कर चोरी पर नकेल: जीएसटी विभाग ने भट्टों की निगरानी पर बढ़ाई सख्ती, अधिकारी हर महीने करेंगे जांच
जीएसटी विभाग ने कर चोरी पर लगाम कसने के लिए ईंट भट्टों की निगरानी बढ़ा दी है। अब जीएसटी अधिकारी हर महीने भट्टों का निरीक्षण करेंगे, जिससे कर चोरी रोकने और राजस्व बढ़ाने में मदद मिलेगी। इस सख्ती से कर संग्रह में सुधार और उद्योग में पारदर्शिता आने की उम्मीद है।
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प्रतीकात्मक चित्र
जागरण संवाददाता, शाहजहांपुर। जिले में संचालित लगभग 274 ईंट भट्टों की अब जीएसटी विभाग की ओर से हर महीने जांच की जाएगी। विभाग ने सर्वे अभियान की पूरी तैयारी कर ली है। इसके तहत जिले को चार जोनों में विभाजित किया गया है, जिनकी जिम्मेदारी संबंधित उपायुक्तों को सौंपी गई है।
सर्वे के दौरान प्रत्येक भट्ठे पर जाकर उत्पादन, विक्रय, ईंधन की खपत और कर भुगतान की स्थिति का ब्योरा एकत्र किया जाएगा। बताया गया है कि कई भट्टा संचालक बिना पंजीकरण या कर अदायगी के कारोबार करते हैं, जिससे सरकार को राजस्व का नुकसान होता है।
राज्य कर विभाग ने इसके लिए मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) जारी की है।
इसमें वास्तविक बिक्री, जीएसटी भुगतान, और दस्तावेजी अनुपालन की गहन जांच का प्रावधान है। जिन भट्ठों में अनियमितता मिलेगी, उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। सर्वे अभियान शुरू होने की सूचना से जिले के ईंट भट्ठा कारोबारियों में खलबली मची हुई है।
ईंट भट्टों के सर्वे के मानक
राज्य कर (जीएसटी) विभाग द्वारा जारी एसओपी के तहत प्रत्येक भट्ठे का जीएसटी पंजीकरण, उत्पादन क्षमता, ईंधन खपत और विक्रय विवरण की जांच होगी। बिक्री के बिलों व जीएसटी रिटर्न (जीएसटीआर-1, जीएसटीआर-3B) का मिलान किया जाएगा।
साथ ही कच्चे माल, श्रमिकों की संख्या, मजदूरी भुगतान और भट्ठे की वास्तविक संचालन स्थिति की पुष्टि जीपीएस और स्थल निरीक्षण से की जाएगी। दस्तावेजी अनुपालन के तहत रजिस्टर, ई-वे बिल और चालान की भी जांच की जाएगी। इन आधारों पर सही कर अदायगी का निर्धारण किया जाएगा।
सर्वे का उद्देश्य पारदर्शिता सुनिश्चित करना और कर चोरी पर अंकुश लगाना है। प्रत्येक जोन के जीएसटी अधिकारी भट्टों से संबंधित सभी अभिलेखों की जांच करेंगे। किसी भी स्तर पर गड़बड़ी पाए जाने पर विभागीय कार्रवाई की जाएगी।
- प्रवेश तोमर, नोडल व उपायुक्त राज्य कर

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