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    सीतापुर में बाघ के हमले में युवक की मौत, ग्रामीणों का हंगामा; वनकर्मी घटनास्थल छोड़ भागे

    Updated: Fri, 22 Aug 2025 10:10 PM (IST)

    सीतापुर के नरनी गाँव में शुक्रवार को बाघ के हमले में एक युवक की मृत्यु हो गई। युवक का शव गन्ने के खेत में मिला जिससे ग्रामीण आक्रोशित हो गए और हंगामा करने लगे। ग्रामीणों का कहना है कि पिछले तीन वर्षों से बाघ इलाके में घूम रहा है लेकिन वन विभाग ने उसे पकड़ने के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाया।

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    बाघ के हमले में युवक की मौत।

    संवाद सूत्र, महोली (सीतापुर)। नरनी गांव में शुक्रवार की देर शाम बाघ के हमले में युवक की मौत हो गई। आक्रोशित ग्रामीण हंगामा कर रहे हैं। वनकर्मी घटनास्थल छोड़कर भाग गए हैं।

    कठिना नदी के कि तटवर्ती गांव नरनी के सौरभ दीक्षित उर्फ रवि शुक्रवार शाम करीब चार बजे खेत की ओर गए थे। देर शाम तक घर वापस न आने पर परिवारजन और ग्रामीणों ने तलाश शुरू की। रवि का शव नदी के किनारे गन्ने के खेत में मिला। रवि का बायां पैर गायब था। वहीं, सिर का कुछ हिस्सा बाघ खा गया था। सीने पर खरोंच के निशान थे। रवि का क्षत-विछत शव देख ग्रामीण आक्रोशित हो गए। उन्होंने हंगामा शुरू कर दिया।

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    वन क्षेत्राधिकारी कल्पेश्वर नाथ अपनी टीम को साथ लेकर भाग गए। गांव के रामबाूबू दीक्षित, दीपक दीक्षि, पंकज दीक्षित, मंजेश शुक्ल आदि ने बताया पिछले करीब तीन वर्षों से बाघ की इलाके में चहलकदमी हो रही है। बावजूद इसके वन विभाग की ओर से बाघ को पकड़ने के गंभीर प्रयास नहीं किए थे। उधर, जिला वन अधिकारी नवीन खंडेलवाल आक्रोशित भीड़ के बीच पहुंचने की हिम्मत नहीं जुटा सके। वन क्षेत्राधिकारी ने बताया कि बाघ के हमले में ही युवक की मौत हुई है। सांसद आनंद भदौरिया ने घटना को लेकर एक्स पर संदेश पोस्ट किया है।

    डब्ल्यूटीआई ने पांच बाघ के होने आशंका जताई थी

    वर्ष 2022 में कठिना के तटवर्ती इलाके में बाघों के देखे जाने और हमलों का सिलसिला शुरू हुआ था। घटनाएं बढ़ने पर वाइल्ड ट्रस्ट आफ इंडिया (डब्ल्यूटीआइ) की टीम प्रभावित क्षेत्र का भ्रमण करने आई थी। डब्ल्यूटीआइ के तत्कालीन सदस्य अनिल नायर ने बताया था कि बाघों ने श्यामजीरा, अमितिया, कोल्हौरा आदि 12 गांवों के बाहर पेड़ों पर बाघ के पगचिह्नि मिले था। उन्होंने बताया था कि बाघों ने कठिना तट पर बसेरा बना लिया है। उन्होंने पांच बाघ होने की आशंका व्यक्त की थी।

    लोकसभा और विधानसभा में उठ चुका मुद्दा

    कठिना के तटवर्ती इलाके में बाघों के बसेरा का मुद्दा लोकसभा और विधनसभा में भी उठ चुका है। विधायक शशांक त्रिवेदी ने विधानसभा तो सांसद आनंद भदौरिया ने लोकसभा में मुद्दा उठाया था। इसके बाद वन विभाग की ओर से ट्रैप कैमरा लगवाए थे और दुधवा के विशेषज्ञों को बाघ पकड़ने के बुलाया गया था। दुधवा की टीम करीब एक महीना डेरा डाले रही थी, लेकिन सफलता नहीं मिली थी।

    बाघ को पकड़ने के लिए दुधवा के विशेषज्ञों की टीम को बुला लिया गया है। स्थानीय टीम भी गठित कर दी गई है। आक्रोशित ग्रामीणों के शांत होने पर ही घटना स्थल पर पहुंचा जा सकता है।- नवीन खंडेलवाल, जिला वन अधिकारी