कोन के तत्कालीन थानाध्यक्ष समेत पांच के खिलाफ एससी एसटी एक्ट मेंं मुकदमा दर्ज
सोनभद्र के कोन थाना क्षेत्र में, एक महिला ने आरोप लगाया है कि जमीन विवाद में उसकी बेटी के साथ मारपीट की गई और उसे जातिसूचक गालियाँ दी गईं। न्यायालय के आदेश पर तत्कालीन थानाध्यक्ष समेत पांच लोगों के खिलाफ एससी/एसटी एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है। पीड़िता ने पुलिस पर एफआईआर दर्ज करने में लापरवाही बरतने का भी आरोप लगाया है।

मामले की जांच पुलिस क्षेत्राधिकारी को सौंपी गई है।
जागरण संवाददाता, सोनभद्र। विशेष न्यायाधीश एससी एसटी एक्ट के आदेश पर कोन थाना पुलिस ने तत्कालीन थानाध्यक्ष समेत पांच लोगों के खिलाफ दलित उत्पीड़न व अन्य धाराओं में मुकदमा दर्ज किया है। मामले की जांच पुलिस क्षेत्राधिकारी को सौंपी गई है।
कोन थाना क्षेत्र के गौरासिंगा गांव निवासी महिला फुलवंती देवी ने पुलिस को दी तहरीर में कहा है कि आठ अगस्त को सुबह करीब नौ बजे उसकी बेटी को गांव की चंद्रावती देवी, संगीता देवी, बेबी देवी व अन्य आरोपितों ने जमीन संबंधी विवाद में मारा पीटा था।
इस पर उसने न्यायालय के समक्ष अधिवक्ता के जरिए वाद दाखिल किया था। न्यायालय ने आरोपितों के विरुद्ध मुकदमा दर्ज करने का आदेश दिया था। इसको लेकर आरोपित सीताराम यादव, चंद्रावती देवी, संगीता देवी, बेबी देवी ने उसे गाली गलौज किया और जाति सूचक शब्दों का प्रयोग करते हुए लाठी डंडे से मार कर बेहोश कर दिया था। इससे उसके शरीर पर कई जगह चोट आई थी।
उसकी बेटी को भी मारपीट कर घायल कर दिया था। सूचना पर 112 नंबर की पुलिस मौके पर पहुंची और उसे कोन अस्पताल ले गई। वहां तैनात डॉक्टर ने कहा कि कोन थाने से लिखवा कर ले आओ तब परिवार के लोग थाने गए और प्रभारी निरीक्षक से मिले। गंभीर स्थिति को बताने की बावजूद मेडिकल बनाने के लिए थाना पुलिस ने डॉक्टर से नहीं कहा।
तब पीड़िता के परिवार के लोगों ने सीओ ओबरा को फोन कर मामले की जानकारी दी। उनके निर्देश पर पीड़ितों का उपचार हुआ, लेकिन पुलिस ने मेडिकल परीक्षण नहीं कराया। तत्कालीन प्रभारी निरीक्षक ने एफआईआर भी लिखने से मना कर दिया। तब पीड़िता ने न्यायालय में वाद दाखिल किया।

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