सुलतानपुर में मच्छरजनित बीमारियों के बढ़ रहे मरीज, मेडिकल कॉलेज में बनाया गया डेंगू वार्ड
सुलतानपुर में मच्छरजनित बीमारियों के मामले बढ़ने के कारण मेडिकल कॉलेज में डेंगू वार्ड बनाया गया है। स्वास्थ्य विभाग रोकथाम के लिए तैयार है और जागरूकता अभियान चला रहा है। मच्छरों से बचाव के तरीकों की जानकारी दी जा रही है ताकि डेंगू के मामलों को नियंत्रित किया जा सके।

जिले में अब तक मिले डेंगू के 166 केस।
संवाद सूत्र, सुलतानपुर। डेंगू पीड़ितों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। अब यह 166 तक पहुंच गई है। इनमें दूबेपुर से सर्वाधिक 34 मरीज हैं। नगर क्षेत्र, 16, जयसिंहपुर 13, कुड़वार से 12, अखंडनगर, भदैया आठ-आठ, कादीपुर, धनपतगंज, कूरेभार सात-सात, लंभुआ छह, पीपी कमैचा पांच, करौंदीकला चार, बल्दीराय व मोतिगरपुर दो-दो केस शामिल है। 17 केस अज्ञात हैं। 12 केस अन्य जनपदों के है।
वहीं, मलेरिया के सात, चिकनगुनिया के तीन तथा जेई व एईएस के एक-एक केस अब तक मिले हैं। वहीं, मेडिकल कालेज के विशेष डेंगू वार्ड में दो मरीजों का भर्ती कर इलाज किया जा रहा है।
वरिष्ठ चिकित्सक डॉ. एसके श्रीवास्तव ने बताया कि इस समय डेंगू का विशेष खतरा है। इसके प्रमुख लक्षणों में तेज बुखार, ठंड लगना, सिरदर्द, दाने, मांसपेशियों व जोड़ों में दर्द, उल्टी, रक्तस्राव, कमजोरी, भूख न लगना, थकान जैसी समस्याएं प्रमुख हैं।
उन्होंने कहा कि ऐसे लक्षणों वाले मरीजों की कार्ड विधि से जांच की जाती है। पाजिटिव मरीजों को जरूरत पड़ने पर भर्ती किया जाता है। इसके बाद इनके रक्त नमूने को एलाइजा जांच के लिए करौंदिया स्थित बीएसएल-टू (बायो सेफ्टी लेबल- टू) भेजा जाता है। एलाइजा जांच में पुष्टि होने पर ही डेंगू पीड़ित माना जाता है।
मच्छरजनित बीमारियों से बचाव के लिए टायर, गमले, कूलर समेत अन्य स्थानों पर पानी नहीं ठहरने देना चाहिए। सोते समय मच्छरदानी जरूर लगाएं। वहीं, जिला मलेरिया अधिकारी बंशीलाल ने कहा कि जहां डेंगू या मलेरिया के केस मिल रहे हैं, उनके इर्द-गिर्द के 50 घरों के आसपास फागिंग कराई जा रही है।
छठें दिन भी नहीं ठीक हो सकी लिफ्ट
सुलतानपुर मेडिकल कॉलेज के नवनिर्मित चिकित्सीय विंग की लिफ्ट लगातार छठें दिन भी नहीं ठीक की जा सकी। सात महीने में लिफ्ट खराब होने की यह चौथी घटना है। एकमात्र लिफ्ट से छह मंजिल तक मरीजों को लाने-ले जाने में काफी मशक्कत का सामना करना पड़ रहा है। खासकर स्ट्रेचर व व्हीलचेयर मरीजों को।
कटका के राम नरेश, करौंदिया के मोहन तथा गोलाघाट के रामेंद्र ने कहा कि उन्हें पांचवें तल तक पहुंचने में आधा घंटा लग गए। प्राचार्य डा. सलिल श्रीवास्तव ने बताया कि लिफ्ट की मरम्मत के लिए निर्माता कंपनी को पत्र लिखा गया है।

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