By Bhaskar SinghEdited By: riya.pandey
Updated: Fri, 23 Jun 2023 07:30 PM (IST)
प्रदेश के 13 साल पुराने चर्चित कारतूस घोटाले के मामले में शुक्रवार को सुनवाई नहीं हो सकी। अदालत अब तीन जुलाई को सुनवाई करेगी। एसटीएफ लखनऊ ने 29 अप्रैल ...और पढ़ें
जागरण संवाददाता, रामपुर : प्रदेश के 13 साल पुराने चर्चित कारतूस घोटाले के मामले में शुक्रवार को सुनवाई नहीं हो सकी। अदालत अब तीन जुलाई को सुनवाई करेगी। एसटीएफ लखनऊ ने 29 अप्रैल 2010 को कारतूस घोटाले का पर्दाफाश किया था।
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एसटीएफ की टीम ने कारतूस घोटाले में तीन को किया था गिरफ्तार
स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) की टीम ने ज्वाला नगर रेलवे क्रासिंग के पास घोटाले के सूत्रधार पीएसी से सेवानिवृत्त दारोगा यशोदा नंद को गिरफ्तार किया था। उसके साथ सीआरपीएफ के दो जवान भी पकड़े गए थे। एसटीएफ ने तीनों के कब्जे से 1.76 लाख रुपये और ढाई क्विंटल खोखा कारतूस बरामद किए थे। जांच में इस घोटाले में दूसरे जिलों में तैनात रहे आर्मरर के नाम भी सामने आए। सभी को गिरफ्तार कर बी वारंट पर यहां लाया गया। सभी के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किए गए। वर्तमान में सभी आरोपी जमानत पर हैं।
घोटाले के मुख्य आरोपी की हो चुकी है मौत
मुकदमा घोटाले के मुख्य आरोपी यशोदानंद की मौत हो गई थी। मुकदमे की सुनवाई चल रही है। ज्यादातर आरोपियों की पैरवी कर रहे अधिवक्ता डीके नंदा ने बताया कि मुकदमे में अभियोजन की गवाही पूरी हो चुकी है। धारा 313 के अंतर्गत आरोपी के बयान भी दर्ज हो चुके हैं। अदालत ने आरोपी को सफाई पेश करने का मौका दिया है। शुक्रवार को सुनवाई होनी थी।
अधिक गर्मी के चलते वकीलों ने 28 जून तक न्यायिक कार्य को टाला
अधिवक्ता डीके नंदा ने बताया कि गर्मी के कारण वकीलों ने 28 जून तक न्यायिक कार्य नहीं किए जाने का निर्णय लिया है। इसके चलते सुनवाई नहीं हो सकी। हालांकि आरोपी कोर्ट आए थे। अदालत अब तीन जुलाई को सुनवाई करेगी।
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