आजम खां के भड़काऊ भाषण मामले में नहीं आ सका फैसला, अब 23 सितंबर को होगी सुनवाई
रामपुर में आजम खां के भड़काऊ भाषण मामले में कोर्ट का फैसला टल गया है। अभियोजन पक्ष ने बहस के लिए और समय मांगा जिसके बाद न्यायालय ने 23 सितंबर की तारीख तय की है। यह मामला 2019 के लोकसभा चुनाव के दौरान आचार संहिता के उल्लंघन से जुड़ा है जिसमें आजम खां पर मतदाताओं को भड़काने का आरोप है। आजम खां वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से पेश हुए।

जागरण संवाददाता, रामपुर। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव आजम खां के विरुद्ध भड़काऊ भाषण के एक अन्य मामले में फैसला नहीं आ सका। इसमें अभियोजन की ओर से अभी और बहस की जानी है। मंगलवार को अभियोजन की ओर से बहस की गई। इसके बाद कुछ और बहस व कुछ रूलिंग पेश करने के लिए समय मांग लिया। न्यायालय ने सुनवाई के लिए 23 सितंबर नियत की है। इस दौरान आजम खां भी सीतापुर जेल से वीडियो कांफ्रेंस के जरिए न्यायालय में पेश हुए।
चुनाव आचार संहिता उल्लंघन का यह मामला वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव का है। आजम खां पहली बार लोकसभा चुनाव लड़े थे और जीते भी थे। इस दौरान उनके खिलाफ चुनाव आचार संहिता उल्लंघन का एक मामला सिविल लाइंस कोतवाली में दर्ज हुआ था। यह मुकदमा तत्कालीन उप जिलाधिकारी सदर प्रेम प्रकाश तिवारी की ओर से हुआ था।
इसमें आरोप है कि 23 अप्रैल 2019 को आजम खां की एक वीडियो इंटरनेट मीडिया पर प्रसारित हुई, जिसमें वह जनसभा में मतदाताओं को पुलिस के प्रति भड़का रहे थे और निर्धारित अवधि के बाद भी मतदान करने के लिए उकसा रहे थे। इसे आदर्श चुनाव आचार संहिता का उल्लंघन मानते हुए आजम खां के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज की गई थी।
पुलिस ने मुकदमे की विवेचना पूरी कर आजम खां के विरुद्ध चुनाव आचार संहिता के उल्लंघन करने व लोगों को भड़काने की धाराओं में आरोप पत्र न्यायालय में दाखिल कर दिया था। मुकदमे की सुनवाई एमपी-एमएलए स्पेशल कोर्ट (मजिस्ट्रेट ट्रायल) में चल रही है। इसमें बहस पूरी हो गई थी। पत्रावली पर फैसला आना था। बाद में अभियोजन ने कुछ और बहस और रूलिंग पेश करने के लिए समय मांग लिया था। मंगलवार को अभियाेजन की ओर से बहस की गई। बहस अभी पूरी नहीं हो सकी है।
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