विदेशी पक्षियों के स्वागत को तैयार समसपुर पक्षी विहार, झील की सफाई जारी
रायबरेली के समसपुर पक्षी विहार में विदेशी पक्षियों के स्वागत की तैयारी चल रही है। अधिकारियों ने निरीक्षण कर झील से जलकुंभी हटाने और लोगों को जागरूक करने के निर्देश दिए। हर साल नवंबर से यहाँ कूट, गैडवाल जैसे कई विदेशी पक्षी आते हैं। झील की सफाई से इन पक्षियों को अनुकूल वातावरण मिलेगा और पर्यटकों को सुंदरता देखने को मिलेगी।

जागरण संवाददाता, रायबरेली। वैसे तो समसपुर पक्षी विहार में समस्याएं तमाम हैं, लेकिन इन सबको दूर करके विदेशी पक्षियों को अनुकूल वातावरण मिल सके, इसके प्रयास तेज हो गए हैं। प्रधान मुख्य वन संरक्षक (वन्यजीव) समेत अन्य अधिकारियों ने निरीक्षण करके हालात देखे।
उन्होंने तत्काल समस्याएं दूर कराकर व्यवस्थाएं बेहतर करने के साथ ही लोगों को जागरूक करने के निर्देश दिए। परिस्थितियां अनुकूल हुई तो फिर से सर्द हवाओं के बीच विदेशी पक्षियों का कलरव लोगों को सुखद एहसास कराएगा।
समसपुर पक्षी विहार का प्रधान मुख्य वन संरक्षक (वन्यजीव) अनुराधा बेमुरी, मुख्य वन संरक्षक (इको-टूरिज्म) नीरज कुमार, वन संरक्षक (लुप्तप्राय परियोजना) डा. टी रंगा राजू ने निरीक्षण किया। उनके साथ वन्य जीव प्रतिपालक एवं क्षेत्रीय वन अधिकारी प्रियंका पटेल व उप क्षेत्रीय वन अधिकारी दयाराम पाल अपनी टीम के साथ मौजूद रहे।
अधिकारियों ने प्रवासी पक्षियों के आगमन को दृष्टिगत रखते हुए मौके की स्थितियां देखी, ताकि उनके संरक्षण देने के साथ ही अनुकूल वातावरण सुनिश्चित किया जा सके। निरीक्षण के दौरान अधिकारियों ने स्थानीय लोगों व पर्यटकों को प्रवासी पक्षियों के महत्व और संरक्षण के प्रति जागरूक करने पर विशेष बल दिया।
प्रधान मुख्य वन संरक्षक ने मौजूद अधिकारियों को निर्देशित किया कि समसपुर झील में आने वाले विभिन्न प्रजातियों के प्रवासी पक्षियों के बारे में जागरूकता अभियान चलाया जाए। इसके लिए स्थानीय नागरिकों तथा स्कूली बच्चों को इस झील का भ्रमण कराते हुए पर्यावरण संरक्षण का संदेश देने की बात कही गई।
अधिकारियों ने स्थानीय टीम के साथ नाव से झील का भी निरीक्षण किया। झील में किए जा रहे कार्यों काे देखा और अधिकारियों ने निर्देशित किया कि झील क्षेत्र को स्वच्छ रखते हुए अवांछित खरपतवार व जलकुंभी को पूरी तरह समाप्त कराएं। इससे प्रवासी पक्षियों को अनुकूल वातावरण मिल सकेगा। समसपुर पक्षी विहार में हर वर्ष देश-विदेश से बड़ी संख्या में प्रवासी पक्षी आते हैं।
चल उड़ जा रे पंछी
पुराने समय के इस गीत के बोल समसपुर पक्षी विहार के हालात को बयां करने के लिए काफी हैं। प्रकृति की सुंदरता और विहंगम दृश्यों से सजे समसपुर पक्षी विहार में आज चारों ओर जलकुंभी ही दिख रही है। झील की सतह पर फैली जलकुंभी अब यहां आने वाले विदेशी परिंदों की आमद में भी बाधा बन रही है। टूटी सड़कों, जर्जर कर्मचारियों के आवास, टूटे व्यू शेड, वर्षों से बंद कैंटीन और झील में फैली जलकुंभी ने इसकी सुंदरता पर ग्रहण लगा दिए हैं। इस समस्या को दूर करा दिया जाए तो यहां पर्यटकों की संख्या भी काफी बढ़ जाए।
नवंबर से आने लगते विदेशी पक्ष
विदेशी पक्षी हजारों मील की दूरी तय करके नवंबर से यहां आने लगते हैं। विदेशी पक्षियों का आना भी शुरू हो गया है। इनमें कूट, गैडवाल, कामन टील, शिपसेफ, यूरेशियन जैसे विदेशी पक्षी एशिया नार्थ, अमेरिका व यूरोप से यहां आते हैं।
जलकुंभी की सफाई के लिए प्रयागराज नगर निगम से एक माह के लिए मशीन मंगाई गई है। पिछले 15 दिनों से सफाई कार्य जारी है। जलकुंभी अत्यधिक तेजी से फैलती है और 5 से 10 दिन के भीतर दोगुणी हो जाती है, इसलिए पूरी साफ-सफाई के बाद ही इससे निजात मिल सकेगी।
प्रियंका पटेल, क्षेत्रीय वन अधिकारी

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