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    Unnao News : लखनऊ IB के अधिकारियों ने सूरजपाल के घर जाकर की पूछताछ, पाकिस्तान से कैसे जुड़े तार!

    Updated: Thu, 28 Aug 2025 10:04 PM (IST)

    उन्नाव जिले में सूरजपाल नामक एक व्यक्ति जिसके परिवार ने दावा किया कि वह चार साल तक पाकिस्तान की जेल में बंद था अचानक घर लौट आया। खुफिया एजेंसियां सक्रिय हो गई हैं लेकिन दिमागी हालत ठीक न होने से वह असंगत जवाब दे रहा है। परिवार में खुशी का माहौल है।

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    लखनऊ से आइबी के अधिकारियों ने सूरजपाल के घर जाकर की पूछताछ। जागरण

    जागरण संवाददाता, उन्नाव । पाकिस्तान जेल में जिस सूरजपाल के चार साल तक बंद रहने का स्वजन दावा कर रहे हैं, बुधवार को अचानक उसके घर पहुंचने के बाद खुफिया एजेंसियां सक्रिय हो गई है। जिला स्तरीय टीम के अलावा लखनऊ से आए आइबी के अधिकारियों ने भी सूरजपाल से बात करने की कोशिश की। हालांकि दिमागी संतुलन ठीक न होने से सूरजपाल ऊल-जुलूल जवाब देता रहा।

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    परिवार के लोगों के अनुसार वह बार-बार यही कह रहा है कि मुझे जेल स्थित खेतों में काम करने जाना है, खाना दो। लंबे समय बाद सूरजपाल के घर पहुंचने के बाद स्वजन उसका बीता कल भुलाकर उसे हर खुशी देने की कोशिश कर रहे हैं।

    खुफिया सूत्रों के अनुसार वर्ष 2020 से अब तक सूरजपाल के पाकिस्तान जेल में बंद होने और वहां से छूटने संबंधी कोई पत्र जिले में नहीं आया। वर्ष 2020 में भारतीय दूतावास से उसके सत्यापन के लिए कहा गया, जिस पर सत्यापन किया गया था।

    पत्नी सूरजादेवी गुरुवार को भावुक हो गई। कहा कि पति घर आ गए उसके लिए इससे बड़ी कोई खुशी नहीं है। पैर छूकर उन्हें नहलाया और अच्छा खाना बनाकर खिलाया। बढ़ी हुई दाढ़ी बनवाई गई।

    गुरुवार को दो बार घर से चुपचाप निकल गया सूरजपाल

    गुरुवार सुबह 9:30 बजे सूरजपाल घर से निकल गया। घरवालों ने उसकी खोजबीन शुरू की। कुछ घंटे बाद वह मगरवारा स्टेशन के पास स्वजन को दिखाई पड़ा। दाढ़ी बनवाने के लिए चचेरे भाई रमेश दोपहर में उसे नाई के पास ले गए तो वह वहां से भी भाग गया।

    शाम छह बजे तक स्वजन व ग्रामीण उसे खोजते रहे। करीब सात बजे वह करोवन मोड़ पर मिला। फिर दाढ़ी बाल बनवाने के बाद घर ले कर आए। मामा राजेंद्र भी घर पहुंचे। जैसे ही सूरजपाल ने मामा को देखा उन्हें पहचान गया। स्थानीय लोगों के अनुसार दिमागी हालत ठीक न होने के बाद भी सूरजपाल परिवार के लोगों के साथ रिश्तेदारों को पहचान रहा है।

    यह था मामला

    दिमागी हालत ठीक न होने से सूरजपाल दिसंबर 2020 को घर से चला गया था। चचेरे भाई रमेश ने बताया कि अक्टूबर 2021 को जम्मू कश्मीर बार्डर से बीएसएफ ने उसके घर फोन कर दिसंबर 2020 में सूरज जम्मू कश्मीर से पाक सीमा में पहुंच गया। जिसे पाकिस्तान की लाहौर जेल में बंद किया गया है। इसके बाद उसकी पत्नी सूरजा देवी अपने बेटे पिंटू को लेकर बार्डर गई। लेकिन वहां कुछ पता नहीं चला।

    29 जुलाई 2023 को सजा पूरी होने पर पाक दूतावास ने उसकी नागरिकता का सत्यापन करने के लिए भारतीय दूतावास को पत्र भेजा। उन्नाव जिला प्रशासन ने उसके नाम पते की जानकारी कर दूतावास को भेजा। इसके बाद चर्चा फैली कि 30 मई 2024 को लाहौर जेल से सूरज को रिहा कर बाघा बार्डर पर बीएसएफ को सौंप दिया गया। हालांकि महीने बीत जाने के बाद भी सूरज घर नहीं पहुंचा। बुधवार को अचानक सूरजपाल घर पहुंच गया।