हत्या के दोषी पिता-पुत्र को आजीवन कारावास, साल 2012 में गोली मारकर ले ली थी जान
शाहजहांपुर में जितेंद्र सिंह हत्याकांड में पिता-पुत्र को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई है। पुरानी रंजिश के चलते 2012 में जितेंद्र की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। अदालत ने दोषियों पर जुर्माना भी लगाया है। वहीं, दूसरे पक्ष के जानलेवा हमले के मामले में तीन भाइयों को पांच-पांच साल की कैद हुई है। दोनों पक्षों में पुरानी दुश्मनी थी, जिसके चलते यह घटना हुई।

जागरण संवाददाता, शाहजहांपुर। बंडा निवासी जितेंद्र सिंह की गोली मारकर हत्या के मुकदमे में शुक्रवार काे फैसला सुनाया गया। अपर जिला जज आशीष कुमार वर्मा ने दोषी पिता पुत्र को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। दोनों ने पुरानी रंजिश में घटना को अंजाम दिया था। उन्होंने पर 75-75 हजार रुपये का अर्थदंड भी लगाया है। वहीं दूसरे पक्ष की ओर से दर्ज कराए गए जानलेवा हमले के मुकदमे में उन्होंने तीन सगे भाइयों को पांच-पांच वर्ष कारावास की सजा सुनाई है।
बंडा के भांभी गांव निवासी प्रमाेद सिंह ने बताया कि गांव के ही बृजेश सक्सेना, उसका बेटा अवधेश सक्सेना, श्यामा सिंह व उसका नाबालिग बेटा उनसे व उनके परिवार से रंजिश मानता था। 24 मई 2012 को शाम छह बजे वह अपने छोटे भाई जितेंद्र सिंह के साथ गांव से मजदूरों की गिनती करके जा रहे थे तो रास्ते में घात लगाए चारों लोगों ने धमकाना शुरू कर दिया।
ब्रजेश के पास दोनाली बंदूक, श्यामा सिंह के पास लाइसेंसी रायफल, वरुण व अवधेश के पास तमंचे थे। उन लोगों ने रास्ता राेककर गालियां देना शुरू कर दीं। विरोध करने पर उन्हें व उनके भाई को पीटना शुरू कर दिया। मौका पाकर वे लोग भागे तो उन लोगों ने जितेंद्र को पकड़ लिया और श्यामा सिंह ने राइफल से गोली चला दी जिससे भाई की मौके पर मृत्यु हो गई।
इसके बाद वे लोग असलहा लहराते हुए भाग निकले। पुलिस ने प्राथमिकी दर्ज करके आरोपपत्र न्यायालय में दाखिल किया। जहां अपर जिला शासकीय अधिवक्ता आशीष त्रिपाठी के तर्क, गवाहों के बयान व साक्ष्यों के आधार पर ब्रजेश सक्सेना व उसके बेटे अवधेश को हत्या का दोषी पाते हुए अपर जिला जज ने दोनों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई। दोनों पर 75 हजार रुपये का अर्थदंड भी लगाया। शासकीय अधिवक्ता आशीष त्रिपाठी ने बताया कि श्यामा सिंह की मृत्यु हो चुकी है। जबकि नाबालिग से संबंधित मुकदमे की पत्रावाली किशोर न्याय बोर्ड भेज दी गई थी।
पांच-पांच वर्ष के लिए भेजा जेल
वहीं दूसरे पक्ष से ब्रजेश सक्सेना की पत्नी संतोष सक्सेना ने बताया कि गांव का काबिल सिंह, उसके बेटे प्रमोद, विनोद व सनोद उनसे व उनके परिवार से रंजिश मानते हैं। 24 मई 2012 को शा छह बजे वह अपने बेटे अवधेश के साथ बिलसंडा से खरीदारी करके वापस आ रही थीं। रास्ते में घात लगाकर बैठे चारों लोगों ने फायर किया, जो मिस हो गया। उसके बाद प्रमोद व सनोद ने बेटे के सिर पर तलवारों से प्रहार किया, जिससे वह घायल हो गया। इसके बाद पैर बांधकर घसीटते हुए घर के अंदर ले जाकर कोठरी में बंद कर दिया। पुलिस ने प्राथमिकी दर्ज कर आरोपपत्र न्यायालय में दाखिल किया, जहां दोषी प्रमोद सिह, विनोद सिंह व संतोष को पांच-पांच वर्ष कारावास की सजा सुनाई। तीनों पर अर्थदंड भी लगाया।

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