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    Joint Family की संस्कृति का अनूठा उदाहरण है यह घर, एक छत के नीचे रहती हैं चार पीढ़ियां; परिवार में कुल 64 सदस्य

    Updated: Wed, 14 May 2025 06:27 PM (IST)

    शाहजहांपुर में श्याम सिंह और उनके भाइयों ने संयुक्त परिवार की संस्कृति को जीवित रखा है। उनके घर में चार पीढ़ियों के 64 सदस्य एक साथ रहते हैं। भोजन बनाने के लिए दो रसोई हैं और सभी एक साथ भोजन करते हैं। श्याम सिंह परिवार के सभी महत्वपूर्ण निर्णय लेते हैं जिनका सभी सदस्य पालन करते हैं। यह परिवार संयुक्त परिवार की संस्कृति का एक अनूठा उदाहरण है।

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    परिवार के सदस्यों के साथ श्याम सिंह। जागरण

    अजयवीर सिंह, शाहजहांपुर। बुजुर्ग कह गए थे कि खुशियां वहीं आती हैं, जिस घर में सब साथ रहते हैं। जिस चौखट के अंदर कंधे से कंधे मिलाकर चलने वाले भाई-बंधु होंगे, वो कभी कमजोर नहीं हो सकती...। श्याम सिंह और उनके भाइयों ने संयुक्त परिवार की संस्कृति को संकल्प बना लिया।

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    इस समय उनके घर में चार पीढ़ियों के 64 सदस्य रहते हैं। एक साथ इतने लोगों का भोजन बनना संभव नहीं, इसलिए दो रसोई बनवाईं गईं। इनमें महिलाएं भोजन बनाती हैं, इसके बाद पूरा परिवार एक साथ भोजन करता है।

    घुसगवां गांव निवासी श्याम सिंह बताते हैं कि छोटे बेटे अनुराग की पत्नी नीलम, सत्येंद्र की पत्नी सीमा व ध्यान सिंह की पत्नी मिथलेश खाना बनाने से लेकर साफ-सफाई तक की जिम्मेदारी संभालती है। बड़े बेटे धीर सिंह की पत्नी नन्हीं देवी व नेम सिंह की पत्नी पुष्पा देवी घर में बड़े होने के नाते काम-काज में जहां देवरानियों का हाथ बंटाती हैं, यह भी ध्यान रखती हैं कि रसोई में किस चीज की कमी है।

    भोजन की थाली सबसे पहले श्याम सिंह के पास आती है। उनके साथ पौत्र-पौत्री भी खाना खाते हैं। इसके बाद शेष भाई, फिर महिलाएं भोजन करती हैं। इसी घर के दूसरे हिस्से में श्याम सिंह के बड़े भाई रामनाथ सिंह रहते हैं। उनके चार बेटे हैं। बड़े बेटे परिमाल सिंह खेती करते हैं, उनकी बेटी मनोरमा, शशि व बेटे रवीश की शादी हो चुकी जबकि बेटा संदीप व बेटी सुरभि अभी पढ़ रहे हैं ।

    दूसरे नंबर के बेटे सुरजीत सिंह पत्नी नन्ही देवी, बेटा आशीष पत्नी प्रांशी यादव, बेटी अक्कू, बेटा गोपी है। तीसरे नंबर के बेटे राकेश सिंह पत्नी रामगुनी बेटा सौरभ पत्नी कविता व बेटा सचिन है। चौथे बेटे सत्यदेव उनकी पत्नी सोमवती हैं। चारों के बच्चे अंकित, वर्षा, आदित्य व क्रांति है।

    श्याम सिंह के साथ 30 और रामनाथ सिंह के साथ 24 सदस्य रहते हैं मगर, इन सभी से जुड़े अंतिम निर्णय का अधिकार श्याम सिंह ही करते हैं। खेती में किस भाई को क्या करना है, कौन सी फसल उगाई जाएगी, बच्चों की शादी कहां होगी, व्यवस्थाएं क्या होंगी या पढ़ाई किस स्कूल-कालेज में कराई जाएगी...ऐसे किसी भी मामले पर श्याम सिंह जो कहते हैं, सभी भाई व भतीजे उसका पालन करते हैं।

    श्याम सिंह के रिश्ते के भाई दीप सिंह का काफी पहले निधन हो गया था। ऐसे में उनकी पत्नी रामवती, बेटे मुकेश को भी अपने साथ रख लिया। अपने बच्चों की तरह उन्हें दुलार दिया। मुकेश की पत्नी व तीन बच्चे का खाना भी एक ही रसोई में बनता है। खानपान में सभी सदस्यों की पसंदगी का ध्यान रखा जाता है।

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