संभल में बिना रजिस्ट्रेशन के चल रहा था अस्पताल, सिटी मजिस्ट्रेट ने छापा मारा और कर दी ये बड़ी कार्रवाई
संभल में स्वास्थ्य विभाग ने सिटी मजिस्ट्रेट के नेतृत्व में अल शिफा हॉस्पिटल पर छापा मारा। अस्पताल बिना पंजीकरण के चल रहा था और मरीजों के साथ लापरवाही की जा रही थी। टीम ने अस्पताल को सील कर दिया और मरीजों को दूसरे अस्पतालों में स्थानांतरित कर दिया। अस्पताल का पंजीकरण एक साल पहले समाप्त हो गया था और उसे नवीनीकृत नहीं कराया गया था।

जागरण संवाददाता, संभल। स्वास्थ्य विभाग की ओर से सिटी मजिस्ट्रेट के नेतृत्व में एक निजी अस्पताल पर छापेमारी की गई। जहां बिना पंजीकरण अस्पताल संचालित किए जाने को लेकर टीम ने उसको सील कर दिया। क्योंकि अस्पताल का पंजीयन एक साल पहले समाप्त हो गया था और उसके बाद उसको रिन्युवल नहीं कराया गया। इस दौरान काफी पुलिस बल भी मौजूद रहा।
मंगलवार को सिटी मजिस्ट्रेट सुधीर कुमार सोनी के नेतृत्व में स्वास्थ्य विभाग की ओर से सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र प्रभारी मनीष अरोड़ा टीम के साथ नगर के मुहल्ला हिलाली सराय में पहुंची। जहां टीम ने अल शिफा हास्पिटल पहुंचकर संचालक से उसका पंजीकरण दिखाने को कहा, लेकिन उनके द्वारा पंजीकरण प्रमाण पत्र नहीं दिखाया गया।
सिटी मजिस्ट्रेट ने बताया कि अल शिफा हॉस्पिटल के बारे मेंं कई दिनों से शिकायत मिल रहीं थी। इसी को लेकर स्वास्थ्य विभाग की टीम के साथ अस्पताल का निरीक्षण किया गया, जहां निरीक्षण के दौरान जब संचालक से उसका पंजीकरण दिखाने के लिए कहा गया तो वह कुछ नहीं दिखा सके। इतना ही नहीं वहां इलाज के नाम पर मरीजों के साथ लापरवाही बरती जा रही थी। इस पर सिटी मजिस्ट्रेट के निर्देश पर स्वास्थ्य विभाग की टीम ने उसकाे बंद करा दिया। साथ ही वहां पर भर्ती मरीजों में से कुछ को सरकारी अस्पताल भेज दिया। जबकि कुछ उपचार कराने के लिए अपनी इच्छा से किसी दूसरे निजी अस्पताल में पहुंच गए, जिससे उन्हें उपचार के लिए परेशानी का सामना न करना पड़े।
उन्होंने बताया कि बिना पंजीकरण संचालित अस्पताल पर कार्रवाई को अभियान चलाया जा रहा है, जिससे स्वास्थ्य सेवाओं में किसी प्रकार की लापरवाही न हो सके। वहीं कार्रवाई के दौरान सीओ आलोक भाटी के साथ काफी पुलिस बल भी मौजूद रहा। निरीक्षण के दौरान सिटी मजिस्ट्रेट ने अस्पताल के पास नाले पर किए गए अतिक्रमण को भी देखा। जहां संबंधित विभाग को कार्रवाई के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि नाले नालियों या किसी सार्वजनिक स्थान पर किसी भी प्रकार के अतिक्रमण को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और जो भी दोषी होगा उस पर कार्रवाई की जाएगी।
वहीं स्वास्थ्य विभाग की ओर से चिकित्सा अधीक्षक डॉ. मनीष अरोड़ा ने बताया कि अस्पताल का पंजीयन एक साल पहले समाप्त हो गया था, जिसके बाद उसका रिन्युवल नहीं कराया गया। जबकि अस्पताल में मरीजों का उपचार किया जा रहा था। ऐसे में मरीजों को सुरक्षित रूप से अन्य अस्पताल में भर्ती करा दिया गया है, जिससे उपचार में कोई परेशानी न हो। कार्रवाई की जानकारी के बाद खलबली मच गई।
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