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    Sambhal News: 'नेहरू संग सरेंडर नहीं करते तो पीओके नहीं बनता' संभल में इंद्रेश कुमार ने साधा विपक्ष पर निशाना

    Updated: Mon, 09 Jun 2025 09:09 AM (IST)

    आरएसएस नेता इंद्रेश कुमार ने कल्कि धाम में पूजा अर्चना की और भारत की एकता के लिए प्रार्थना की। उन्होंने कहा कि भारत ने स्वतंत्रता के लिए लंबा संघर्ष किया है। उन्होंने पिछली सरकारों की नीतियों की आलोचना की और कहा कि अब भारत विश्व का नेतृत्व करेगा जबकि पाकिस्तान टूटने की कगार पर है और बांग्लादेश खुद को संभालने में असमर्थ है।

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    संभल के एंचोड़ा कंबोह कल्कि धाम में शिला पूजन करते इंद्रेश कुमार, आचार्य प्रमोद कृष्णम व अन्य। जागरण

    जागरण संवाददाता, संभल। राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ की राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य व मुस्लिम राष्ट्रीय मंच के राष्ट्रीय संयोजक इंद्रेश कुमार ऐचौड़ा कंबोह स्थित श्रीकल्कि धाम पर पहुंचे। जहां पर उन्होंने विधि विधान से पूजा−अर्चना के साथ शिलादान भी किया। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि देश की आजादी के लिए चलाए गए अभियान मेंं लाखों लोगों ने अपना बलिदान दिया और इस कारण ही आज भारत विश्व पटल पर नेतृत्व कर रहा है।

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    रविवार को तहसील क्षेत्र के ऐचौड़ा कंबोह स्थित श्रीकल्कि धाम पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य व मुस्लिम राष्ट्रीय मंच के राष्ट्रीय संयोजक इंद्रेश कुमार पहुंचे। कल्कि पीठाधीवर आचार्य प्रमोद कृष्णम के साथ समिति सदस्यों ने उनका स्वागत किया।, जिसके बाद आचार्य व इंद्रेश कुमार ने काफी देर तक एकांत में वार्ता की।

    जहां कल्कि धाम निर्माण के बारे में विस्तार से बतया। बाद में बाद गर्भ गृह में पहुंचे और वहां पर विधि विधान से पूजा अर्चना करने के बाद शिलादान कर श्रीकल्कि धाम के शीघ्र निर्माण पूर्ण होेन की प्रार्थना की। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि वर्षों और युगों से बताया गया है कि प्रभु का अगला अवतार संभल में होने वाला है। जहां करीब 48 कोस से अधिक की भूमि बताई गई है जहां पर प्रभु का अवतार होगा।

    कुछ समय पहले प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने यहां पर शिलान्यास के साथ शिला पूजन किया था। अब यहां पर शिलादान किया जा रहा है। यह शिलाएं भूमिगत होंगी, जिन पर इस श्रीकल्कि धाम को खड़ा किया जाएगा। इसके साथ ही बताया कि संभल भारत के इतिहास का एक महत्वपूर्ण शहर है। यह कट्टरता, दंगा और मजहबी आतंकता का शिकार न हो, यह भाईचारे और सद्भाव का स्वरूप बने, इसके लिए प्रभु से प्रार्थना की जाएगी।

