Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    PM सम्मान निधि की अगली किस्त चाहिए तो तुरंत करा लें ये काम, तीन डॉक्यूमेंट हैं बेहद जरूरी

    Updated: Sun, 16 Nov 2025 03:52 PM (IST)

    संभल में किसान सम्मान निधि योजना के लाभार्थियों में से 2.14 लाख ने फार्मर आईडी नहीं बनवाई है। सरकार ने स्पष्ट किया है कि बिना आईडी अगली किस्त नहीं मिलेगी। जिले में जागरूकता अभियान चल रहा है, पर किसानों में कमी दिख रही है। फार्मर आईडी न होने पर कृषक योजनाओं से वंचित रह सकते हैं। किसान कृषि विभाग के पोर्टल पर जाकर ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं।

    Hero Image

    जागरण संवाददाता, संभल। जनपद में प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के 3.39 लाख लाभार्थियों में से लगभग 2.14 लाख किसान ऐसे हैं जिन्होंने अब तक अपनी फार्मर आईडी नहीं बनवाई है। सरकार स्पष्ट कर चुकी है कि बिना फार्मर आईडी अगली किस्त से योजना का लाभ नहीं दिया जाएगा, जबकि इस बार 19 नवंबर को मिलने वाली किस्त सभी को मिल जाएगी।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    लेकिन उसके बाद बड़ी संख्या में किसान वंचित हो सकते हैं, जिससे उनका आर्थिक नुकसान तय है। जिले में अभियान चल रहा है, पर किसानों में जागरूकता की भारी कमी दिखाई दे रही है। यदि उन्होंने समय रहते फार्मर आईडी नहीं बनवाई तो सम्मान निधि सहित कृषक संबंधी अन्य योजनाओं से भी हाथ धोना पड़ सकता है।

    प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना दिसंबर 2018 में शुरू हुई और फरवरी 2019 में पहली किस्त जारी हुई। यह योजना किसानों के लिए एक महत्वपूर्ण आर्थिक सहारा बन चुकी है, जिसके तहत पात्र किसानों को प्रतिवर्ष 6000 रुपये की सहायता दी जाती है।

    परंतु अब केंद्र और राज्य सरकार ने निर्देश दिए हैं कि भविष्य में योजना का लाभ केवल उन्हीं किसानों को दिया जाएगा जिनकी फार्मर आईडी अपडेटेड होगी। जनपद में वर्तमान समय में 339000 किसान इस योजना के लाभार्थी हैं, लेकिन इनमें से केवल 125000 किसानों ने ही अब तक फार्मर आईडी बनवाई है।

    उप कृषि निदेशक अरुण कुमार त्रिपाठी ने बताया कि लगभग 214000 किसान आगामी किस्तों से बाहर हो सकते हैं यदि उन्होंने तुरंत कार्यवाही नहीं की। किसानों को यह समझना होगा कि फार्मर आईडी केवल सम्मान निधि ही नहीं बल्कि सभी कृषक योजना का आधार है, जिससे बीज, खाद, उपकरण, फसल बीमा, कृषि अनुदान और नई तकनीक से जुड़ी सुविधाएं लाभार्थियों तक सीधे पहुंचाई जा सकेंगी।

    इसी उद्देश्य से जिले की हर ग्राम पंचायत और हर राजस्व गांव में विशेष अभियान चलाया जा रहा है, जिसमें कृषि विभाग, पंचायत सचिव, लेखपाल, सहायकों और जनसेवा केंद्रों की टीम लगातार काम कर रही है। कई किसान जानकारी के अभाव में इंतजार कर रहे हैं या इसे सामान्य प्रक्रिया समझकर टाल रहे हैं, जबकि यह सीधे उनकी आर्थिक सुरक्षा का सवाल है।

    कृषि विभाग लगातार चेतावनी दे रहा है कि यदि समय पर फार्मर आईडी नहीं बनवाई गई तो अगली किस्त से लाभ रोका जा सकता है। किसानों को स्वयं आगे आकर इस प्रक्रिया को पूरा करना होगा ताकि योजनाओं से मिलने वाली सहायता निर्बाध रूप से जारी रहे।

    किसानों को क्या करना होगा

    फार्मर आईडी बनाने की प्रक्रिया बेहद सरल है और किसान स्वयं इसे पूरा कर सकते हैं। इसके लिए उन्हें केवल तीन दस्तावेजों की आवश्यकता होती है, आधार कार्ड, खतौनी और मोबाइल नंबर। किसान सीधे कृषि विभाग के पोर्टल पर जाकर ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं, जहां फार्मर आईडी बनाने का विकल्प उपलब्ध है।

    जिन किसानों को पोर्टल का उपयोग कठिन लगता है, वे नजदीकी जन सेवा केंद्र पर जाकर फार्मर आईडी बनवा सकते हैं, जहां 20 से 50 रुपये शुल्क लेकर यह प्रक्रिया पूरी कर दी जाती है। इसके अतिरिक्त पंचायत भवन में तैनात सचिवालय, पंचायत सचिव, लेखपाल और पंचायत सहायक किसानों की मदद करने के लिए उपलब्ध हैं।

    जिला प्रशासन ने प्रत्येक ग्राम पंचायत और सभी राजस्व गांवों में फार्मर आईडी शत-प्रतिशत सुनिश्चित कराने का लक्ष्य तय किया है। इसके लिए लगातार जागरूकता अभियान, चौपालें, गांव स्तर पर घोषणाएं और फार्मर हेल्पडेस्क सक्रिय किए गए हैं।

    किसानों से अपील है कि वे बिना देरी किए अपनी फार्मर आईडी बनवाएं, क्योंकि भविष्य में सम्मान निधि और अन्य सभी कृषक योजनाओं का लाभ केवल उन्हीं को मिलेगा जिनकी फार्मर आईडी तैयार होगी। जिले में व्यापक अभियान चल रहा है और हर पंचायत में सुविधा उपलब्ध है। किसान स्वयं पोर्टल से भी यह कार्य कर सकते हैं।

    — गोरखनाथ भट्ट, सीडीओ, संभल।