विश्व रेडियोलॉजी दिवस: ढूंढ़े नहीं मिल रहे रेडियोलाजिस्ट, निजी केंद्रों पर मरीजों का शोषण
World Radiology Day: मेडिकल कालेज के पुरुष अस्पताल में साल भर पूर्व रेडियोलाजिस्ट डा. आरपी सिंह को नियुक्त किया गया था। दो महीने पूर्व डा. सिंह के त्यागपत्र दे देने के बाद रेडियोलाजी कक्ष में ताला लग गया था।

मेडिकल कालेज के सेंटर पर चस्पा नोटिस
संवाद सूत्र, जागरण, सुलतानपुर : मेडिकल कालेज के अस्पताल में अल्ट्रासाउंड सेवा संबद्ध रेडियोलाजिस्ट के भरोसे चल रही है। नियमित रेडियोलाजिस्ट न होने के कारण मरीजों को निजी जांच केंद्रों पर मनमानी शुल्क देकर जांच करानी पड़ रही है। यहां उनसे आठ से नौ सौ रुपये तक वसूले जाते हैं।
मेडिकल कालेज के अस्पताल में प्रतिदिन चिकित्सक 80 से सौ मरीजों को अल्ट्रासाउंड का परामर्श देते हैं। इनमें महिला अस्पताल के भी मरीज शामिल हैं। एक अप्रैल, 2023 से जिला अस्पताल की सारी सेवाएं मेडिकल कालेज के अधीन संचालित की जाने लगीं। यहां के पुरुष अस्पताल में रेडियोलाजिस्ट का पद रिक्त होने के कारण अल्ट्रासाउंड का कार्य जुलाई, 2022 से ठप था।
यही हाल महिला अस्पताल का भी है। वहां तत्कालीन मुख्य चिकित्साधीक्षक एवं रेडियोलाजिस्ट डा. वीके सोनकर 20 से 25 गर्भवतियों का अल्ट्रासाउंड करते थे। उनके स्थानांतरण के बाद महिला अस्पताल में भी जांच सेवा ठप हो गई। मेडिकल कालेज के पुरुष अस्पताल में साल भर पूर्व रेडियोलाजिस्ट डा. आरपी सिंह को नियुक्त किया गया था। दो महीने पूर्व डा. सिंह के त्यागपत्र दे देने के बाद रेडियोलाजी कक्ष में ताला लग गया था। इसके बाद रेडियोलाजिस्ट डा. आरएस यादव को यहां सप्ताह में दो दिन के लिए संबद्ध किया गया। कई मरीजों ने बताया कि बाहर उन्हें जांच के लिए 800 से 900 रुपये तक वसूले जाते हैं।
ढूंढ़े नहीं मिल रहे रेडियोलाजिस्ट
निजी केंद्रों पर सेवा दे रहे रेडियोलाजिस्ट बताते हैं कि सरकारी अस्पतालों में उन्हें महज एक से डेढ़ लाख रुपये महीने वेतन मिल सकता है। वहीं, निजी केंद्र पर वे न्यूनतम सौ रुपये प्रति जांच की दर से दिन में सौ आनलाइन रिपोर्ट बना दें, तो महीने में तीन लाख रुपये की कमाई बड़ी आसानी से हो सकती है। वह भी कुछ ही घंटों की रोजाना मेहनत में। यही कारण है कि सरकारी अस्पतालों में वे सेवा देने से कतराते हैं।
आज मनाया जाता है रेडियोलाजी दिवस
विश्व रेडियोलाजी दिवस आठ नवंबर को मनाया जाता है। इसी दिन 1895 में विल्हेम काराड रोएंटजेन ने एक्स-रे की खोज की थी। इससे बीमार लोगों के नैदानिक स्वास्थ्य में क्रांतिकारी परिवर्तन आया था। रेडियोग्राफरों व रेडियोलाजिस्टों के महत्व को लोगों के सामने रखना ही दिवस विशेष का उद्देश्य है।

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