बाबा तरसेम हत्याकांड: 5 माह बाद जमानत पर रिहा हुआ अनूप सिंह, बिलासपुर पहुंचने पर जगह-जगह हुआ स्वागत
बाबा तरसेम हत्याकांड में आरोपी बाबा अनूप सिंह पांच महीने बाद जमानत पर रिहा होकर नवाबगंज पहुंचे, जहाँ उनका जोरदार स्वागत किया गया। उत्तराखंड पुलिस द्वारा नामजद किए जाने के बाद उन्होंने अदालत में आत्मसमर्पण किया था। जमानत मिलने पर समर्थकों ने उन्हें फूल मालाओं से लाद दिया और बाबा अनूप सिंह ने समाज सेवा जारी रखने का संकल्प लिया।

संवाद सहयोगी, बिलासपुर। बाबा तरसेम हत्याकांड में नामजद बाबा अनूप सिंह पांच माह बाद जमानत पर रिहा होकर नवाबगंज पहुंचे। यहां उनका जगह जगह स्वागत किया गया।
उत्तराखंड के नानकमत्ता स्थित धार्मिक स्थल के बाबा तरसेम सिंह की बीती 28 मार्च की तड़के गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। इस हत्याकांड में क्षेत्र के नवाबगंज स्थित धार्मिक स्थल के बाबा अनूप सिंह का नाम भी प्रकाश में आया था। उनका नाम प्रकाश में आने के बाद उत्तराखंड पुलिस प्रशासन ने उनके विरूद्ध कार्रवाई भी शुरू कर दी थी।
बाबा अनूप सिंह ने अपने ऊपर लगाए गए आरोपों को निराधार बताते हुए बीती पांच मई को न्यायालय में आत्म समर्पण कर दिया था। उनके आत्म समर्पण के बाद न्यायालय द्वारा उन्हें अल्मोड़ा उत्तराखंड की जेल भेज दिया था। बीती 9 अक्टूबर को नैनीताल हाईकोर्ट न्यायालय द्वारा उनकी जमानत मंजूर कर ली गई।
10 अक्टूबर की शाम उन्हें जमानत पर रिहा कर दिया गया। इसी बीच उन्हें जेल से लेने के लिए गाड़ियों का काफिला भी पहुंचा था। शनिवार को काफिला बाबा अनूप सिंह को अपने साथ नवाबगंज ले आया। रास्ते में रोक रोककर बाबा अनूप सिंह का सिख संगत द्वारा स्वागत किया गया।
संगत ने कहा कि बाबा अनूप सिंह पूरी तरह निर्दोष हैं। वह एक संत हैं और समाजसेवा करना उनका धर्म है। काफिले के नवाबगंज पहुंचने पर बाबा अनूप सिंह ने संगत से वार्ता की। कहा कि वह अपनी आखरी सांस तक समाज, देश और मानवता की सेवा के लिए कार्य करते रहेंगे।
इस मौके पर दलबारा सिंह, लखविंदर सिंह, निर्मल सिंह, जसजीत सिंह, हरजीत सिंह, अमरजीत सिंह, हंसपाल सिंह, परविंदर सिंह, महेंद्र सिंह, रंजीत सिंह, हरविंदर सिंह बाजवा, चरनजीत सिंह, गुरमीत सिंह, बलजीत सिंह बिट्टू, सुखदेव सिंह, सूरज सिंह, शिवदेव सिंह, कुलदीप सिंह, जगदीश सिंह आदि मौजूद रहे।
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