क्या आपका भी पेयजल खतरनाक है? शाहजहांपुर के मौजमपुर में 13 सैंपल फेल, जानिए पूरा मामला
शाहजहांपुर के मौजमपुर गांव के हैंडपंपों से निकल रहे दूषित पानी पीने से ग्रामीण बीमार, 23 में से 13 सैंपल फेल। जल जीवन मिशन का काम रुका, बाढ़ प्रभावित क्षेत्र में शुद्ध पानी की किल्लत। जल निगम ने लैब में दोबारा जांच का आदेश दिया है। स्वास्थ्य के लिए गंभीर खतरा बना हुआ है।
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हैंडपंप से पानी भरते अधिकारी
संवाद सूत्र, जागरण, मिर्जापुर (शाहजहांपुर)। जल है तो जीवन है, लेकिन यही जल बीमारियों का कारण बनने लगे तो चिंता होना लाजिमी है। कलान तहसील क्षेत्र के कई गांवों विशेषकर बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में यही हाल है। यहां लोगों को पीने के लिए शुद्ध पानी नहीं मिल पा रहा है। सार्वजनिक हैंडपंपों की हालत खराब है। घरों में जो नल लगे हैं वह भी मटमैला पानी दे रहे हैं। कई घरों में पानी के साथ माेटी काई भी आ रही है।
ग्रामीणों की शिकायत पर जब जल निगम ने शिकायत कराई तो 13 सैंपल फेल पाए गए, लेकिन न तो इन स्रोत से पानी के उपभोग पर रोक लगाई गई और न ही कोई वैकल्पिक इंतजाम किए गए। ऐसे में कोई दूसरा विकल्प न होने के कारण वे लोग इसी का प्रयोग करने का मजबूर हैं। जो गांव वालों के स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकता है। क्षेत्र के मौजमपुर गांव में भी इसी तरह के हालात हैं।
ग्रामीणों की सूचना पर जल निगम की टीम ने पिछले दिनों गांव में विभिन्न घरों से पानी के 23 सैंपल लिए थे जिसमें से 13 मानक पर फेल हो गए। हालांकि यह रिपोर्ट जांच किट के माध्यम से तत्काल निकाली गई थी। इतनी बड़ी संख्या में सैंपल फेल आने पर अब जल निगम दोबारा से सैंपल लेकर अपनी प्रयोगशाला में जांच करेगा। जो रिपोर्ट आएगी उसके आधार पर आगे निर्णय लिया जाएगा।
रामगंगा किनारे बसे इस गांव में पूर्व में पेट की बीमारियों के कारण कई लोगों अस्पतालों में भर्ती रहे। कुछ की जान जा चुकी है। ग्रामीणों का मानना है कि बाढ़ प्रभावित क्षेत्र होने के कारण पानी दूषित हाे चुका है। जिसका प्रयोग करने से उन लोगों को तमाम दिक्कतें हो रही हैं। गांव के कई हैंडपंपों से अब भी दूषित पानी निकल रहा है जिसमे काई भी होती है।
जल जीवन मिशन पर नहीं हुआ काम
जल जीवन मिशन के तहत गांव-गांव शुद्ध पेयजल पहुंचाने का दावा किया जा रहा था, लेकिन मौजमपुर में अब तक इस पर काम शुरू नहीं हुआ है। ओवरहेड टैंक व पानी की पाइपलाइन न होने के कारण लोगों की निर्भरता हैंडपंपों पर ही है। बोरिंग कम गहराई पर होने व बाढ़ प्रभावित क्षेत्र होने के कारण दिक्कत बढ़ रही है।
इन ग्रामीणों के यहां हुई जांच
जिन ग्रामीणों के जल निगम की टीम ने जांच की उनमे अधिवक्ता आरेंद्र, बसंत सिंह, ओमकार सिंह, उपदेश सिंह, महिपाल सिंह, बिजेंद्र पाल सिंह, मान सिंह, आदित्य कुमार, रणवीर सिंह, अमर सिंह, अमन कुशवाहा, सर्वेश सिंह, रमेश, राजू, वेदप्रकाश, शिवसरन, गंगा सिंह, मैकूलाल, अनुज, जितेंद्र, सुंदर सिंह, राहुल शामिल है। एक सैंपल सचिवालय से भी लिया गया है।
दूषित पानी से शरीर पर सीधा प्रभाव पड़ता है।टाइफाइड बुखार, डायरिया, एलर्जी समेत कई बीमारियां फैलने का खतरा रहता है। इस लिए पानी को उबालने के बाद उसे छानकर पीना चाहिए। ऐसे क्षेत्रों में हैंडपंपों की बोरिंग काफी गहराई में करानी चाहिए ताकि शुद्ध पानी मिल सके।
- डा. सलीम, वरिष्ठ फिजिशियन मेडिकल कालेज
मौजमपुर गांव में टीम को भेजकर किट से जांच कराई गई थी। 13 सैंपल फेल हुए हैं। इनमें काई की मात्रा अधिक मिली है। इसमें अन्य हानिकारक तत्वों की पुष्टि के लिए लैब में जांच कराई जा रही है। उस रिपोर्ट के आधार पर ही आगे निर्णय लिया जाएगा।
- सनी सिंह, अधिशासी अभियंता ग्रामीण
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