जालौन में आत्महत्या करने वाले थाना प्रभारी के गांव में छाया मातम, आज आएगा शव
जालौन में थाना प्रभारी की आत्महत्या से उनके गांव में मातम छाया हुआ है। पूरे गांव में शोक की लहर है। आज उनका शव उनके पैतृक गांव पहुंचेगा, जहां अंतिम सं ...और पढ़ें

मृतक के घर पर पसरा सन्नाटा। जागरण
संवाद सूत्र,लोहरैया, संतकबीर नगर। गत शुक्रवार की देर रात जालौन के कुठौंद के थाना प्रभारी अरुण राय द्वारा पिस्टल से सिर में गोली मारकर जान दे देने से परिवार के सदस्य,रिश्तेदार व गांव के लोग हैरत में है। मृतक थाना प्रभारी के संतकबीर नगर जनपद के धनघटा थाना क्षेत्र के रजनौली गांव स्थित घर पर मातम छाया हुआ है।
डिहवा चौराहे पर छड़,सीमेंट की दुकान चलाने वाले भाई व अन्य सदस्यों के आंखों से आंसू बह रहे हैं। उनकी यादें ताजा कर, उसे बयां कर बिलख रहे हैं। ऐसी घटना होगी,इसकी इन्होंने कभी कल्पना नहीं की थी।
मृतक थाना प्रभारी के भाई अरविंद राय ने बताया कि वह गांव से कुछ दूर धनघटा थाना क्षेत्र के डिहवा चौराहे पर छड़ और सीमेंट की दुकान किए हैं। उनके पिता स्वर्गीय ब्रजेश बहादुर राय धनघटा थाना क्षेत्र के सिरसी स्थित सीतारामइंटरकॉलेज में लेक्चर रह चुके हैं। उनके मृतक भाई 18 वर्ष पहले इलाहाबाद में पीएसी में थे। बाद में वह उत्तर प्रदेश पुलिस में चले गए थे।
उनकी पोस्टिंग 10 वर्ष तक गोरखपुर में रही, कभी पीटीआई के पद पर तो कभी ट्रैफिक पुलिस के पद पर। पहली बार महराजगंज जनपद के कोठीभार थाना के प्रभारी बने थे। बाद में वह जालौन जिला चले गए थे। वह गोरखपुर के विकास नगर में 10 वर्ष पूर्व से ही परिवार के साथ रहते थे। उनके पास केवल एक ही बेटा था।
उसका नाम 20 वर्षीय अमृतांश राय है। वह इंटरमीडिएट की परीक्षा पास करने के बाद कोटा में नीट की तैयारी कर रहा है। मृतक की पत्नी का नाम माया देवी है। वह अकेले 20 दिन पूर्व गांव में आए थे। उनसे व परिवार के सदस्यों से मिले थे। इसके बाद पुन: गोरखपुर चले गए। इसके बाद वह जालौन जनपद के कुठौंद थाने पर ड्यूटी के लिए चले गए थे।
टीवी पर खबर सुनने के बाद उन्हें विश्वास नहीं हुआ कि उनके भाई सिर पर पिस्टल से गोली मारकर हत्या कर लेंगे। इसी बीच धनघटा के थानाध्यक्ष जेपी दुबे का फोन आ गया। उन्होंने घटना के बारे में जानकारी दी।
उन्होंने कहा कि शव की स्थिति देखकर यह लग रहा है कि उन्होंने आत्महत्या नहीं की है। किसी ने उन्हें मारकर आत्महत्या का रूप देने की कोशिश की है। क्योंकि सर्विस रिवाल्वर मेरे भाई के सीने पर रखी हुई थी।

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