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    वाराणसी: दालमंडी में दुकानदारों का प्रदर्शन, मकान मालिकों पर मनमानी का आरोप

    By Abhishek sharmaEdited By: Abhishek sharma
    Updated: Sun, 09 Nov 2025 06:05 PM (IST)

    वाराणसी के दालमंडी में मकान मालिकों द्वारा पैसे लेने के बावजूद दुकानें खाली कराने से दुकानदार सड़क पर उतर आए हैं। दुकानदारों का आरोप है कि मकान मालिक मनमानी कर रहे हैं, जिससे उनका व्यवसाय प्रभावित हो रहा है। इस घटना से इलाके में तनाव का माहौल है।

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    मकान मालिक पैसे लेकर चले जा रहे हैं, वहीं दूसरी ओर दुकानदारों को नुकसान उठाना पड़ रहा है।

    जागरण संवाददाता, वाराणसी। दालमंडी क्षेत्र में दुकान और मकान बेचने को लेकर विवाद की घटनाएं बढ़ती जा रही हैं। मकान मालिक और दुकानदारों के बीच असहमति के मामले सामने आ रहे हैं। जहां एक ओर मकान मालिक पैसे लेकर चले जा रहे हैं, वहीं दूसरी ओर दुकानदारों को नुकसान उठाना पड़ रहा है। रविवार को इसी प्रकार का एक मामला प्रकाश में आया।

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    दालमंडी चौड़ीकरण के अंतर्गत भवन संख्या सीके 43/40 के स्वामी सुमन ओझा, पीयूष ओझा, कंचन देवी, गुंजा मिश्रा और सोनी सिंह हैं। इन पांचों के नाम पर एक करोड़ रुपये का मुआवजा मिला है। इस भवन में 13 दुकानदार किराए पर थे, जिन्हें पहले से कोई सूचना नहीं दी गई थी। इस कारण दुकानदारों ने रविवार को विरोध प्रदर्शन किया।

    फैंसी मार्केट लक्ष्मी कटरा में जब फोर्स के साथ अधिकारी दुकानदारों को खाली करवाने पहुंचे, तब यह विवाद उत्पन्न हुआ। मौके पर जॉइंट मजिस्ट्रेट नितिन सिंह भी उपस्थित थे। यहां कुल 13 दुकानें हैं, लेकिन जब निराकरण नहीं हुआ, तो शाम को रास्ता बंद कर दिया और दुकानों को खाली कराया गया। इस घटना से दुकानदारों में खासा रोष व्याप्त रहा।

    दुकानदारों का कहना है कि उन्हें बिना किसी पूर्व सूचना के दुकानें खाली करने के लिए कहा गया, जिससे उनकी आजीविका पर संकट आ गया है। उन्होंने आरोप लगाया कि मकान मालिकों ने मुआवजे की राशि लेकर उन्हें नजरअंदाज कर दिया है। इस स्थिति ने दुकानदारों के बीच असंतोष और आक्रोश को जन्म दिया है।

    स्थानीय प्रशासन को इस मामले में हस्तक्षेप करना पड़ा है, लेकिन दुकानदारों का कहना है कि जब तक उन्हें उचित पुनर्वास नहीं मिलता, तब तक वे चुप नहीं बैठेंगे। इस विवाद ने दालमंडी क्षेत्र में व्यापारिक माहौल को प्रभावित किया है और दुकानदारों की स्थिति को गंभीर बना दिया है। इस घटना ने वाराणसी के व्यापारिक समुदाय में चिंता का विषय बना दिया है।