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    आजम परिवार की बढ़ीं मुश्किलें: बेटे अब्दुल्ला को दो पासपोर्ट के मामले में कोर्ट ने सुनाई सात साल की सजा, 50 हजार का जुर्माना

    Updated: Fri, 05 Dec 2025 01:37 PM (IST)

    रामपुर में आज़म खाँ के बेटे अब्दुल्ला आज़म को दो पासपोर्ट रखने के मामले में अदालत ने सात साल की सज़ा सुनाई है। साथ ही, उन पर पचास हज़ार रुपये का जुर्म ...और पढ़ें

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    जागरण संवाददाता, रामपुर। सपा नेता आजम खां के बेटे पूर्व विधायक अब्दुल्ला के खिलाफ दो पासपोर्ट मामले में शुक्रवार को फैसला सुनाया गया। 332 पेज के फैसले में एमपी एमएलए स्पेशल कोर्ट (मजिस्ट्रेट ट्रायल) के न्यायाधीश शोभित बंसल ने अब्दुल्ला को दोषी मानते हुए सात साल के कारावास की सजा सुनाई और 50 हजार रुपये का जुर्माना भी डाला है।

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    इस दौरान अब्दुल्ला आजम जिला कारागार से वीडियो कांफ्रेंस के जरिए न्यायालय में पेश हुए। इससे पहले दो जन्म प्रमाण पत्र और दो पैन कार्ड मामले में भी अब्दुल्ला को सात साल की सजा हाे चुकी है। वर्तमान में वह दो पैन कार्ड मामले में हुई सजा में रामपुर जेल में बंद हैं।

    अब्दुल्ला पर भाजपा विधायक आकाश सक्सेना ने सिविल लाइंस कोतवाली में प्राथमिकी दर्ज कराई थी, जिसमें अब्दुल्ला पर अलग-अलग जन्मतिथि से दो पासपोर्ट बनवाने का आरोप है। प्राथमिकी में कहा है कि असत्य एवं कूटरचित दस्तावेजों के आधार पर पासपोर्ट बनवाया गया और उसे उपयोग में भी लाया गया।

    एक पासपोर्ट में जन्मतिथि पहली जनवरी 1993 है, जबकि दूसरे पासपोर्ट में जन्मतिथि 30 सितंबर 1990 दर्ज है। दूसरा पासपोर्ट संख्या जेड-4307442 अब्दुल्ला के नाम 10 जनवरी 2018 को जारी हुआ था। गलत जानकारी देकर बनवाने पर उनका यह पासपोर्ट जब्त हो चुका है।

    इस मुकदमे में पुलिस ने जांच पूरी कर अब्दुल्ला के खिलाफ आरोप पत्र न्यायालय में दाखिल कर दिए थे। पुलिस द्वारा न्यायालय में दाखिल आरोप पत्र में अकेले अब्दुल्ला नामजद हैं। इस मामले की सुनवाई एमपी-एमएलए स्पेशल कोर्ट (मजिस्ट्रेट ट्रायल) में चल रही थी।

    संयुक्त निदेशक अभियोजन रोहताश कुमार पांडेय और सहायक अभियोजन अधिकारी स्वदेश कुमार शर्मा ने बताया कि अभियोजन मुकदमे की सुनवाई में कुल 24 गवाह पेश किए गए, जिसमें अभियोजन की ओर से पांच गवाह थे और बचाव पक्ष की ओर से 19 की गवाही कराई गई।

    न्यायालय ने सुनवाई के बाद फैसले में अब्दुल्ला को धोखाधड़ी से फर्जी दस्तावेज बनवाने और उनका प्रयोग करने का दोषी मानते हुए सात साल के कारावास और 50 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई है।

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