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    Pitru Paksha 2025: श्राद्ध पक्ष में बढ़ी प्लॉट-मकान की खरीद, दो दिन में 55 बैनामे हुए

    Updated: Tue, 09 Sep 2025 05:34 PM (IST)

    Shahjahanpur News | UP News | Pitra Paksha | पितृपक्ष में शुभ कार्य वर्जित होने की धारणा के बावजूद लोग जमीन खरीद रहे हैं। उनका मानना है कि पितरदेव आशीर्वाद देते हैं। शास्त्रों में खरीदारी पर कोई रोक नहीं है। दो दिनों में 55 बैनामे हुए और लगभग 15 लाख का राजस्व मिला। लोगों का मानना है कि पितृपक्ष में संपत्ति खरीदना शुभ है।

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    श्राद्धपक्ष में बढ़ी प्लाट-मकान की खरीद, दो दिन में 55 बैनामे।

    जागरण संवाददाता, शाहजहांपुर। पितृपक्ष में शुभ कार्यों वर्जित होने की धारणा को छोड़कर लोग जमीन, जायदाद आदि को लेने में भी रूचि दिखा रहे हैं। इसी वजह से उप निबंधन कार्यालय में रोजाना ही रजिस्ट्री हो रही हैं।

    रजिस्ट्री कराने वालों का कहना है कि पितृपक्ष में पितरदेव धरा पर आते हैं और श्राद्ध-तर्पण से संतुष्ट होने के बाद सुख-समृद्धि का आशीर्वाद देकर अपने धाम को चले जाते हैं। ऐसे में श्राद्ध के दिनों में भू-भवन, धन-संपत्ति की खरीदी करना शुभ होता है।

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    पितृ पक्ष में भ्रांतियों का भी तर्पण करना चाहिए। विद्वानों का भी कहना है कि पितृपक्ष अपने पितरों का स्मरण और श्रद्धा पूर्वक श्राद्ध व तर्पण करने का काल है। पौराणिक ग्रंथों में भी बताया गया है कि तर्पण ऋषियों का नैत्यिक व शुभ कार्य था। इसलिए पितृ पक्ष में खरीदारी को लेकर कोई निषेध शास्त्र-पुराणों में नहीं बताया गया है।

    दो दिन में हुए 55 बैनामे

    सब रजिस्ट्रार अरुण कुमार गुप्ता ने बताया कि पितृपक्ष में भी लोग भू-भवन की रजिस्ट्री कराने आ रहे हैं। सोमवार को 45 लोगों ने रजिस्ट्री कराई थी।मंगलवार को सर्वर स्लो होने के बाद भी दिनभर में दस बैनामे हो गए।

    इस तरह से दो दिनों में कुल 55 लोगों ने संपत्ति खरीदी व बेची है और लगभग 15 लाख का राजस्व प्राप्त हुआ है। बताया कि पितृपक्ष में रजिस्ट्री कराने वाले कम हुए है, लेकिन 60 फीसदी लोगों इस चीज से सरोकार नहीं रखते की श्राद्ध के दिनों में जमीन, मकान आदि नहीं खरीदनी चाहिए।

    लोगों की प्रतिक्रिया-

    जमीन का बैनामा करवाने आए हैं। पितृपक्ष में जमीन-जायदाद नहीं खरीदनी चाहिए ऐसा नहीं मानते। किताबें में अक्सर पढ़ने का मिलता है कि कोई नई चीज पितृपक्ष में खरीदों तो पितरों का आशीर्वाद ही मिलता है। - जयवीर सिंह, कनेंग

    पितृपक्ष का समय दान और सेवा भाव का है। इसमें इससे कोई मतलब नहीं कि यह चीज खरीदें या नहीं। मेरे हिसाब से पितृपक्ष में संपत्ति खरीदना उतना ही अच्छा है जितना सामान्य दिनों में होता है।- संजीव कुमार सिंह, कनेंग

    लोगों के मानने के ऊपर है कि वह पितृपक्ष में खरीदारी करे या नहीं। मेरा तो यह मानना है कि जब जरूरत हो तब खरीदारी कर लो।पितृपक्ष में नई वस्तु या संपत्ति खरीदी जा सकती हैं। यह गलत नहीं है।

    - शिवमोहन सक्सेना, जेल रोड, बहादुरपुरा