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    अवैध मिट्टी खनन के बड़े नेटवर्क का पर्दाफाश, खान अधिकारी की लोकेशन देने वाले 3 युवक गिरफ्तार

    Updated: Sat, 01 Nov 2025 10:38 PM (IST)

    अवैध मिट्टी खनन के एक बड़े नेटवर्क का पर्दाफाश हुआ है। खान अधिकारी की लोकेशन लीक करने वाले तीन युवक गिरफ्तार किए गए हैं। ये युवक खनन माफिया को अधिकारी की जानकारी देते थे, जिसके आधार पर अवैध खनन किया जाता था। पुलिस अब नेटवर्क से जुड़े अन्य लोगों की तलाश कर रही है।

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    जागरण संवाददाता, उन्नाव। खनिज पदार्थ लदे ओवरलोड भारी वाहन वह अवैध मिट्टी खनन में संलिप्त लोगों के एक बड़े नेटवर्क का राजफाश हुआ है। अवैध कार्य में खान अधिकारी बाधक न बन सके इसलिए गिरोह के सदस्य उनकी हर गतिविधि पर नजर रख रहे थे यहां तक कि उनके आवास के बाहर भी उन पर नजर रखकर लोकेशन गिरोह के लोगों को भेज रहे थे।

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    खान अधिकारी की सूचना पर दही पुलिस ने कानपुर के तीन लोगों को गिरफ्तार किया है। इनके पास से मिले मोबाइल में एक ऐसा ग्रुप संचालित है, जिसमें 37 लोग जुड़े हैं। कार्रवाई से बचने के लिए पकड़े गए आरोपित खान अधिकारी की लोकेशन टीम के सदस्यों तक पहुंचाने थे। खनन निरीक्षक की तहरीर पर पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू की है।


    खान निरीक्षक प्रांजुल सिंह ने दही थाना पुलिस को तहरीर देकर बताया कि शनिवार तड़के लगभग तीन से चार के बीच खनन प्रशासन संबंधी कार्यों के निर्वहन हेतु वह प्रवर्तन कार्य कर रहे थे। इसी दौरान उन्हें महसूस हुआ कि एसयूवी कार नंबर यूपी-32 एनयू-9068 से उनका पीछा किया जा रहा था। संदेह होने पर कर का पीछा किया गया तो वह दही क्षेत्र की ओर भाग पड़े। इस पर पुलिस को सूचना दी गई।

    तीन लोगों को हिरासत में ले लिया

    दही पुलिस ने नाकाबंदी कर रोडवेज वर्कशाप के पास कार को रोककर उसमें बैठे तीन लोगों को हिरासत में ले लिया। पूछताछ में तीनों ने अपना नाम रवींद्र सिंह पुत्र मथुरा सिंह निवासी 116 जवाहर नगर पूर्वी घाटमपुर कानपुर, दानिश पुत्र नियाजुल निवासी आधी कोटाल पश्चिमी घाटमपुर कानपुर, व अंकुश यादव पुत्र ज्ञान प्रकाश यादव निवासी 119/228 ओम नगर थाना फजलगंज कानपुर बताया। तीनों व्यक्तियों के पास से चार मोबाइल फोन बरामद हुए। जिसमें से आइफोन में एक वाट्सप ग्रुप हारे का सहारा बाबा खाटू श्याम हमारा नाम से संचालित मिला।

    ग्रुप एडमिन व अन्य नंबरों से उनके आने जाने की लोकेशन के बारे में वाइस मैसेज, फोटोग्राफ सहित सूचना दी जा रही थी। इस ग्रुप पर वाट्सप चैटिंग देखी गई तो पता चला कि 37 सदस्य इसमें जुड़े हैं। बताया कि प्रवर्तन के दौरान वह गाड़ियों से जहां-जहां जाते हैं उनका लोकेशन वाइस व टैक्सट मैसेज से दिया जाता है।

    जिससे उपखनिज गिट्टी, मौरंग व डस्ट आदि के अवैध परिवहन में लिप्त वाहन स्वामियों द्वारा अपने-अपने वाहनों को बचाने हेतु मैसेज किया जाता है। जिससे सरकारी कार्य में बाधा उत्पन्न हो रही है व सरकारी राजस्व की क्षति की जा रही है। लोकेशन देने के कारण प्रांजुल सिंह व खान अधिकारी की जानमाल का खतरा भी बना है। प्रभारी निरीक्षक दही अवनीश सिंह ने बताया कि तहरीर के आधार पर तीनों आरोपियों के विरुद्ध मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू की गई है।