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    सोनभद्र खदान हादसा अपडेट: फोन नंबर से हुई एक मृतक की पहचान, गहराई बन रही रेस्क्यू अभियान में रोड़ा

    Updated: Sun, 16 Nov 2025 09:09 AM (IST)

    सोनभद्र के बिल्ली मारकुंडी में पत्थर खदान हादसे में एक मजदूर की मौत हो गई, जिसकी पहचान राजू सिंह गौड़ के रूप में हुई है। एनडीआरएफ की टीम मलबा हटाने में जुटी है और मलबे में 15 लोगों के दबे होने की आशंका है। प्रशासन ने जांच के आदेश दिए हैं और लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की है।

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    सोनभद्र खदान हादसा का रेस्क्यू करती टीम।

    जागरण संवाददाता, ओबरा (सोनभद्र)। बिल्ली मारकुंडी में शनिवार को दोपहर बाद करीब तीन बजे कृष्णा माइनिंग वर्क्स कंपनी की पत्थर खदान हादसे में एक मृतक की पहचान हो गई है। घटनास्थल पर राहत व बचाव कार्य में लगे कर्मियों ने रात लगभग दो बजे मलबे में दबे एक शव को बाहर निकाला।

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    शव के जेब से मिले मोबाइल फोन में डायल नंबरों पर फोन लगाने पर मृतक की पहचान राजू सिंह गौड़ पुत्र त्रिवेणी सिंह गौड़ निवासी टोला अमरीनिया ग्राम पंचायत परसोई के रूप में की गई। मृतक के भाई सोनू सिंह ने पहचान की। मलवे में 15 लोगों के दबे होने की आशंका जताई गई है। इसमें से एक मजदूर की मृत्यु की पुष्टि हो गई है।

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    मौके पर पहुंचे पुलिस अधिकारी।

     

    बिल्ली मारकुंडी में शनिवार को दोपहर बाद करीब तीन बजे हुआ था हादसा


    घटना के बाद शनिवार की रात को ही तमाम आला अधिकारी और एनडीआरएफ की कई टीम में पहुंच गई थी। रातभर मलबे को हटाने का काम जारी रहा। रविवार की सुबह से ही कई अधिकारी घटनास्थल पर जमे हुए हैं। बचाव कार्य और तेज कर दिया गया है। बताया जा रहा है कि यह हादसा खदान में ड्रिलिंग कार्य के दौरान हुआ। नौ कंप्रेशर मशीन से ड्रिलिंग का कार्य हो रहा था और प्रत्येक पर दो-दो मजदूर लगाए गए थे। इस तरह खदान हादसे के दौरान कुल 18 मजदूर कार्य करने की बात सामने आ रही है। घटना के बाद खदान स्वामी और पार्टनर वहां से फरार हो गए।


    लगातार बचाव कार्य जारी, मलबा हटाने में जुटी है एनडीआरएफ की टीम


    जानकारी पर समाज कल्याण राज्यमंत्री संजीव सिंह गोंड, भाजपा जिलाध्यक्ष नंदलाल, जिलाधिकारी बद्रीनाथ सिंह, पुलिस अधीक्षक अभिषेक वर्मा के साथ ही प्रशासन, पुलिस, खनन और फायर ब्रिगेड की टीम मौके पर पहुंच गई है। एसडीआरएफ और एनडीआरएफ की टीम को भी बुलाया गया है। अंधेरा होने के कारण शाम सवा सात बजे तक मलबे में लोगों की तलाश करने में थोड़ी परेशानी हुई। हालांकि लाइट की व्यवस्था कर ली गई थी।

    ओबरा तापीय परियोजना, दूसान कंपनी व अल्ट्राटेक से प्रशासन ने मदद मांगी थी। हादसे से बच निकले पनारी ग्राम पंचायत के करमसार निवासी छोटू यादव ने जानकारी दी है कि उसके दो सगे भाई इंद्रजीत यादव और संतोष यादव भी मलवे में दबे हैं।

     

    ई मजदूरों का नहीं लगा पता


    पनारी के प्रधान लक्ष्मण प्रसाद यादव ने बताया कि खड़री टोला के भी रामखेलावन, अशोक और कृपाशंकर मजदूरी करने खदान में आए थे जिनका अब तक पता नहीं चल सका है। चींख पुकार मची हुई है। पुलिस ध्वनि विस्तारक यंत्र से लोगों से शांति व्यवस्था बनाए रखने और सहयोग की अपील कर रही है।

     

     

    खदान हादसा हुआ है। कितने लोग मलबे में दबे हैं, इसका पता नहीं चल सका है। सर्च अभियान जारी है। दुर्घटना कैसे हुई इसकी जांच कराकर उचित कार्रवाई की जाएगी। अभी तक एक मजदूर का शव मिला है। उसकी पहचान भी हो गई है। हालांकि खदान गहरी और अंधेरा होने के नाते रेस्क्यू में समस्या आ रही है।  बद्रीनाथ सिंह, जिलाधिकारी