के लिए खरीदे थे। पुलिस जांच में पाया गया कि कुछ शरारती तत्व दहशत फैलाने के लिए ड्रोन उड़ा रहे थे। ऑनलाइन खरीद का ब्यौरा मिलने के बाद पुलिस ने सत्यापन किया और ड्रोन संचालकों को चेतावनी दी है। ड्रोन के अवैध इस्तेमाल पर कार्रवाई के लिए पुलिस सख्त है।

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    यूपी के इस जिले में चिंहित किए गए 150 Drone, जांच में हुआ बड़ा खुलासा; अधिकांश ड्रोन इन लोगों ने खरीदे

    जागरण संवाददाता, रायबरेली। चोरी की अफवाह को लेकर उन्मादी भीड़ की हिंसा के मामले के साथ ही पुलिस ने ड्रोन पर शिकंजा कसना शुरू किया। पुलिस ने ऐसे 150 ड्रोन चिहिंत किए, जो जिले के विभिन्न पतों पर रहने वाले लोगों ने खरीदे थे। सभी ड्रोन विभिन्न आनलाइन प्लेटफार्मों से खरीदे गए थे। इसी आधार पर पुलिस इनके स्वामियों तक पहुंची। पुलिस जांच में बहुत हैरान करने वाली बात सामने आई। पाया गया कि अधिकांश ड्रोन युवाओं ने मजे लेने के लिए खरीदे थे। इनमें से 90 ड्रोन का पुलिस ने थानेवार सत्यापन कराया है। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि फिलहाल एक भी ड्रोन संदिग्ध नहीं मिला है।

    करीब दस दिन पहले तक जनपद में आए दिन कहीं न कहीं रात्रि में ड्रोन उड़ता देखे जाने की खबरें आती रहीं। लोग इन्हें चोरी की वारदातों से जोड़ कर देखने लगे थे। पुलिस ने भी इसे गंभीरता से लिया। ड्रोन दिखने की सभी सूचनाओं पर पुलिस ने सक्रियता दिखाई और इसकी बारीकी से जांच शुरू की।

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    प्रारंभिक जांच में सामने आया कि कुछ शरारती तत्व महज दहशत और अफवाह फैलाने के लिए ड्रोन उड़ा रहे हैं, जिसके चलते पुलिस का फोकस ड्रोन पर था। जांच की इस कड़ी में पुलिस ने आनलाइन कंपनियों से ड्रोन खरीद का ब्यौरा मांगा। पुलिस अधिकारियों के मुताबिक फ्लिपकार्ट की ओर से करीब 153 लोगों की सूची उपलब्ध कराई गई, जिनके पते पर ड्रोन की डिलीवरी कराई गई थी।

    पहली अक्टूबर से थाने वार टीम गठित कर पुलिस ने जांच शुरू की। इनमें करीब 60 ड्रोन गैर जनपदों में व निष्क्रिय पाए गए। वहीं 90 ड्रोन थानों पर लाए गए। जांच में पाया गया कि कुछ ड्रोन तो फोटो व वीडियोग्राफी के लिए व्यावसायिक इस्तेमाल में लाए जा रहे थे जबकि अधिकांश युवाओं द्वारा मजे लेने के लिए खरीदे गए थे। हालांकि पुलिस की जांच आनलाइन माध्यम से खरीदे गए ड्रेन तक ही सीमित है। उन ड्रोन के बारे में पुलिस कुछ भी कहने की स्थिति में नहीं है जो आफलाइन या सीधे किसी बाजार से खरीद कर इस्तेमाल किए जा रहे हैं।

    दो- तीन हजार में आनलाइन प्लेटफार्म पर उपलब्ध हैं ड्रोन

    पुलिस अधिकारियों के मुताबिक आनलाइन प्लेटफार्म पर दो से तीन हजार रुपये तक के ड्रोन उपलब्ध हैं। इनमें कुछ में सीसी कैमरा भी होता है, लेकिन उनकी फोटो की गुणवत्ता इस लायक नहीं होती, जिनसे उड़ाकर रात में ऊंचाई से साफ फोटो खींची जा सके।

    अब तक हुई कार्रवाई

    मामले में अब तक पुलिस ने तीन मुकदमे दर्ज कराए हैं, इनमें एक मिल एरिया थाना, एक भदोखर व एक लालगंज में दर्ज है। भदोखर व लालगंज में दर्ज मुकदमे की पुलिस जांच कर रही है, जबकि मिल एरिया में दर्ज मुकदमे में दो आरोपितों लखनऊ के जबजाली मुहल्ला मदेय गंज निवासी जुनैद व सीतापुर के तुर्क पट्टी थाना खैराबाद निवासी मोहम्मद अवैश को गिरफ्तार कर जेल भेजा जा चुका है।

    उत्तर प्रदेश ड्रोन प्रचालन सुरक्षा नीति 2023 के तहत ड्रोन नियमावली

    30 जुलाई 2025 को ड्रोन प्रचालन सुरक्षा नीति 2023 के संबंध में जारी पत्र में कहा गया है कि ड्रोन के अवैध इस्तेमाल पर कार्रवाई के लिए इसकी समीक्षा तीन सदस्यीय जिला स्तरीय समिति द्वारा की जाएगी। इसके अलावा ड्रोन खरीद के साथ ही उसका संबंधित थाने में पंजीकरण कराना होगा। इसके अलावा जनपदीय पुलिस नियंत्रण कक्ष भी अवैध ड्रोन संचालन पर नजर रखेगा।

    150 ड्रोन चिन्हित किए गए। इनमें कई ड्रोन जनपद में नहीं है व खराब हो चुके हैं। 90 ड्रोनों को पुलिस ने जब्त कर जांच की। इनमें से कुछ संचालक फोटो व वीडियोग्राफी क्षेत्र से जुड़े पाए गए। वहीं अधिकतर ड्रोन ऐसे थे, जिनमें कैमरे नहीं सिर्फ लाइट लगी थी, जो उड़ने पर जलती थी। अब तक की जांच में ड्रोन से रेकी कर चोरी किए जाने का कोई प्रमाण नहीं मिला है। ड्रोन संचालकों व मालिकों को सख्त हिदायत दी गई है कि यदि किसी भी गलत गतिविधि में पाए जाते हैं तो उनके विरुद्ध कड़ी कार्रवाई की जाएगी। - संजीव कुमार सिन्हा, अपर पुलिस अधीक्षक