डॉलर के दम पर धर्म परिवर्तन! टेक्सास और सिंगापुर के 'आका' भेज रहे लाखों रुपये, जांच में जुटी एजेंसियां
शाहजहांपुर में विदेश से मिल रहे धन से धर्म परिवर्तन गिरोह सक्रिय है। अमेरिका और सिंगापुर से मनी ट्रांसफर एजेंसियों के जरिए लाखों रुपये भेजे जा रहे हैं ...और पढ़ें

प्रतीकात्मक चित्र
जागरण संवाददाता, शाहजहांपुर। हिंदुओं को ईसाई बनाने के लिए सक्रिय गिरोह की जड़ों को विदेश में बैठे लोग खाद पानी दे रहे हैं। हिंदू युवकों से नजदीकी बढ़ाकर उनसे शादी करके उनका मतांतरण कराने व उनके माध्यम से ज्यादा से ज्यादा लोगों को इसके लिए प्रेरित करने के लिए अमेरिका व सिंगापुर में बैठे आका लक्ष्य देने के साथ ही मदद के नाम पर रुपये भी भेज रहे हैं।
तीन माह पूर्व पकड़ी गई रेती निवासी सुनीता मैसी के खाते में तीन विदेशी मनी ट्रांसफर एजेंसियों ने 20 लाख रुपये से अधिक धनराशि भेजी है। पुलिस ने जांच तेज कर दी है। यह राशि अभी और अधिक बढ़ सकती है। हालांकि छह दिन पूर्व गिरफ्तार विवेक व उसकी पत्नी एंजल के खातों का विवरण नही मिल सका है।
देश में ईसाई मिशनरी की आड़ में मतांतरण की गतिविधियों को अमेरिका, सिंगापुर सहित अन्य देशों से संचालित किया जा रहा है। जरूरतमंद लोगों को आर्थिक लालच दिया जा रहा है। उन्हें नौकरी लगवाने का भी आश्वासन दिया जाता है। हालांकि बाद में उन्हें भी ईसाई धर्म का प्रचारक बना दिया जाता है।
यही लोग अपने आसपास के अन्य लोगों का ब्रेनवाश करते हैं। सितंबर माह में गिरफ्तार सुनीता मैसी व उसके पति हरजीत सिंह उर्फ हनुक के बारे में हुई जांच में ऐसे ही कई तथ्य सामने आए हैं। सुनीता ने पहले हरजीत से दोस्ती की। उसके बाद शादी के लिए मतांतरण की शर्त रखी।
रोजगार के साथ रुपयों का लालच दिया। जब हरजीत ईसाई बना तो उसे अपने साथ प्रचारक बनाकर चंगाई सभा की आड़ में लोगों का मतांतरण शुरू कर दिया। इन लोगों को इस काम के लिए विदेश से फंडिंग हो रही थी। खातों का जो विवरण जुटाया गया है, उसमें सुनीता के एक खाते में अमेरिका के टेक्सास प्रांत की दो व सिंगापुर की एक मनी ट्रांसफर एजेंसी से रुपये भेजे जाने की जानकारी सामने आई है।
वर्ष 2007 से लेकर अब तक का विवरण खंगाला जा रह है। अमेरिका की एक एजेंसी से नौ लाख व दूसरी से साढ़े नौ लाख रुपये भेजे गए हैं। जबकि सिंगापुर की एजेंसी से 50 हजार रुपये से अधिक धनराशि ट्रांसफर की गई है। सुनीता ने बताया है कि यह रुपये उसे मदद के लिए भेजे गए हैं, लेकिन किस तरह की मदद के लिए रुपये दिए गए, इस पर वह कोई सटीक जवाब नहीं दे पा रही है।
पुलिस का मानना है कि यह धनराशि मतांतरण के लिए प्रयोग की जा रही थी। इन रुपयों को कौन भेज रहा था इसकी जानकारी के लिए केंद्रीय वित्त व विदेश मंत्रालय को पत्र लिखकर सुनीता के खातों में छह दिल्ली के छह अलग-अलग लोगों ने भी रुपये ट्रांसफर किए हैं। इसी तरह कानपुर से भी उसके पास रुपया भेजा गया है, जिसे उसने अपना भाई बताया है।

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