Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    Delhi Blast: ‘आंतकी’ गतिविधियों से ‘उन्नाव’ का रह चुका कनेक्शन, बस में धमाका से लेकर RDX तक मिला

    Updated: Tue, 11 Nov 2025 06:47 PM (IST)

    Delhi Blast: दिल्ली में हुए धमाके ने उन्नाव का आतंकी गतिविधियों को ताजा कर दिया है। उन्नाव में पहले भी बस में धमाका हो चुका है और RDX बरामद हुआ था। 

    Hero Image

    जागरण संवाददाता, उन्नाव। Delhi Blast: जिले की खुफिया टीमें भले ही खुद की सतर्कता का दावा करती हों, पर हकीकत कुछ और है। समय-समय पर यहां संदिग्धों की पैठ के मिले प्रमाण सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े करते रहे हैं। आतंकी संगठन से जुड़े लोगों ने यहां के औद्योगिक क्षेत्र समेत अन्य जगहों पर पनाह लेकर दहशत फैलाने की भी पुरजोर कोशिश की।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

     

    आतंकी नूरआलम ने यहां धमाका किया

    जौनपुर में विस्फोट करने वाले आतंकी नूरआलम ने वर्ष 2009 में पं दीनदयाल स्टेडियम के पास बस में धमाका किया था। जिससे बस की छत उड़ गई थी। उसने औद्योगिक क्षेत्र में ही एक बंद फैक्ट्री में आरडीएक्स की 13 छड़े छिपाकर रखीं थीं। धमाके के चार दिन बाद अन्य जिले से उसे गिरफ्तार कर एटीएस उन्नाव लाई थी और उसकी निशानदेही पर छिपाई गईं छड़े बरामद की थीं।

     

     

    मस्जिद में ली थी आतंकियों ने शरण

    वहीं वर्ष 2017 में लखनऊ में मारे गए आतंकी सैफउल्ला ने भी अपने साथियों के साथ जायरीन बनकर मस्जिदों में शरण ली थी। इसके अलावा एटीएस अन्य आतंकियों को भी यहां से पकड़ चुकी है। दिल्ली में सोमवार शाम हुई विस्फोट की घटना के बाद एक बार फिर जिले में पुलिस हाई-अलर्ट पर है।

     


    भल्लाफार्म से पकड़ा गया था उग्रवादी

    यूपी एटीएस ने बब्बर खालसा संगठन के आतंकी बलवंत सिंह को लखनऊ के ऐशबाग से गिरफ्तार किया था। उसकी निशानदेही पर आठ अगस्त 2017 को एटीएस ने उन्नाव के सोहरामऊ के सरांयजोगा के एक फार्म हाउस में छिपे बैठे इसी संगठन से जुड़े जसवंत सिंह उर्फ काला नाम के उग्रवादी को पकड़ा था। उसे अपने साथ लखनऊ लेकर चली गई थी। कई प्रदेशों की पुलिस को उसकी तलाश थी। इस मामले स्थानीय खुफिया टीमों को दूसरे दिन ही भनक लग सकी थी।



    लखनऊ व कानपुर के बीच उन्नाव में छिपना बेहद आसान

    राजधानी लखनऊ और कानपुर महानगर के बीच उन्नाव संदिग्धों के छिपने का सुरक्षित ठिकाना रह चुका है। औद्योगिक क्षेत्र के स्लाटर हाउस व आसपास की बस्तियों में यह आसानी से शरण ले लेते हैं। समय-समय पर सत्यापन न होने से यह संगठन के लोगों को यहां से हर जानकारियां उपलब्ध कराते हैं। पूर्व में भी फैक्ट्रियों से आतंकी, रोहिंग्या व बांग्लादेशी पकड़े जा चुके हैं।

     


    जिले में यह आतंकी ले चुके शरण

    • 5 फरवरी 2012: बांगरमऊ के मदारनगर में मदरसा में शिक्षक बनकर 7 माह से रह रहे आतंकी बशीर हसन को दिल्ली क्राइम ब्रांच ने गिरफ्तार किया था। इससे पहले आतंकी भटकल को भी एटीएस ने गिरफ्तार किया था।
    • मार्च 2017 में मारा गया आतंकी सैफउल्ला जायरीन बनकर साथियों के साथ स्टेशन रोड व किला स्थित मस्जिद में रुका था। एनआइए (नेशनल इनवेस्टिगेशन एजेंसी) को जांच के दौरान यहां उसके रुपये के प्रमाण मिले थे।
    • 2 जुलाई 2023: एटीएस ने आतंकी संगठनों से जुड़े रिजवान खान नाम के आतंकी को बिहार प्रांत से गिरफ्तार किया था। वह उन्नाव के एक स्लाटर हाउस में सिक्योरिटी गार्ड के रूप में दो महीने काम कर चुका था।

     

    यह भी पढ़ें- Delhi Blast: डा. शाहीन और जैश...कानपुर मेडिकल कालेज में पोस्टिंग, बर्खास्तगी और पति से तलाक

    यह भी पढ़ें- दिल्ली आतंकी ब्लास्ट का कानपुर कनेक्शन, जैश महिला विंग की चीफ डा. शाहीन जीएसवीएम मेडिकल कालेज में थी डाक्टर