आजम खान के खिलाफ सेना पर विवादित बयान का मामला पहुंचा फैसले के करीब, 16 अक्टूबर को सुनवाई
रामपुर में आजम खां के सेना पर विवादित बयान का मामला फैसले के करीब है अगली सुनवाई 16 अक्टूबर को होगी। भाजपा विधायक आकाश सक्सेना ने आजम खां पर सेना के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी करने का आरोप लगाया था। वहीं अब्दुल्ला के दो पैनकार्ड और पासपोर्ट मामले में 10 अक्टूबर को सुनवाई होगी जिसमें उन पर कूटरचित दस्तावेजों का उपयोग करने का आरोप है।

जागरण संवाददाता, रामपुर। सपा नेता आजम खां के खिलाफ सेना पर विवादित बयान देने संबंधी आठ साल पुराना मामला फैसले के करीब पहुंच गया है। इसमें गवाही की प्रक्रिया पूरी हो चुकी है। पत्रावली बहस पर लगी है। मंगलवार को बहस होनी थी, लेकिन अधिवक्ताओं के कार्य न करने के कारण बहस नहीं हो सकी। अब 16 अक्टूबर को सुनवाई हाेगी।
भाजपा विधायक आकाश सक्सेना ने 30 जून 2017 को सिविल लाइंस कोतवाली में रिपोर्ट कराई थी। तब आजम खां सांसद थे। भाजपा विधायक का कहना था कि आजम खां सपा कार्यालय पर अपने कार्यकर्ताओं को संबोधित कर रहे थे। वह केंद्र और प्रदेश सरकार के विरोध में बोल रहे थे। अचानक उन्होंने सेना के जवानों को लेकर आपत्तिजनक बयानबाजी कर दी। पुलिस ने इस मामले में जांच पूरी कर आजम खां के खिलाफ आरोप पत्र अदालत में दाखिल किया था। इस मामले की सुनवाई एमपी-एमएलए स्पेशल कोर्ट (मजिस्ट्रेट ट्रायल) में चल रही है।
अब्दुल्ला के दो पैनकार्ड व दो पासपोर्ट मामले में 10 को सुनवाई
सपा नेता आजम खां के बेटे पूर्व विधायक अब्दुल्ला के दो पासपोर्ट व दो पैन कार्ड मामले में 10 अक्टूबर को सुनवाई होगी। अब्दुल्ला पर ये दोनों मुकदमे भाजपा विधायक आकाश सक्सेना ने सिविल लाइंस कोतवाली में दर्ज कराए थे।
इनमें भाजपा विधायक ने अब्दुल्ला पर अलग-अलग जन्मतिथि से दो पासपोर्ट और दो पैन कार्ड बनवाने का आरोप लगाया है, जिसमें कहा कि असत्य एवं कूटरचित दस्तावेजों के आधार पर पासपोर्ट व पैन कार्ड बनवाया गया और उसे उपयोग में भी लाया गया। एक पासपोर्ट में जन्मतिथि पहली जनवरी 1993 है, जबकि दूसरे पासपोर्ट में जन्मतिथि 30 सितंबर 1990 दर्ज है।
पुलिस ने प्राथमिकी की जांच पूरी कर अब्दुल्ला के खिलाफ आरोप पत्र न्यायालय में दाखिल कर दिए थे। पासपोर्ट मामले में अकेले अब्दुल्ला आरोपित बनाए गए हैं, जबकि पैन कार्ड मामले में आजम खां भी आरोपित हैं। दोनों ही मामलों की सुनवाई एमपी-एमएलए स्पेशल कोर्ट (मजिस्ट्रेट ट्रायल) में चल रही है।
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