ई-कवच पोर्टल पर फीड मिला गलत विवरण, लापरवाही बरतने पर आशा कार्यकर्ता को नोटिस जारी करने के निर्देश
सीतापुर में ई-कवच पोर्टल पर गलत जानकारी दर्ज होने के कारण एक आशा कार्यकर्ता को नोटिस जारी किया गया है। अधिकारियों ने इस लापरवाही पर सख्त रुख अपनाया है ...और पढ़ें

ई-कवच पोर्टल पर फीड मिला गलत विवरण।
संवाद सूत्र, सीतापुर। जिलाधिकारी डॉ. राजागणपति आर ने शनिवार को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र मछरेहटा का निरीक्षण कर व्यवस्थाएं देखीं। संस्थागत प्रसव कराने में लापरवाही बरते जाने पर एक आशा को नोटिस जारी करने के निर्देश दिए। मातृ-सुरक्षा केंद्र बंद मिलने पर नाराजगी जताई।
जिलाधिकारी ने एक्स-रे, फार्मासिस्ट कक्ष, ड्रेसिंग रूम, लेबर रूम, औषधि कक्ष, मातृ-सुरक्षा केंद्र, एनएसएल, पीएनसी वार्ड सहित विभिन्न वार्डों का जायजा लिया।
जिलाधिकारी ने निरीक्षण के दौरान मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. सुरेश कुमार को निर्देश दिए की कोई भी चिकित्सक मुख्यालय न छोड़े, तैनाती स्थल पर ही रुके, यह सुनिश्चित किया जाए। अस्पताल में मातृ-सुरक्षा केंद्र बंद मिलने पर नाराजगी व्यक्त की। निर्देश दिए कि सीएचसी में अधिक से अधिक प्रसव सुनिश्चित कराएं।
जिलाधिकारी को निरीक्षण में ई-कवच पोर्टल पर फीड विवरण की जानकारी ली। विवरण गलत फीड होने पर अधीक्षक डॉ. कमलेश कुमार से नाराजगी व्यक्त करते हुए दुरुस्त करने के निर्देश दिए। संस्थागत प्रसव में लापरवाही बरतने पर आशा कार्यकर्ता को नोटिस जारी करने के निर्देश दिए।
जिलाधिकारी ने कहा कि एएनएम व आशा कार्यकर्ता घर-घर भ्रमण कर संस्थागत प्रसव कराने पर जोर दें। अस्पताल में प्रसव से होने वाले लाभ के प्रति जागरूक करें। अस्पताल में निरीक्षण के दौरान साफ-सफाई की व्यवस्था को और बेहतर करने के लिए कहा।
रेफर किए गए मरीजों से लिया फीड बैक
जिलाधिकारी ने सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र से रेफर किए गए मरीजों से फोन पर बातचीत की। पूछा कि अनावश्यक तो नहीं रेफर कर दिया। स्वास्थ्य में सुधार के बारे में भी जानकारी ली।
ब्लॉक प्रोग्राम मैनेजर को निर्देश दिया कि अस्पताल में भर्ती होने वाले मरीजों को किसी प्रकार की समस्या नहीं होनी चाहिए। मेन्यू के अनुसार भोजन व नाश्ता दिया जाए। वार्ड में पहुंचकर मरीज से बातचीत की, भोजन के विषय में पूछा।
फर्जी न चले एक भी अस्पताल
जिलाधिकारी ने सीएचसी अधीक्षक को स्पष्ट निर्देश दिया कि क्षेत्र में कोई भी अस्पताल बिना पंजीकरण के संचालित न किए जाए। इसको लेकर लगातार मॉनीटरिंग की जाए। बिना पंजीकरण अस्पताल के संचालन पर कार्रवाई करें। जांच में अगर ऐसा मिला तो आपकी जवाबदेही तय की जाएगी।

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