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    दहेज में मिल रहा लाखों रुपया लौटाया... दूल्हे मियां को नारियल और एक रुपया भाया

    By Praveen Kumar Edited By: Praveen Vashishtha
    Updated: Mon, 03 Nov 2025 01:34 PM (IST)

    बड़गांव और नकुड़ में दो दूल्हों ने दहेज प्रथा के खिलाफ मिसाल कायम की। बड़गांव में दूल्हे ने 13 लाख रुपये का दहेज लौटाया और नकुड़ में एक दूल्हे ने 5 लाख रुपये वापस कर दिए। दोनों ने शगुन के तौर पर सिर्फ एक रुपया लिया और कहा कि दुल्हन से बड़ा कोई दहेज नहीं होता। इन दूल्हों ने समाज को दहेज प्रथा के खिलाफ एक मजबूत संदेश दिया है।

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    दुल्हन अंजना चौहान व दूल्हा उत्कर्ष पुंडीर और गौरी संग गुलशन चौहान। जागरण 

    संवाद सूत्र, जागरण, बड़गांव (सहारनपुर)। दहेज जैसी कुप्रथा पर कड़ा प्रहार करते हुए एक दूल्हे ने दहेज में मिले 13 लाख रुपये वापस लौटा दिए। शगुन के तौर पर मात्र एक रुपया व नारियल उठाते हुए कहा कि दुल्हन से बड़ा कोई दहेज नहीं।

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    क्षेत्र के शब्बीरपुर निवासी अजब सिंह की लड़की गौरी उर्फ बुलबुल की शादी थी। रविवार को हरियाणा के करनाल जिले के बीजना गांव निवासी राजेन्द्र सिंह का पुत्र गुलशन चौहान बरात लेकर पहुंचा था। शादी समारोह अंबेहटा चांद स्थित एक बैंक्वेट हाल में आयोजित किया जा रहा था। रस्म के तौर पर लड़की के पिता अजब सिंह समाज के लोगों के साथ बरात का स्वागत करने पहुंचे।

    इस दौरान लडकी पक्ष ने टीका करते हुए शगुन में 13 लाख रुपये दिए तो दूल्हे गुलशन ने दहेज को नकारते हुए सभी पैसे वापस कर दिए। उसने मात्र एक रुपया शगुन के तौर पर उठाया। गुलशन ने कहा कि दूल्हन से बड़ा कोई दहेज नहीं। गुलशन के मौसा प्रधान दिलबाग सिंह ने बताया कि गुलशन करनाल में प्रापर्टी का बिजनेस करता है।


    उधर, नकुड़ में विवाह समारोह में शगुन के तौर पर एक रुपया लेकर दूल्हे ने दहेज प्रथा की परंपरा को बंद करने का संदेश दिया। गांव टाबर निवासी धर्मवीर सिंह की पुत्री अंजना चौहान का रिश्ता गांव खुडाना निवासी राजेश सिंह के पुत्र उत्कर्ष पुंडीर के साथ तय हुआ था। रविवार को उत्कर्ष पुंडीर सहित पूरी बरात का टाबर गांव में पारम्परिक रूप से स्वागत किया गया। कन्या पक्ष की ओर से विवाह में शगुन के तौर पर वर पक्ष को पांच लाख रुपये दिए गए।

    दूल्हे उत्कर्ष ने शगुन में केवल एक रुपया लिया और पांच लाख रुपये कन्या पक्ष को लौटा दिए। वर्तमान समय मे जहां विवाह में दहेज के रूप में एक से बढ़कर एक उदाहरण देखने मे मिलते हैं। वहीं उत्कर्ष पुंडीर ने समाज मे दहेज प्रथा की परंपरा को बंद करने का संदेश दिया। दूल्हे द्वारा की गई इस पहल की धर्मेन्द्र राणा, परमजीत राणा, संजय खुडाना, अजय चौहान, प्रीतम सिंह, अमरीश राणा, सचिन चौहान सहित सभी ग्रामीणों ने प्रशंसा की है।