संभल में हिंसा भड़काने वाले कुख्यात शारिक साठा की संपत्ति जल्द होगी कुर्क, NBW की तैयारी
जामा मस्जिद सर्वे के दौरान हिंसा भड़काने और अब सोने की तस्करी में नाम जुड़ने वाले कुख्यात अपराधी शारिक साठा की संपत्ति कुर्क करने की तैयारी शुरू कर दी गई है। संपत्ति कुर्क करने के बाद पुलिस उसके खिलाफ परमानेंट वारंट जारी करेगी। इसके बाद इंटरपोल की मदद से उसे दुबई से भारत लाने की प्रक्रिया शुरू होगी।
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संवाद सहयोगी, संभल। जामा मस्जिद सर्वे के दौरान हिंसा भड़काने और अब सोने की तस्करी में नाम जुड़ने वाले कुख्यात अपराधी शारिक साठा की संपत्ति कुर्क करने की तैयारी शुरू कर दी गई है। संपत्ति कुर्क करने के बाद पुलिस उसके खिलाफ परमानेंट वारंट जारी करेगी। इसके बाद इंटरपोल की मदद से उसे दुबई से भारत लाने की प्रक्रिया शुरू होगी।
बता दें कि शारिक साठा का आपराधिक इतिहास लंबा है। साल 1991 में गुजरात से चीनी से लदे ट्रक के गायब होने के मामले में उसके खिलाफ पहला मुकदमा दर्ज हुआ। इसके बाद दिल्ली सहित अलग-अलग राज्यों में 59 से अधिक मामले दर्ज हुए। 2020 में शारिक फर्जी पासपोर्ट बनवाकर दुबई भाग गया और वहीं से नवंबर 2024 को हिंसा की साजिश रची थी।
उसके गिरोह में काम करने वाले मुल्ला अफरोज ने कबूल किया कि शारिक ने उसके जरिये हथियार भिजवाकर चार लोगों को मरवाया। 2011 में शारिक की ढाई करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति कुर्क की गई थी। हाल ही में पुलिस ने उसके घर पर डुगडुगी बजाकर कुर्की का नोटिस चस्पा किया और रेड कार्नर नोटिस भी जारी करने की तैयारी चल रही है।
10 सितंबर 2025 को उसके खिलाफ गिरफ्तारी वारंट भी जारी किया गया था। हाल ही में शारिक की तस्वीरें सामने आई हैं जिसमें वह दुबई में विदेशी युवक के साथ सोने के छह बिस्कुट के साथ बैठे नजर आ रहा है। शारिक साठा की मुलाकात दिल्ली के सलीम उर्फ सलीम पिस्टल से दुबई में हुई थी, जो पाकिस्तान से अवैध हथियार मंगवाता था।
नेपाल पुलिस ने हाल ही में सलीम पिस्टल को हथियार और सोने की तस्करी के मामले में गिरफ्तार किया था। एसपी केके बिश्नाई ने बताया कि इंटरपोल की मदद लेने से पहले अपराधी के खिलाफ परमानेंट वारंट जारी किया जाता है। जिसकी तैयारी चल रही है। जल्द ही कुर्की भी होगी। परमानेंट वारंट (जिसे स्थायी वारंट या नॉन-बेलिएबल वारंट भी कहते हैं) एक गैर-जमानती गिरफ्तारी वारंट है जो तब जारी किया जाता है जब कोई व्यक्ति अदालत में पेश होने में विफल रहता है। इस तरह का वारंट तब तक लागू रहता है जब तक कि अदालत इसे रद्द न कर दे या जब तक व्यक्ति को गिरफ्तार न कर लिया जाए।

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