Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    दारुल उलूम देवबंद में साधारण छात्र बन क्लास में बैठे अफगान विदेश मंत्री, उस्ताद बन मोहतमिम ने दिया सबक

    By Jagran News Edited By: Praveen Vashishtha
    Updated: Sat, 11 Oct 2025 10:07 PM (IST)

    अफगानिस्तान के विदेश मंत्री अमीर खान मुत्तकी ने देवबंद दौरे के दौरान दारुल उलूम से अपने वैचारिक रिश्तों को मजबूत बताया। उन्होंने एक छात्र की तरह हदीस का पाठ पढ़ा। मुत्तकी ने दारुल उलूम को अपना आध्यात्मिक केंद्र बताया और कहा कि यहां का वातावरण महसूस करना उनका सपना था। उन्होंने अफगानी छात्रों के लिए शैक्षिक सहयोग पर भी बात की।

    Hero Image

    दारुल उलूम में मौलाना अरशद मदनी से बातचीत करते अफगानिस्तान के विदेश मंत्री अमीर खान मुत्तकी। जागरण


    मोईन सिद्दीकी, जागरण, देवबंद (सहारनपुर)। देवबंद को अपनी धार्मिक परंपरा का स्रोत मानने वाले अफगानिस्तान के विदेश मंत्री अमीर खान मुत्तकी देवबंद दौरे के दौरान तालिबान के दारुल उलूम से वैचारिक रिश्तों की मजबूती को बता गए। यहां तक कि उन्होंने एक साधारण छात्र बनकर हदीस का पाठ पढ़ा और शिक्षा देने वाले मोहतमिम मुफ्ती अबुल कासिम नौमानी का माथा तक चूम लिया।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    Muttaqi 650

     दारुल उलूम की खूब तारीफ की

    शनिवार को दारुल उलूम पहुंचे अमीर खान मुत्तकी ने दारुल उलूम की खूब तारीफ की। उन्होंने कहा कि दारुल उलूम देवबंद के वातावरण को महसूस करना उनका सपना था। दारुल उलूम हमारा आध्यात्मिक केंद्र है। उन्होंने शनिवार को दारुल उलूम में बिताए समय को जीवन के यादगार पल बताया। वह एक साधारण छात्र की तरह दौरा-ए-हदीस (अरबी फाइनल ईयर) की कक्षा में जाकर बैठ गए और हदीस का पाठ पढ़ने के बाद सनद हासिल की। उलमा ने उनकी दस्तारबंदी भी की। इस दौरान मुत्तकी का चेहरा खुशी से खिला रहा। उन्होंने दारुल उलूम में आने को अपनी खुशकिस्मती बताया।

    दारुल उलूम में पढ़ते हैं 12 अफगानी छात्र

    एक समय था जब दारुल उलूम में बड़ी संख्या में अफगानिस्तान के छात्र शिक्षा ग्रहण करते थे। बाद में तालिबान और अफगानिस्तान की तत्कालीन सरकार के बीच चले लंबे युद्ध के कारण अफगानिस्तान के छात्रों का यहां आना कम हो गया। फिलहाल यहां केवल 12 अफगानी छात्र पढ़ाई कर रहे हैं। अफगानिस्तान के विदेश मंत्री के दौरे के बाद अब उम्मीद है कि दारुल उलूम की ओर से शैक्षिक सहयोग बढ़ेगा और अफगानी छात्रों की संख्या में वृद्धि होगी।

    दारुल उलूम से रूहानी रिश्ता: मुत्तकी

    इससे पूर्व भारत दौरे पर आए अफगानिस्तान के विदेश मंत्री अमीर खान मुत्तकी शनिवार को देवबंद पहुंचे। उलमा और छात्रों ने उनका गर्मजोशी से स्वागत किया। मुत्तकी ने कहा कि यूं तो भारत और अफगानिस्तान के बीच पुराने दोस्ताना रिश्ते हैं, लेकिन अब दोनों देशों के बीच और गहरे हो रहे संबंधों से राजनीतिक और व्यापारिक रिश्तों को नई मजबूती मिलेगी। उन्होंने दारुल उलूम देवबंद और उलमा की भी खूब तारीफ की।
    अफगानिस्तान के विदेश मंत्री अमीर खान मुत्तकी सुबह करीब 11.30 बजे सडक़ मार्ग से दारुल उलूम पहुंचे। जहां जमीयत उलमा ए हिंद के अध्यक्ष मौलाना अरशद मदनी समेत वरिष्ठ उलमा ने उनका जोरदार स्वागत किया। अपने दौरे के दौरान अमीर खान मुत्तकी ने कहा कि जिस प्रकार से दोनों देशों की सरकारों के बीच आपसी समन्वय और सामंजस्य स्थापित हो रहा है, भविष्य में इसके सकारात्मक परिणाम सामने आएंगे। उन्होंने कहा कि सरकार के नुमाइंदों से अच्छे माहौल में बात हुई है, जिससे दोनों देश और अधिक मजबूत संबंधों की ओर बढ़ेंगे। उन्होंने कहा कि दारुल उलूम से रूहानी रिश्ता है। उनकी यहां आने की हमेशा से ख्वाहिश थी, जो आज पूरी हुई। उन्होंने भव्य स्वागत के लिए दारुल उलूम प्रबंधन और छात्रों को धन्यवाद दिया।
    मुत्तकी ने दारुल उलूम प्रबंधन से अफगानी छात्रों के लिए एजुकेशन वीजा, शैक्षिक सहयोग समेत अन्य मुद्दों पर भी बात की। दारुल उलूम ने मुत्तकी को हर संभव सहयोग का आश्वासन दिया।

    सुरक्षा कारणों से पांच की जगह तीन घंटे का रहा कार्यक्रम 

    देवबंद में अफगानिस्तान के विदेश मंत्री का पांच घंटे का कार्यक्रम था, यहां उन्हें छात्रों को सम्बोधित भी करना था। हालांकि अत्यधिक भीड़ होने के चलते सुरक्षा कारणों से उनका आगे का कार्यक्रम रद्द करना पड़ा और वह तीन घंटे यहां रहने के बाद दोपहर ढाई बजे दिल्ली के लिए रवाना हो गए। यह पहला मौका था जब अफगानिस्तान में तालिबान की सरकार बनने के बाद कोई वरिष्ठ नेता देवबंद आए।