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    आतंकी डा.आदिल के मोबाइल में मिला सुराग... मिल रहा कश्मीरी छात्रों का कनेक्शन, पुलिस खंगाल रही डिटेल और लोकेशन

    By Manish Sharma Edited By: Praveen Vashishtha
    Updated: Fri, 14 Nov 2025 12:21 PM (IST)

    सहारनपुर में आतंकी आदिल के मोबाइल से कश्मीरी छात्रों समेत कई संदिग्ध नंबर मिले हैं, जिससे छात्रों को बरगलाकर अपने साथ जोड़ने का शक गहरा गया है। एटीएस और जम्मू-कश्मीर पुलिस इन नंबरों की जांच कर रही है, जिनमें मदरसों, राजकीय मेडिकल कॉलेज और दारुल उलूम के छात्रों के नंबर शामिल हैं। सुरक्षा एजेंसियां नेटवर्क के तार जोड़ने में जुटी हैं।

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    सहारनपुर में आतंकी आदिल के मोबाइल से कश्मीरी छात्रों समेत कई संदिग्ध नंबर मिले हैं, जिससे छात्रों को बरगलाकर अपने साथ जोड़ने का शक गहरा गया है। (प्रतीकात्मक फोटो)

    जागरण संवाददाता, सहारनपुर। लाजिस्टिक और फाइनेंशियल चैनल संभालने वाले आतंकी डा. आदिल अहमद राथर और साथियों की मंशा सहारनपुर के रास्ते ट्रांसपोर्टेशन चैनल विकसित करने की तो थी ही, साथ ही जिले में पढ़ रहे जम्मू-कश्मीर के छात्रों को बरगलाकर कर साथ लाने की भी थी। आतंकी आदिल के मोबाइल से मिले संदिग्ध नंबर और वाट्सएप चैट व कालिंग ऐसा ही इशारा कर रही है। जिले के मदरसों समेत राजकीय मेडिकल कालेज और दारुल उलूम में पढ़ने वाले जम्मू-कश्मीर के छात्रों के नंबर आदिल के मोबाइल से मिले हैं। एटीएस के साथ जम्मू-कश्मीर पुलिस सभी संदिग्ध नंबरों को ट्रेस कर काल डिटेल और लोकेशन खंगालने में जुटी है।

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    दिल्ली धमाके के बाद उजागर हुए व्हाइट कालर माड्यूल के सहारनपुर कनेक्शन की परतें उधड़नी शुरू हो गई हैं। देर शाम जम्मू-कश्मीर पुलिस की टीम और आइबी ने जहां जिले में पहुंचकर छानबीन की, वहीं अन्य सुरक्षा एजेसिंयां भी आतंक की जड़ तलाश रही है। एटीएस सूत्रों के मुताबिक, सहारनपुर से पकड़े गए आतंकी आदिल के मोबाइल में सैकड़ों संदिग्ध नंबर मिले हैं। इनमें खासतौर से सहारनपुर और निकटवर्ती इलाकों में रह रहे जम्मू-कश्मीर के छात्रों के मोबाइल नंबरों की छंटनी की जा रही है। इनमें पिलखनी के राजकीय मेडिकल कालेज में पढ़ने वाले कश्मीरी छात्रों के अलावा अन्य कई मुस्लिम छात्रों के मोबाइल नंबर शामिल हैं, वहीं दारुल उलूम के कई छात्रों से भी आदिल का संपर्क सामने आया है, जिनके नंबर उसके मोबाइल में मिले हैं।

    एटीएस और जम्मू-कश्मीर पुलिस के साथ सुरक्षा एजेंसियां इन मोबाइल नंबरों को ट्रेस कर लोकेशन के आधार पर मूवमेंट व नेटवर्क के तार जोड़ रही है। इसके अलावा काल डिटेल खंगालकर दिल्ली के गुनहगारों की कड़ी से कड़ी जोड़ने में जुटी है। सुरक्षा एजेंसियों को शक है कि आदिल और उसके साथी छात्रों का ब्रेनवाश कर नेटवर्क का हिस्सा या स्लिपर सेल बनाने का जाल बुन रहे थे।

    जम्मू-कश्मीर जाने वाले कामगार भी रडार पर
    जिले से बड़ी संख्या में कामगार जम्मू-कश्मीर जाते हैं। वहीं लकड़ी और सेब के कारोबार के सिलसिले में भी सफेदपोशों का आना-जाना लगा रहता है। सूत्रों के अनुसार आदिल के मोबाइल में कुछ नंबर ऐसे भी मिले हैं, जो पिछले छह से आठ महीने के भीतर कई बार जम्मू-कश्मीर गए हैं।

    गोपनीय पत्र में उठी थी विदेश फंडिंग की बात
    पिछले दिनों देवबंद क्षेत्र के एक युवक ने पुलिस समेत गृहमंत्रालय को पत्र भेजकर जिले में संदिग्ध गतिविधियों की बाबत अंदेशा जताया था। पत्र में विदेशी फंडिंग के साथ-साथ अन्य कई गंभीर सूचनाओं के साथ खातों के लेन-देन भी उपलब्ध कराए थे। उस दरम्यान भी राजकीय मेडिकल कालेज के कुछ छात्रों के साथ संदिग्ध युवकों के रुकने का जिक्र पत्र में किया गया था। अभी हमसे किसी सुरक्षा एजेंसी ने संपर्क नहीं किया है। हमसे जो जानकारी मांगी जाएगी उसे उपलब्ध कराया जाएगा। -डा. सुधीर राठी, प्राचार्य, राजकीय मेडिकल कालेज

    पुलिस को जांच में पूरा सहयोग किया जा रहा
    एटीएस और जम्मू-कश्मीर पुलिस को जांच में पूरा सहयोग किया जा रहा है। जिला पुलिस भी अपने स्तर पर तथ्यों को जुटाने लगी है। संदिग्धों पर नजर रखी जा रही हैं। बार्डर पर प्रत्येक आने-जाने वाले पर विशेष नजर रखी जा रही है। जानकारी में आ रहे प्रत्येक सूचना-साक्ष्य को सुरक्षा एजेंसियों से साझा किया जा रहा है। - आशीष तिवारी, एसएसपी