Updated: Thu, 04 Sep 2025 07:24 PM (IST)
रामपुर के स्वार में कोसी नदी का जलस्तर घटने के बावजूद तेज बहाव से किसानों के खेतों का कटान जारी है। नदी का बहाव बांध के करीब होने से खतरा बढ़ गया है क्योंकि बांध जर्जर हालत में है। किसानों ने सिंचाई विभाग पर लापरवाही का आरोप लगाया है और प्रशासन से जल्द कदम उठाने की मांग की है ताकि बांध और उनकी जमीन को सुरक्षित रखा जा सके।
संवाद सहयोगी, स्वार। कोसी नदी का जलस्तर भले ही धीरे-धीरे घटने लगा है, लेकिन तेज धार के कारण किसानों की जमीनों का कटान शुरू हो गया है। नदी की धार इस समय बांध से सटी हुई बह रही है। हालात ऐसे हैं कि अगर दोबारा नदी में उफान आया तो बांध पानी का बहाव नहीं झेल पाएगा।
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कोसी नदी का बांध सन 2011 में 14 करोड़ की लागत से बनाया गया था लेकिन सिंचाई विभाग कि देखरेख के अभाव में जगह जगह जर्जर हो गया है। उत्तराखंड के रामनगर बैराज से रुक रुककर पानी छोड़ा गया था। जिससे कोसी नदी का जलस्तर बढ़ गया था। फिलहाल कोसी नदी में रामनगर से 13443 क्यूसेक पानी चल रहा है। खतरे के निशान से नीचे है। लेकिन, तेज धार के चलते किसानों की जमीनों का कटान करना शुरू कर दिया है। जिससे किसान खासे परेशान हैं। किसान नदी पार अपनी जमीनों में खड़ी फसल को देख नही पा रहे हैं और पशुओं के लिए लगाया चारा भी नष्ट होकर रह गया है।
गांव धनौरी निवासी सूर्य प्रकाश पाल, धर्मेन्द्र कुमार, अजय प्रकाश मौर्या, भजन सिंह का आरोप है कि सिंचाई विभाग बांध के प्रति लापरवाह बना है। रुस्तमनगर छापर्रा गांव के सामने पिछले वर्ष बांध कट गया था। जिलाधिकारी द्वारा तुरंत मरम्मत कराई गई थी।
आरोप है कि अगर कोसी नदी में फिर से उफान आया तो बांध पानी का तेज बहाव नही झेल पायेगा। जिसका खमियाजा नदी किनारे बसे दो दर्जन से अधिक गांवों के लोगो को झेलना पड़ेगा। इकबाल अहमद, शरीफ, कुंदन सिंह, रमेश का कहना है कि उनकी मेहनत की फसल और खेत दोनों कटान की चपेट में आ रहे हैं। कई जगह खेतों की मेड़ टूट चुकी है और पेड़ भी नदी में समा रहे हैं। ग्रामीणों ने प्रशासन से जल्द प्रभावी कदम उठाने की मांग की है, ताकि बांध और किसानों की जमीन दोनों को सुरक्षित रखा जा सके। एसडीएम अमन देओल ने बताया कि सिंचाई विभाग को आदेशित कर बांध की मरम्मत कराई जायेगी। लोगो से नदी के पास न जाने की अपील की गई है। कोसी नदी का जलस्तर घट गया है।
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