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    अब्दुल्ला के खिलाफ मारपीट और मतदान से रोकने के मामले में टली सुनवाई, अब 31 अक्‍टूबर को होगी गवाही

    Updated: Mon, 13 Oct 2025 07:27 PM (IST)

    सपा नेता आजम खां के बेटे पूर्व विधायक अब्दुल्ला के खिलाफ मारपीट और मतदान से रोकने के मामले में वरिष्ठ अधिवक्ता के निधन के कारण सोमवार को सुनवाई नहीं हो सकी। इस मामले में अभियोजन की ओर से गवाही कराई जा रही है। अब 31 अक्टूबर को सुनवाई होगी।

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    जागरण संवाददाता, रामपुर। सपा नेता आजम खां के बेटे पूर्व विधायक अब्दुल्ला के खिलाफ मारपीट और मतदान से रोकने के मामले में वरिष्ठ अधिवक्ता के निधन के कारण सोमवार को सुनवाई नहीं हो सकी। इस मामले में अभियोजन की ओर से गवाही कराई जा रही है। अब 31 अक्टूबर को सुनवाई होगी।

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    यह मामला वर्ष 2022 के विधानसभा चुनाव का है। पांच दिसंबर 2022 को शहर विधानसभा सीट पर उप चुनाव के लिए मतदान हुआ था। दो दिन बाद रजा डिग्री कालेज के पास रहने वाले नदीम खां ने गंज कोतवाली में प्राथमिकी दर्ज कराई थी, जिसमें कहा था कि वह मतदान के दिन शाम चार से पांच बजे के बीच वोट डालने गए थे।

    आरोप है कि वहां अब्दुल्ला अन्य सपाइयों व मीडिया कर्मियों के साथ बार-बार रजा डिग्री कालेज पर बने मतदान केंद्र के अंदर जाकर फर्जी वोट डलवा रहे थे। पुलिस द्वारा रोकने पर अब्दुल्ला के साथ चल रहे मीडिया कर्मियों ने पुलिस को धमकाया, जबकि इन मीडिया कर्मियों के पास प्रशासन की ओर से कोई अनुमति नहीं थी। जब वह वोट डालने जा रहे थे तो अब्दुल्ला के साथ चल रहे पत्रकारों ने उन्हें रोककर मतदाता पर्ची और पहचान पत्र दिखाने को कहा। मैंने उन्हें दिखाने से मना कर दिया। इस पर उन्होंने मुझे मतदान केंद्र से बाहर निकाल दिया।

    वापस आने पर जान से मारने की धमकी दी। वह मतदान केंद्र के बाहर चौराहे पर आ गए। कुछ देर में अब्दुल्ला अपने समर्थकों व पत्रकारों को लेकर वहां दोबारा आ गए। यहां फिर से गाली गलौज और एन्काउंटर कराने की धमकी दी। पुलिस ने इस मामले में अब्दुल्ला समेत राजस्थान पत्रिका के पत्रकार विकास सिंह, अंकुर प्रताप सिंह आदि के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की थी। मुकदमे की विवेचना पूरी कर सभी के खिलाफ आरोप पत्र न्यायालय में दाखिल कर दिए थे। इस मामले की सुनवाई एमपी-एमएलए स्पेशल कोर्ट (मजिस्ट्रेट ट्रायल) में चल रही है। इसमें न्यायालय द्वारा आरोप तय किए जा चुके हैं।