केंद्रीय जल आयोग ने बाढ़ बुलेटिन जारी किया, उत्तर भारत में बरसात के बाद कई नदियों में उफान
अधिशासी अभियन्ता मध्य गंगा मंडल-1 केंद्रीय जल आयोग लखनऊ की ओर से एक जून से दैनिक बाढ़ बुलेटिन में आंकड़े जारी करना शुरू हो गया है। मंगलवार की सुबह इस आशय की रिपोर्ट बारिश का सीजन शुरू होते ही जारी कर दिया गया है।

वाराणसी, जेएनएन। अधिशासी अभियन्ता, मध्य गंगा मंडल-1, केंद्रीय जल आयोग, लखनऊ की ओर से एक जून से दैनिक बाढ़ बुलेटिन में आंकड़े जारी करना शुरू हो गया है। मंगलवार की सुबह इस आशय की रिपोर्ट बारिश का सीजन शुरू होते ही जारी कर दिया गया है। दरअसल बीते दिनों दो चक्रवाती तूफान और उसके बाद शुरू हुई बरसात की वजह से गंगा के साथ ही सरयू और उत्तर भारत की कई प्रमुख नदियों के जलस्तर में बढोतरी दर्ज की जा रही थी।
पूर्वांचल में बाढ़ की आशंका की वजह से विभाग ने तैयारियां भी शुरू कर दी हैं। जबकि लगातार बारिश के बाद सरयू के जलस्तर में एक मीटर तक की बढोतरी दर्ज की गई है। लगातार रह रहकर हो रही बरसात की वजह से पूर्व वर्षों की अपेक्षा इस बार नदियों का जलस्तर भी लगातार बढ़ रहा है। वहीं गंगा में बारिश के बाद पानी बढ़ने के साथ ही हरी शैवाल में भी कमी आई है। गंगा पर कार्य कर रहे डा. वीएन मिश्र ने भी बीते दिनों नदी में हरित शैवालों में कमी से संबंधित रिपोर्ट जारी की थी।
जारी आंकड़ों के अनुसार सरयू नदी का जलस्तर तुर्तीपार में सुबह आठ बजे स्थिर रहा। सुबह 61.2 मीटर पर जलस्तर रहा जो कि चेतावनी बिंदु से 63.01 मीटर पर करीब दो मीटर नीचे रहा। नदी का जलस्तर आगे और तीन मीटर तक बढ़ा तो नदी खतरा बिंदु पार कर लेगी। पूर्वांचल में सबसे पहले सरयू नदी का ही जलस्तर खतरा बिंदु और चेतावनी बिंदु को पार करता रहा है। जबकि गंगा नदी का जलस्तर लगभग सामान्य होने से मंगलवार को जलस्तर के बाबत आंकड़ा जारी नहीं किया गया। जबकि घाघरा (सरयू) नदी के आसपास के इलाकों में बारिश और उससे नदी के जलस्तर में इजाफे की संभावनाएं रिपोर्ट में जाहिर की गई हैं। पूर्वांचल में सरयू नदी आजमगढ़, मऊ और बलिया जिले में होकर बहती है और इन्हीं जिलों में सरयू नदी अधिक तबाही मचाती है।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।