वाराणसी की दालमंडी में दिन भर विवाद की स्थिति, धरना प्रदर्शन के बीच रही बाजार बंदी
वाराणसी की दालमंडी एक प्रसिद्ध बाजार है, जो साड़ियों और शादी के परिधानों के लिए विशेष रूप से प्रसिद्ध है। वहां भवन में स्थित दुकानदार अधिकारियों से बातचीत करते हुए समय की मांग कर रहे थे। अधिकारियों ने स्पष्ट किया कि इस कार्य के लिए पर्याप्त समय दिया जा चुका है।

मंगलवार को दालमंडी में धरना प्रदर्शन के बीच प्रशासन ने बाजार बंदी भी करवाई।
जागरण संवाददाता, वाराणसी। दालमंडी क्षेत्र में ध्वस्तीकरण के लिए मंगलवार को एडीएम सिटी के नेतृत्व में एक टीम दोपहर में पहुंची। इस दौरान दालमंडी चौड़ीकरण के कार्य में एडीएम के साथ पुलिस बल भी मौके पर मौजूद रहा। भवन में स्थित दुकानदार अधिकारियों से बातचीत करते हुए समय की मांग कर रहे थे। अधिकारियों ने स्पष्ट किया कि इस कार्य के लिए पर्याप्त समय दिया जा चुका है।
दालमंडी चौड़ीकरण के तहत मंगलवार को दो भवनों को ध्वस्त करने का निर्णय लिया गया था, जिन्हें विकास प्राधिकरण (VDA) द्वारा चिन्हित किया गया था। जब टीम ध्वस्तीकरण के लिए पहुंची, तो दुकानदारों ने इसका विरोध किया। विशेष रूप से महिलाओं ने इस ध्वस्तीकरण के खिलाफ जमकर विरोध प्रदर्शन किया। महिलाओं के साथ बच्चे भी मौजूद रहे तो टीम के सामने असहज स्थिति आ गई। इसके बाद बाजार बंदी की घोषणा के बाद बाजार में काफी देर तक विवाद की स्थिति बनी रही।
ध्वस्तीकरण के लिए चिन्हित पहले भवन का पता D 43/181 था, जो नदीम अनवर के कटरे में स्थित था और इसमें 14 दुकानें थीं। दूसरे भवन का पता 50/221 था, जिसका स्वामी उस्मान था। इस भवन की महिलाओं ने भी विरोध किया। विरोध के चलते सभी दुकानदारों ने अपनी दुकानें बंद कर दीं और ध्वस्तीकरण के खिलाफ एकजुट होकर आवाज उठाई।
इस स्थिति ने प्रशासन के लिए चुनौती उत्पन्न कर दी, क्योंकि दुकानदारों का कहना है कि उन्हें उचित समय और स्थान दिया जाना चाहिए। वहीं, अधिकारियों का तर्क है कि विकास कार्यों के लिए यह आवश्यक है कि अवैध निर्माणों को हटाया जाए। स्थानीय निवासियों का मानना है कि ध्वस्तीकरण से उनकी आजीविका पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा। उन्होंने अधिकारियों से अपील की है कि वे उनके हितों का ध्यान रखें और उन्हें पुनर्वास के लिए उचित विकल्प प्रदान करें।
इस मामले में प्रशासन ने स्पष्ट किया है कि ध्वस्तीकरण की प्रक्रिया को किसी भी स्थिति में रोका नहीं जाएगा। उन्होंने कहा कि यह कार्य शहर के विकास के लिए आवश्यक है और इसे समय पर पूरा किया जाएगा। दालमंडी क्षेत्र में चल रहे इस ध्वस्तीकरण के विरोध ने स्थानीय समुदाय में असंतोष पैदा कर दिया है। अब देखना यह है कि प्रशासन इस स्थिति को कैसे संभालता है और क्या दुकानदारों की मांगों पर कोई ध्यान दिया जाएगा।

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