Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    बीएचयू की छोटी घटनाओं को रोकने में करोड़ों रुपये खर्च करने के बाद भी सुरक्षाकर्मी नाकाम

    Updated: Tue, 16 Sep 2025 05:16 PM (IST)

    काशी हिन्दू विश्वविद्यालय परिसर में सुरक्षाकर्मियों की भारी संख्या और करोड़ों के बजट के बावजूद चोरी लूट और मारपीट जैसी घटनाएँ लगातार हो रही हैं। सुरक्षाकर्मी घटनाओं को रोकने में असफल साबित हो रहे हैं जबकि बाहरी लोगों के साथ दुर्व्यवहार करते हैं। परिसर में लगे सीसीटीवी कैमरे अक्सर बंद पाए जाते हैं।

    Hero Image
    बीएचयू प्रशासन की ढिलाई के कारण पुलिस भी परेशान है।

    रवि पांडेय , जागरण वाराणसी। काशी हिंदू विश्वविद्यालय परिसर में होने वाली छोटी छोटी घटनाओं को रोकने में सुरक्षाकर्मी नाकाम हैं जबकि परिसर में 700 से ज्यादा सुरक्षाकर्मियों की फौज है । जिनके ऊपर बीएचयू प्रशासन सालाना करोड़ों रुपए खर्च करता है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    सुरक्षा ने नाम पर परिसर में चप्पे चप्पे पर सुरक्षाकर्मी , सीसीटीवी कैमरे और स्ट्रीट लाइटें लगी हैं । इसके बावजूद चोरी, छिनैती, लूट, हत्या, छेड़खानी की घटनाएं होती रहती हैं। मारपीट, बवाल और आगजनी की घटनाएं भी रोकने में असफल सुरक्षाकर्मी घटना के समय मूकदर्शक बने रहते हैं ।जबकि यही सुरक्षाकर्मी बाहरी लोगों के साथ दुर्व्यवहार और मारपीट पर उतर जाते हैं। घटना के बाद परिसर में ज्यादातर बंद पड़े सीसीटीवी भी काम नहीं आते हैं।

    यह भी पढ़ेंबीएचयू में कार और बाइक की टक्कर के बाद छात्रों ने कार को क‍िया क्षतिग्रस्त, चालक को पीटा

    वायरलेस सिस्टम और आधुनिक संसाधन भी निष्प्रयोज्य

    विश्वविद्यालय प्रशासन के पास सुरक्षा के नाम पर करोड़ो रुपए का बजट आधुनिक उपकरणों के लिए खर्च कर रहा है जो निष्प्रयोज्य साबित होता है। सुरक्षाकर्मियों के पास 65 किलोमीटर नेटवर्क वाला वायरलेस सिस्टम, हैंडसेट, हैंड मेटल डिटेक्टर और डोर फ्रेम है। पेट्रोलिंग के लिए सात चार पहिया , एक वज्र वाहन ,चार बाइक है। सुरक्षा के नाम पर एक इंटेलीजेंस यूनिट भी है जो कुलपति को रिपोर्ट करती है।

    यह भी पढ़ेंवाराणसी कचहरी में वकीलों ने दारोगा को पीटकर क‍िया जख्‍मी, परि‍सर में पुलिस बल तैनात

    पुलिस भी रहती है परेशान

    छोटी छोटी घटना बवाल का रूप लेने के बाद मुकदमे दर्ज कर अवांछनीय और आपराधिक गतिविधि वाले छात्रों को चिन्हित किया जा चुका है लेकिन कार्रवाई नहीं होने के कारण उनका मनोबल बढ़ा है। जिसका परिणाम परिसर में अशांति है।जबकि अराजक तत्वों को सस्पेंड करके उन्हें परिसर के बाहर करना चाहिए। पुलिस कर्मियों का कहना है कि बीएचयू प्रशासन की ढीले रवैए के कारण कमिश्नरेट पुलिस और अधिकारी परेशान रहते हैं।

    रात में खुले रहते हैं गेट

    परिसर की सुरक्षा और सुरक्षा में लगे कर्मियों पर भी एक सवाल है कि रात भर गेट से अवांछनीय तत्वों की आवाजाही रहती है। जबकि बीएचयू प्रशासन की तरफ से रात 10 बजे के बाद सभी गेट बंद करने के निर्देश थे । मनमानी के कारण बे रोक टोक बाहरी लोगों का भी आना जाना होता है।

    यह भी पढ़ें रोमानियाई छात्रा का वाराणसी में ह‍िंदू रीत‍ि से हुआ अंतिम संस्कार, मणिकर्णिका घाट पर मां ने दी मुखाग्नि