Updated: Wed, 22 May 2024 10:39 AM (IST)
Raebareli News डायरिया की चपेट में आने से जिला अस्पताल और निजी अस्पतालों में मरीजों का तांता लगा है। मंगलवार को भी तेज धूप व गर्म हवाओं ने लोगों को झकझोर डाला। अधिकतम तापमान 43 डिग्री सेल्सियस रिकार्ड किया गया। जिला अस्पताल में मंगलवार को रजिस्ट्रेशन कक्ष के बाहर मरीजों की लंबी लाइन रही। लगभग 1600 मरीज इलाज के लिए आए।
जागरण संवाददाता, रायबरेली। आसमान से बरस रही आग से हर कोई परेशान है। तेज धूप और भीषण गर्मी की चपेट में आकर लोग बीमार उल्टी-दस्त का शिकार हो रहे हैं। डायरिया की चपेट में आने से जिला अस्पताल और निजी अस्पतालों में मरीजों का तांता लगा है। मंगलवार को भी तेज धूप व गर्म हवाओं ने लोगों को झकझोर डाला। अधिकतम तापमान 43 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया।
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जिला अस्पताल में मंगलवार को रजिस्ट्रेशन कक्ष के बाहर मरीजों की लंबी लाइन रही। लगभग 1600 मरीज इलाज के लिए आए। जिसमें पेट दर्द, उल्टी दस्त, बुखार व एलर्जी से पीड़ित मरीज ज्यादा रहे। बच्चों की संख्या इनमें ज्यादा रही। 40 बेड का बच्चा वार्ड पूरी तरह से फुल है। 6 वर्षीय आर्यन, 4 साल की रोशिनी, तीन साल के गोपाल, चार साल की दिव्यांशा समेत करीब 35 बच्चे डायरिया के कारण भर्ती हैं।
हड्डी वार्ड भी पूरी तरह भरा हुआ रहा, जिसमें 86 बेड हैं। दीपक कुमार, सुखदेई, निर्मला देवी, आंचल, अनामिका उल्टी-दस्त से पीड़ित होने के कारण भर्ती रहे। वार्ड नंबर तीन में छह मरीज भर्ती। बढ़ते डायरिया के कारण लोग खासे परेशान हैं।
कई वार्डों में नहीं लगे है कूलर
भीषण गर्मी में मरीजों को अस्पताल प्रशासन कूलर तक मुहैया नही करा पा रहा है। बरामदे में लगे कूलर की वजह से मरीज मजबूरी में जमीन पर लेटने को मजबूर है। बछरावां से आए बृजलाल ने बताया कि बेटी को पेट में दर्द व उल्टी होने से सीएचसी से रेफर किया गया है, लेकिन यहां वार्ड नंबर 11 में बहुत गर्मी है। पंखा सिर्फ रेंग रहा है। कूलर भी नहीं लगा है।
अपनी बेटी दिव्यांशी का इलाज करा रही मां हेमावती ने बताया कि वार्ड नंबर 9 में इतनी गर्मी है, कि बैठना मुश्किल है। मजबूरी में बेटी को लेकर बाहर बैठना पड़ रहा। जगतपुर से मां का इलाज कराने आए राधेश्याम ने बताया कि वार्ड नंबर आठ पूरा भरा होने से गर्मी और ज्यादा है। न कूलर है, न ही पंखा तेज चल रहे है।
गर्मी से बचने के लिए यह करें उपाय
फिजीशियन डॉक्टर अशोक वर्मा ने बताया कि गर्मी से बचने के लिए घरों में रहे। यदि घर से बाहर निकलते हैं तो फुल आस्तीन के कपड़े पहनें और चेहरे को ढककर निकले। शरीर में पानी की कमी न होने दे। अधिक से अधिक नींबू पानी का सेवन करे। वहीं बाल रोग विशेषज्ञ डा राजेंद्र शर्मा ने बताया कि बच्चों को धूप से बचा कर रखे। नमकीन चीजों का ही सेवन कराए। उल्टी दस्त आने पर तुरंत चिकित्सक को दिखाएं।
डायरिया के मरीजों के लिए सभी इंतजाम है। दवाओं की पर्याप्त व्यवस्था है। बच्चा वार्ड में और बेड ब़ढए जाएंगे। सभी वार्डों में कूलर नहीं लगाया जा सकता है। गैलरी में कूलर लगा है। उसी से वार्डों में ठंडा बना रहता है। डॉ. महेंद्र मौर्य, सीएमएस, जिला अस्पताल
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