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    शाहजहांपुर में आशा कार्यकर्ताओं के भुगतान में घोटाला, वित्त मंत्री के आदेश पर हिरासत में पांच कर्मचारी

    Updated: Mon, 03 Nov 2025 08:37 AM (IST)

    शाहजहांपुर में आशा कार्यकर्ताओं के भुगतान में लाखों के घोटाले का आरोप है। 300 कार्यकर्ताओं का आठ महीने का मानदेय नहीं मिला, अधिकारी बजट खर्च होने की बात कह रहे हैं। वित्त मंत्री सुरेश कुमार खन्ना के आदेश पर क्राइम ब्रांच ने पांच कर्मचारियों को हिरासत में लिया है। आशा कार्यकर्ताओं का आरोप है कि उनके हिस्से का बजट गबन किया गया है, जिससे वे आंदोलित हैं।

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    जागरण संवाददाता, शाहजहांपुर। आशा कार्यकर्ताओं को प्रोत्साहन राशि के रूप में मिलने वाले लाखों रुपयों के घपले का आरोप लगा है। 300 आशा कार्यकर्ताओं का आठ महीने का रुका मानदेय देने के बजाय नोडल अधिकारी ने कह दिया कि उनके हिस्से का बजट दूसरे मद में खर्च हो चुका है।

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    आशाओं की इस शिकायत पर प्रदेश के वित्त मंत्री सुरेश कुमार खन्ना ने प्रकरण की जांच बैठाने के बाद रविवार शाम क्राइम ब्रांच सक्रिय हुई। टीम ने सीएमओ कार्यालय में मीटिंग करने आए भुगतान कार्य से जुड़े पांच कर्मचारियों को उठा लिया। उनसे पूछताछ की जा रही है।

    आशाओं का आरोप है कि आठ महीने में प्रत्येक आशा के औसतन 40-40 हजार रुपये का गबन किया गया है। जिले में 2700 आशा कार्यकर्ता हैं। उन्हें प्रतिमाह 1500 रुपये मानदेय एवं कुष्ठ निवारण अभियान समेत कई अन्य सर्वे में औसतन 3500 रुपये मिलते हैं। भावलखेड़ा ब्लाक की 300 आशाओं भुगतान नहीं मिलने से कई दिनों से आंदोलित हैं।

    पिछले सप्ताह आशा कार्यकर्ता के संगठन की जिलाध्यक्ष जिलाध्यक्ष कमलजीत कौर ने वित्त मंत्री सुरेश कुमार खन्ना से भी शिकायत की थी। उनका आरोप था कि भुगतान मांगने पर अधिकारी कह रहे कि आपके हिस्से का बजट महाकुंभ में खत्म हो चुका है। इस पर वित्त मंत्री ने अधिकारियों से नाराजगी जताते हुए सीडीओ डा. अपराजिता सिंह से जांच कराने को कहा था।

    एसपी राजेश द्विवेदी ने भी आशाओं की शिकायत पर क्राइम ब्रांच को जांच सौंप दी थी। रविवार को शाम को सीएमओ डा. विवेक मिश्रा ने इस प्रकरण में भुगतान कार्य संभालने वाले नोडल अधिकारी, लेखा विभाग के अधिकारी, ब्लाक प्रबंधक, हेल्थ वर्कर आदि को बैठक के लिए बुलाया था।

    देर शाम वहां पहुंचे क्राइम ब्रांच उन पांचों लोगों को अपने साथ ले गई। सभी से पूछताछ की जा रही कि आशाओं के लिए आया बजट कहां और किसकी अनुमति से खपाया गया।