शाहजहांपुर में सांड़ ने बुजुर्ग को घर के सामने पटककर उतारा मौत के घाट, छह दिन में तीसरी मौत
शाहजहांपुर के बंडा में सांड ने एक बुजुर्ग को मार डाला जिससे ग्रामीणों में गुस्सा है। मृतक मेवाराम रात में सड़क पार कर रहे थे तभी सांड ने हमला किया। यह सांड पहले भी कई लोगों को घायल कर चुका है पर प्रशासन ने कोई कार्रवाई नहीं की। हाल ही में सांड के हमलों में कई लोगों की जानें गई हैं जिससे इलाके में दहशत का माहौल है।

जागरण संवाददाता, शाहजहांपुर। बंडा के बाबूपुर गांव में खाना खाकर घर से बाहर निकले बुजुर्ग को सांड़ ने सड़क पर पटककर मार डाला। गांव में इससे पहले भी यह सांड़ कई लोगों पर हमलावर हो चुका है लेकिन प्रशासन फिर भी ध्यान नहीं दे रहा है।
बाबूपुर गांव निवासी 70 वर्षीय मेवाराम सोमवार रात खाना खाने के बाद सड़क के दूसरी साइड में बने अपने दूसरे मकान में सोने के लिए जा रहे थे। घर के सामने ही सांड़ ने उन्हें सड़क पर पटक दिया। वर्षा होने से बिजली नहीं आ रही थी, जिससे गली में अंधेरा था। धमाके की आवाज सुनकर जब तक स्वजन घर से बाहर निकले तब तक सांड़ ने उन्हें कई बार पटक दिया। स्वजन ने लाठी-डंडों से बमुश्किल सांड़ को भगाया।
मेवाराम को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र ले गए जहां चिकित्सक ने मृत घोषित कर दिया। उनके बेटे रजनीश ने बताया कि यह सांड़ गांव में पहले भी कई लोगों पर हमलावर हो चुका है। करीब छह माह पहले गांव के ही रामभूरे शुक्ला को पटक दिया था जिससे उनकी अंगुली टूट गई थी। इसके बाद नन्हे लाल व रामगोपाल का हाथ टूट गया था।
ग्रामीणों ने पकड़ा, पुलिस ने छुड़वाया
नन्हेलाल पर जब सांड़ हमलावर हुआ था तब ग्रामीणों ने उसे पकड़कर रस्से से बांध दिया था लेकिन किसी ने डायल 112 पर काल कर पुलिस बुला ली थी। रजनीश ने बताया कि पुलिस ने सांड़ को खुलवा दिया था। यदि प्रशासन तब ध्यान देता तो शायद मेवाराम की जान न जाती।
छह दिन में तीसरी मौत
एक अक्टूबर को जलालाबाद के कलेक्टरगंज के पास तेहरवीं से लौट रहे बाइक सवार कूरेबंडा गांव निवासी बुजुर्ग लालाराम की सांड़ के हमले से मृत्यु हो गई थी। जबकि गांव के ही उदम पाल व ब्रजकिशोर घायल हो गए थे। जबकि उससे एक दिन पहले मदनापुर क्षेत्र के ककरौआ गांव निवासी मदनपाल की पत्नी मीरा देवी को मंगलवार को सांड़ ने पटककर मार दिया था। करीब 40 दिन के अंदर जिले में 17 से अधिक लोगों की जान बेसहारा पशुओं से जा चुकी है। 35 से अधिक बेसहारा पशु किसी न किसी वाहन की चपेट में आने से घायल हो चुके हैं।
- 136 गोशाला जिले में हैं।
- 17,254 पशु गोशाला में संरक्षित हैं।
- 8,500 से अधिक पशु सहभागिता के तहत दिए गए।
- 10 वृहद गोशाला निर्माणाधीन हैं।
गोशालाओं का निर्माण कार्य पूरा होने के बाद विशेष अभियान चलाकर बेसहारा पशु पकड़वाए जाएंगे। किसानों को लगातार जागरूक किया जा रहा है कि गाय न छोड़ें।- राजेंद्र प्रसाद, मुख्य पशु चिकित्साधिकारी
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