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    चुनाव की आहट, कुर्सी पर आफत! प्रधानों को घेरने का नया फॉर्मूला, 'शिकायती बम'

    Updated: Wed, 10 Dec 2025 06:09 PM (IST)

    उत्तर प्रदेश के रामपुर में पंचायत चुनाव की आहट के साथ, प्रधानों को घेरने का एक नया फॉर्मूला सामने आया है - 'शिकायती बम'. इस नए तरीके से प्रधानों की कु ...और पढ़ें

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    प्रतीकात्‍मक च‍ित्र

    जागरण संवाददाता, रामपुर। पंचायत चुनाव नजदीक आ रहे हैं। शासन प्रशासन के द्वारा मतदाता सूचियों व परिसीमन को लेकर कार्य कराए जाने से तैयारियां भी तेज है। इसकी हलचल ग्राम पंचायतों में महसूस की जा रही है। ग्राम प्रधान की कुर्सी कब्जाने को लेकर दावेदार सक्रिय हो गए हैं।

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    एक तरफ कुर्सी पर जमे ग्राम प्रधान अपने नाराज करीबियों व मतदाताओं को अपने खेमे में शामिल करने को सुबह-शाम उनके घरों के चक्कर काटने लगे हैं तो दूसरे पिछले चुनावों में मात खाए उम्मीदवार व नए दावेदार चुनावी घोषणा से पहले ही प्रधानों पर शिकायतों के तीरे छोड़ने लगे हैं।

    विकास कार्यों में धांधली के आरोप लगाकर उन्हें घेर रहे हैं ताकि उन पर सरकारी कार्रवाई का शिकंजा सकने पर उन्हें कुर्सी से बेदखल कर अपनी दावेदारी को मजबूत किया जा सके। ऐसे ही चार मामलों में जांच समितियों का गठन किया गया है। एक ग्राम पंचायत में प्रधान का पद रिक्त भी घोषित हो गया है।

    ग्राम पंचायतों में प्रधान की कुर्सी भी रसूख वाली मानी जाती है। इस कुर्सी के माध्यम से ही गांव के विकास के साथ भारत सरकार व प्रदेश सरकार की योजनाओं का लाभ भी गांव तक पहुंचता है। अब अगले साल पंचायत चुनाव प्रस्तावित हैं। इसकी तैयारियां तेजी पर हैं। इसी क्रम में दावेदारों की सक्रियता बढ़ गई हैं।

    शिकवे-शिकायतों का दौर भी शुरू हो गया है। कुछ ग्रामीणों व पराजित उम्मीदवारों को गांव के विकास कार्यों में खामियां व धांधली तो पहले भी नजर आ रहीं थी लेकिन वे खुलकर विरोध करने को सामने नहीं आना चाहते थे। इस कारण चाह कर भी शिकायतों के पचड़े में पड़ने से बचते रहे। अब चुनावी दौर नजदीक आने पर रणनीति के तहत मौजूदा ग्राम प्रधानों को घेरने के लिए आगे आने लगे हैं।

    स्थानीय अधिकारियों से लेकर उच्च अधिकारियों तक से शिकायतें की जा रही हैं जिनमें विकास कार्यों में धांधली के आरोप लगाते हुए जांच व कार्रवाई की मांग की जा रही है। इसी तरह की चार शिकायत को लेकर जांच के लिए कमेटी भी बना दी गई हैं जो जांच कर रहीं हैं। कुछ ने गांव पहुंचकर आरोपों की जांच की पड़ताल शुरु कर दी है तो कुछ ने जांच शुरु कराने को पंचायत सचिवों से पत्रावली तलब की है।

    प्रकरण एक: ग्राम पंचायत ठिरिया सालेपुर के विजय आदि ग्रामीणों ने गांव में विकास कार्य में धांधली बरते जाने, कार्य नहीं कराने आदि के आरोप लगाते हुए ग्राम प्रधान की शिकायत की। जिला अधिकारी अजय कुमार द्विवेदी के स्तर से आरोपों की जांच को जिला प्रोबेशन अधिकारी ईरा आर्य के नेतृत्व में समिति गठित की है। समिति में सिंचाई विभाग के अधिशासी अभियंता नवीन कुमार भी शामिल हैं।

    प्रकरण दो: विकास खंड मिलक की ग्राम पंचायत हरैया के कुछ ग्रामीण भी ग्राम प्रधान द्वारा कराए विकास कार्यों से संतुष्ट नहीं हैं। यहां के अखिल कांत मिश्र आदि ने कुछ बिंदुओं को लेकर शिकायत कर जांच की मांग की। उनकी शिकायत की जांच कराने को भी जिला प्रोबेशन अधिकारी ईरा आर्य के नेतृत्व में समिति गठित की है। इसमें तकनीकी अधिकारी के रूप में जल निगम ग्रामीण के अधिशासी अभियंता मोहित कुमार भी शामिल हैं।

    प्रकरण तीन: विकास खंड बिलासपुर की ग्राम पंचायत खजुरिया के विकास कार्यों की जांच यूपी नेडा के परियोजना अधिकारी सूर्य कुमार व आरईडी के एक्सईएन को सौंपी गई है। इस ग्राम पंचायत में प्राथमिक विद्यालय में मिट्टी व इंटरलाकिंग के कार्य, नंहेशाह व अरसलान के घर के पास के रिबोर,हैंडपंप के मरम्मत कार्य आदि पर अंगुली उठाते हुए राहत खां आदि ने शिकायत की है।

    प्रकरण चार: विकास खंड सैदनगर की ग्राम पंचायत खंडिया के प्रधान पद से कार्यमुक्त हुई साबरी बेगम ने जनवरी से जून के बीच रिक्त रहे समय में ग्राम पंचायत के संचालन को गठित ध्यान सिंह के नेतृत्व वाली समिति के कार्यकाल में हुए विकास कार्यों की जांच की मांग की है। इनके आरोपों की जांच का दायित्व जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी गौरव खड़ायत के नेतृत्व में बनी समिति को सौंपा गया है।

    खंडिया ग्राम पंचायत में प्रधान पद रिक्त घोषित

    जिला मजिस्ट्रेट अजय कुमार द्विवेदी द्वारा खंडिया ग्राम पंचायत में प्रधान पद रिक्त घोषित किया गया है। यहां पहले साबरी बेगम गांव की प्रधान थीं। उन पर लगे आरोपों की जांच में तीन लाख रुपये से अधिक की वित्तीय अनियमितता की पुष्टि होने पर प्रधान को पद मुक्त करने की कार्रवाई की जा चुकी है।

     

    ग्राम पंचायतों में विकास कार्य मानक के अनुसार नहीं होने को लेकर जो भी शिकायतें प्राप्त हो रहीं हैं उनकी जांच कराई जा रही है। शिकायतें सही व गलत होने की बात जांच पूरी होने पर ही पता लगेगी। जिलाधिकारी के स्तर से चार ग्राम पंचायतों के कार्यों की जांच के लिए समिति गठित की गई हैं।

    - एनएल गंगवार, जिला पंचायतराज अधिकारी


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