स्कूल में काम करते हुए प्रिंसिपल की हार्ट अटैक से मौत, जानें इसके लक्षण व बचाव के तरीके
उन्नाव के एक निजी स्कूल में शुक्रवार को दर्दनाक हादसा हो गया। स्कूल के प्रिंसिपल की अचानक तबीयत बिगड़ने पर उन्हें अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने हार्ट अटैक से मौत की पुष्टि की। घटना के बाद स्कूल स्टाफ और छात्रों में शोक की लहर दौड़ गई।

उन्नाव में हार्टअटैक से प्रिंसिपल की मौत।
जागरण संवाददाता, उन्नाव। शिव नगर स्थित एक निजी स्कूल में शुक्रवार दोपहर करीब साढ़े 12 बजे प्रधानाचार्य नेहा दीक्षित की अचानक हालत बिगड़ी। जानकारी होने पर मौजूद स्टाफ उन्हें उठा कर अचेत अवस्था में जिला अस्पताल ले गया। जहां डाक्टर ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। घटना के प्रधानाचार्य अपने कार्यालय में बैठी कामकाज निपटा रही थी।
शिव नगर निवासी नीरज दीक्षित का वहीं पास स्थित हैप्पी किड्स नाम से जूनियर हाईस्कूल विद्यालय है। उनकी 38 वर्षीय पत्नी नेहा दीक्षित विद्यालय में प्रधानाचार्य हैं। शुक्रवार को नेहा रोज की तरह स्कूल में अपना काम काज निपटा रही थी।
करीब साढ़े 12 बजे अचानक उनकी हालत बिगड़ी, जानकारी होने पर स्टाफ व पति नीरज दीक्षित नेहा को अचेत अवस्था में उठा कर जिला अस्पताल ले गए। जहां डाक्टर उन्हें मृत घोषित कर दिया। डाक्टर के अनुसार हृदय गति रुकने से मौत होने की बात कही। स्वजन ने पोस्टमार्टम कराने से इन्कार कर दिया और शव लेकर घर चले गए। वहीं घटना से विद्यालय में खलबली मची रही।
इसकी पहचान जरूरी
हार्ट अटैक तब होता है जब हृदय की मांसपेशियों तक रक्त का प्रवाह अचानक रुक जाता है। ऐसा ज्यादातर दिल की धमनियों में रुकावट (ब्लॉकेज) या खून के थक्के (ब्लड क्लॉट) बनने के कारण होता है।
जानें इसके लक्षण (Symptoms of Heart Attack)
     - सीने में दर्द या भारीपन: बीच या बाईं तरफ दबाव, जलन या चुभन जैसा दर्द महसूस होना।
- सांस लेने में तकलीफ: हल्की सी मेहनत में भी सांस फूलना।
- पसीना आना: ठंडे पसीने के साथ बेचैनी महसूस होना।
- ऊपरी शरीर में दर्द: हाथ, कंधे, गर्दन, जबड़े या पीठ तक दर्द फैलना।
- उलझन या चक्कर आना: सिर हल्का लगना, अचानक बेहोश होना।
- थकान: बिना कारण अत्यधिक कमजोरी या थकावट महसूस होना।
इसके बचाव के लिए क्या करें (Prevention Tips)
- संतुलित आहार लें: तला-भुना, अधिक नमक व कोलेस्ट्रॉलयुक्त भोजन से बचें।
- नियमित व्यायाम करें: रोजाना कम से कम 30 मिनट तेज चाल से चलें या हल्का योग करें।
- तनाव कम करें: मेडिटेशन, प्राणायाम और पर्याप्त नींद लें।
- धूम्रपान व शराब से परहेज करें।
- ब्लड प्रेशर, शुगर और कोलेस्ट्रॉल की नियमित जांच कराएं।
- पानी अधिक पिएं और वजन नियंत्रण में रखें।

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