Updated: Wed, 27 Aug 2025 06:23 PM (IST)
सोनभद्र जिले में खाद की कमी से जूझ रहे किसान समितियों के चक्कर काट रहे हैं। महुली में खाद न मिलने पर किसानों ने रीवा-रांची मार्ग जाम कर दिया। पुलिस की मौजूदगी में खाद वितरण हुआ लेकिन किसानों का आरोप है कि खाद होने पर भी वितरण नहीं हो रहा। राजनीतिक दलों ने जांच की मांग की है। बकरिहवा में भारी भीड़ उमड़ी ।
जागरण संवाददाता, सोनभद्र। जनपद में खाद को लेकर किसानों की जद्दोजहद समितियों पर जारी है। महुली में समय पर खाद न मिलने से नाराज किसानों ने कुछ देर के लिए रीवा-रांची मार्ग पर जाम कर दिया। हालांकि पुलिस की सजगता से उन्हें शांत कराया गया। कई समितियों पर पुलिस की मौजूदगी में खाद का वितरण किया गया। इस दौरान किसानों को टोकन वितरित किया गया।
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किसानों का आरोप है कि समितियों पर खाद होने के बाद भी उनका वितरण नहीं किया जा रहा है। इस दौरान राजनीतिक दलों के लोगों ने खाद वितरण की उच्च स्तरीय जांच कराने की मांग की है। कहा कि इसमें बड़े स्तर पर लापरवाही की गयी है, जिसकी जांच होनी चाहिए। सुरक्षा व्यवस्था में तैनात पुलिसकर्मी बेबस नजर आए बकरिहवा सहकारी समिति पर यूरिया खाद के लिए बुधवार को हजारों किसानों की भीड़ उमड़ पड़ी।
सुरक्षा व्यवस्था में तैनात पुलिस कर्मी बेबस नजर आए। जरहा लैंपस समिति अध्यक्ष ईश्वरी प्रसाद की देखरेख में गोदाम पर उपलब्ध यूरिया का वितरण किसानों में कराया गया। यूरिया पाने के लिए किसान आधार कार्ड और खतौनी की फोटो कापी कराने के लिए जनसेवा केंद्रों पर पहले जद्दोजहद करते देखे गए।
बाद में खाद के लिए धक्का मुक्की तक के हालात बन गए। इतना कुछ करने के बाद भी किसानों को उनकी आवश्यकता के अनुसार खाद नहीं मिला। जरहा के टोला चेतवा में संगीत केशरी के खाद दुकान में 350 बोरी यूरिया खाद आया था, यहां पर 300 किसानों का आधार और खतौनी जमा कराया गया। इस दौरान कई बार मामला मारपीट तक पहुंच गया। हालत बेकाबू देखकर गोदाम बंद करके संचालक चले गए।
हर दिन सुबह चार बजे से लगाते लाइन एक सप्ताह पहले से महुली लैंपस पर यूरिया खाद उपलब्ध होने के बाद भी वितरण नहीं होने से किसानों ने रीवा-रांची मार्ग बुधवार को जाम कर दिया। इसके कारण सड़क के दोनों तरफ वाहनों की लंबी कतार लग गई। किसानों का आरोप था कि पिछले तीन दिनों से हर दिन सुबह चार बजे से लाइन लगाते हैं।
बाद में कोई कर्मचारी आकर यह कहता है कि सुरक्षा को देखते हुए वितरण संभव नहीं है। सोमवार को कहा गया कि मंगलवार को खाद का वितरण किया जाएगा, मंगलवार को भी लैंपस पर कोई कर्मचारी नहीं आया। अब बुधवार को भी यही हालात रहे। इसके बाद मजबूरी में किसानों ने सड़क जाम कर दिया।
घटना की सूचना के बाद पुलिस मौके पर पहुंच कर हालात को सामान्य कराया। किसानों ने कहा कि अगर जल्द ही खाद नहीं मिला तो फसल बर्बाद हो जाएगा। खाद के लिए भटकने को विवश दुद्धी के हथवानी, डाला, पीपर, गरदरवा ग्राम पंचायत के किसान खाद के लिए भटकने को विवश हैं।
बुधवार को गरदरवा के ग्राम प्रधान जयबाबू ने बताया कि छह ग्राम पंचायत बीडर लैंपस से संबद्ध है। इस समय वह बंद चल रहा है। जिसके कारण किसानों को समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। बताया कि लैंपस का उठान दुद्धी व दुमान से किया जा रहा है। जिसके कारण किसानों को लंबी दूरी तय करके वहां पर जाना पड़ता है।
यहां पर यूरिया मिल जाएगा यह भी निश्चित नहीं है। किसान संतोष कुमार, श्याम नारायण, वंशी, संजय कुमार, आशीष, देवनारायण, कामेश्वर, अशोकलता आदि ने कहा कि हम लोगों का कोई सुनने वाला नहीं है। समिति पर यूरिया न मिलने के कारण उपज प्रभावित हो रहा है। दुद्धी व दुमान समिति पर सुबह से लाइन लगाने के बाद भी खाद नहीं मिल रहा है।
कूपन के माध्यम से खाद का वितरण विंढमगंज व मेदनीखाड़़ लैंपस पर बुधवार को पुलिस की मौजूदगी में सचिव ने कूपन के माध्यम से खाद का वितरण किया। सचिव दीप नारायण यादव ने बताया कि हमारे केंद्र पर लगभग 600 बोरी यूरिया खाद मौजूद है। जिसमें इस केंद्र से जुड़े सलैयाडिह, मूडीसेमर, हरनाकछार, बुटबेढवा, धरतीडोलवा के प्रत्येक ग्राम पंचायत में 100 किसानों को कूपन बांटा गया है।
ग्राम पंचायत के प्रत्येक किसानों को आधार कार्ड व खतौनी के माध्यम से खाद बांटा जा रहा है। मेदनीखाड के सचिव नारायण यादव ने बताया कि हमारे केंद्र पर लगभग 700 बोरी यूरिया खाद मौजूद है। हमारे केंद्र से जुड़े कोलीनडूबा, मेदनीखाड, धूमा, केवाल, घीवही में प्रत्येक ग्राम पंचायत के 90 किसानों को कूपन बांटा गया है। वितरण के दौरान आधार कार्ड व खतौनी के माध्यम से खाद का वितरण किया जा रहा है।
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