    अब भारत विश्व पटल पर करेगा नेतृत्व : इंद्रेश

    राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ वरिष्ठ पदाधिकारी इंद्रेश कुमार ने बताया कि सन 1857 में स्वतंत्रता संग्राम की एक नई लौ जली थी। उससे पहले भी देश में यूनान, रोमन, ग्रीक शत्रु आए, चाहें मुगल, तुर्क चाहें अंग्रेज, पुर्तगाली या फ्रेंच आदि आये। इन सब के साथ भारतीयों ने स्वतंत्रता व अस्मिता की रक्षा के लिए लड़ाई लड़ी। ऐसे में भारतीय स्वतंत्रता संग्राम का एक लंबा इतिहास है। जहां अकस्मात उसमें परिवर्तन होकर 1857 आया, जिसमें नारा लगा फिरंगी मारो देश बचाओ आजादी लाओ, इसके साथ ही वंदे मातरम, स्वदेश लाओ अपनाओ विदेशी भगाओ, इंकलाब जिंदाबााद, अंग्रेजों भारत छोड़ों, तुम मुझे खून दो मैं तुम्हें आजादी दूंगा, जय हिंद का नारा लगा।

    यह अंतिम पटल था, जिस कारण आजादी मिली। इन 90 वर्ष में 3.27 लाख भारतीयों ने अपना सुंदर बलिदान दिया और उन बलिदान का परिणाम है कि 1947 में आजादी मिली। परन्तु उसका दुखद इतिहास भी है वह यह है कि लोगों काे भरोसा था कि अखंड भारत और आजादी मिलेगी। मगर सत्ता में बैठे कांग्रेस के लोग अंग्रेजों के षडयंत्र का शिकार होकर झुक गए और दुर्भाग्य से भारत का विभाजन हुआ और पाकिस्तान बन गया। करीब दो करोड़ लोग उजड़ गए व 12 लाख से अधिक लाश गिनी गईं। इतनी कीमत देकर यह विभाजन आजादी में बदला।

    इंद्रेश कुमार ने कहा, कि उस समय पाकिस्तान ने नारा लगा दिया था कि हंस कर लिया पाकिस्तान लड़कर लेंगे हिंदुस्तान, जिसे उसने आज तक नहीं छोड़ा। इसके बाद उसने फिर से नारा लगा दिया, जम्मू कश्मीर के बिना अधूरा पाकिस्तान अधूरा है। इसके साथ ही कहा कि उस समय भारत में आतंकी हमला हुआ तो प्रधानमंत्री व सरकार ने यूएनओ में समर्पण कर दिया, वह ऐसा नहीं करते तो पीओके नहीं बनता। इसके बाद हिंदी चीनी भाई भाई की आड़ में फिर से देश की राजनीति सत्ता फंसी, नेताओं ने चीन के सामने समर्पण किया और इससे कैलाश मानसरोवर हिमालय हमसे पराया हाे गया। 1971 आया तो पाकिस्तान टूट रहा था।

    उन्होंने कहा, कि पूर्वी पाकिस्तान बांग्लादेश में बदला, परन्तु फिर से भारत सरकार ने विदेशी ताकतों के सामने सरेंडर किया और पीओके लेने के बजाए उसे छोड़ दिया। वहीं बांग्लादेश जो बना उसमें अल्पसंख्यकों पर अत्याचार पाकिस्तान से अधिक होने लगे। इतना ही नहीं उन्होंने दो कराेड़ घुसपैठिए देकर दो करोड़ हिंदुस्तानियों का रोजगार छीन लिया और विदेशी रोजगार युक्त हो गए। यह एक दुखद इतिहास कथा है, जिसे जितना कुरेदेंगे उतना दुख बढ़ेगा।

    इंद्रेश ने कहा कि अब भारत इस मोड़ पर आ गया है कि विश्व पटल पर नेतृत्व करेगा। पाकिस्तान उस मोड़ पर पहुंच गया है कि टूट कर बिखरेगा। वहीं बांग्लादेश उस मोड़ पर पहुंच गया है कि वह उससे संभल नहीं रहा है। परन्तु एक बात बड़ी विचित्र है कि लोग इस्लामिक भाईचारे का नारे लगाते हैं, लेकिन कोई भी देश किसी बांग्लादेशी या रोहिंग्या को कोई भी मुस्लिम देश लेने को तैयार नहीं है। वहीं भारत को कट्टरपंथी, सांप्रदायिक व अल्पसंख्यक विरोध कहा जाता है।