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    सोनभद्र में खतरों के बीच राहत और बचाव कार्य जारी, 200 फीट गहरी है हादसे वाली खदान

    By Abhishek sharmaEdited By: Abhishek sharma
    Updated: Sun, 16 Nov 2025 12:42 PM (IST)

    सोनभद्र में एक 200 फीट गहरी खदान में हुए हादसे के बाद राहत और बचाव कार्य जारी है। खदान की गहराई बचाव दल के लिए एक बड़ी चुनौती बनी हुई है। स्थानीय प्रशासन पूरी तत्परता से बचाव कार्यों में लगा हुआ है और सुरक्षा को प्राथमिकता दी जा रही है।

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    एनडीआरए के डीआईजी मनोज कुमार शर्मा के अगुवाई में टीम मलबे में दबे लोगों की तलाश में जुटी हुई है।

    जागरण संवाददाता, सोनभद्र। चोपन रेलवे के खेल मैदान से मुख्यमंत्री के लौटने के बाद शनिवार को दोपहर बाद करीब तीन बजे बिल्ली मारकुंडी के कृष्णा माइंस में हुए हादसे को लेकर दूसरे दिन रविवार को भी खतरों के बीच रेस्क्यू अभियान जारी रहा। करीब 200 फीट गहरी खदान में एनडीआरए के डीआईजी मनोज कुमार शर्मा के अगुवाई में टीम मलबे में दबे लोगों की तलाश में जुटी हुई है।

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    खनन के लिए ठेकेदार की ओर से बनाए गए खतरनाक रास्ते से ही होकर प्रशासनिक व पुलिस अधिकारियों के साथ ही एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीम मौके पर पहुंची है। साथ में फायर विभाग की टीम है। जहां हादसा हुआ है वहां की खदान का हिस्सा काफी गहरा होने के कारण उसके धसकने की आशंका भी अक्सर बनी रहती है। ऐसे में सुरक्षा का ध्यान रखकर रेस्क्यू चलाया जा रहा है।

    खास बात यह है कि खनन क्षेत्रों में सुरक्षा मानकों के लिए जिम्मेदारी खनन सुरक्षा निदेशालय (डीजीएमएस) की टीम अब तक मौके पर नहीं पहुंची है। देर रात घटनास्थल पर पहुंचे एडीजी जोन पीयूष मोर्डिया, मंडलायुक्त विंध्याचल मंडल राजेश प्रकाश रविवार की सुबह वहां से लौट। अब जिलाधिकारी बद्रीनाथ सिंह और पुलिस अधीक्षक अभिषेक वर्मा की मौजूदगी में रेस्क्यू अभियान चल रहा है। मौके पर लापता श्रमिकों के स्वजन भी पहुंच गए हैं। हर तरफ चींख पुकार मची हुई है।

    खनन क्षेत्र में चप्पे-चप्पे पर फोर्स तैनात, 12 मार्ग प्रतिबंधित
    खनन क्षेत्र में प्रवेश वाले 12 मार्ग पूरी तरह से प्रतिबंधित कर दिये गए हैं ताकि कोई भी व्यक्ति घटनास्थल तक न पहुंच सके। साथ ही चप्पे-चप्पे पर पुलिस और पीएसी के जवान तैनात किये गए हैं। खनन पहाड़ी के उपरी और निचले दोनों हिस्सों में सुरक्षा का ध्यान रखते हुए फोर्स तैनात की गई है।

    सूत्रों के अनुसार शनिवार को मुख्यमंत्री के कार्यक्रम में जो फोर्स सुरक्षा के लिए लगाई गई थी, उसी को खनन क्षेत्रों के साथ ही जिला अस्पताल में लगाया गया है। सीएम का कार्यक्रम समाप्त होने के बाद फोर्स अपने-अपने जिलों के लिए रवाना हो गई थी लेकिन सभी को बीच रास्ते से ही वापस करा दिया गया है।