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    वाराणसी में देव दीपावली महोत्सव की बढ़ीं दुश्वारियां, आठ सेंटीमीटर तक बढ़ा गंगा का जलस्तर

    By Abhishek sharmaEdited By: Abhishek sharma
    Updated: Tue, 04 Nov 2025 01:00 PM (IST)

    वाराणसी में गंगा नदी का जलस्तर 8 सेंटीमीटर तक बढ़ गया है, जिससे देव दीपावली महोत्सव की तैयारियों में मुश्किलें आ रही हैं। घाटों पर जलभराव की आशंका से श्रद्धालुओं और पर्यटकों को परेशानी हो सकती है। प्रशासन स्थिति पर नजर बनाए हुए है और आवश्यक कदम उठा रहा है।

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    एक दूसरे घाट को जोड़ने वाले रास्ते इतने संकरे हैं कि हजारों की भीड़ का यहां से गुजरना दुष्कर है।

    जागरण संवाददाता, वाराणसी। मोंथा चक्रवात के प्रभाव से बारिश के कारण बढ़े गंगा के जलस्तर का असर पांच नवंबर को पड़ने वाले देव दीपावली पर पड़ने की आशंका बढ़ गई है। लगभग आठ सेंटीमीटर बढ़े जलस्तर के कारण कुछ घाटों पर जाने के लिए बने रास्ते पानी में डूब चुके हैं। एक दूसरे घाट को जोड़ने वाले रास्ते इतने संकरे हैं कि हजारों की भीड़ का यहां से गुजरना दुष्कर है।

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    मीरघाट का अन्य घाटों से संपर्क टूट चुका है। जानकी व छेदीलाल घाट पर जाना खतरे से खाली नहीं : सबसे खराब स्थिति भदैनी से जानकी घाट और इसके सटे छेदीलाल घाट पर जाने वाले मार्ग की है। इन दोनों घाटों को जोड़ने वाले मार्ग पर पूरा पानी भरा है। भदैनी घाट से जानकी घाट पर जाने के लिए इस समय विकल्प के तौर पर संकरी पत्थर की सीढ़ी ही एक मात्र रास्ता है।

    विडंबना यह कि यह सीढ़ी घाट की तरफ पूरी तरह खुली हुई है जिसकी गहराई आठ फुट से ज्यादा है। भीड़ के कारण धक्का-मुक्की में घाट पर सीधे तौर से लोगों के गिरने की आशंका से इंकार नहीं किया जा सकता। इस घाट से छेदी लाल घाट जाने वाले मार्ग पर लबालब पानी भरा है। इसका कोई विकल्प नहीं है। पानी लांघ कर ही जाना संभव है। भारी भीड़ में इस बार गंगा का बढ़ा जलस्‍तर प्रशासन के ल‍िए काफी चुनौतीपूर्ण साब‍ित होने जा रहा है। 

    भदैनी घाट मार्ग अत्यंत संकरा

    तुलसीघाट से भदैनी घाट जाने का मार्ग लगभग आठ फुट चौड़ा है। एक तरफ दीवार तो दूसरी तरफ गंगा है। यहां नगर निगम ने गंगा की ओर बैरिकेडिंग कर दी है। तुलसीघाट से इस घाट पर जाने के लिए सीढ़ियां बनी हैं। यहां हर वर्ष भीड़ ज्यादा होती है। स्थानीय लोगों के अनुसार तुलसीघाट पर कंस वध की लीला के बाद कंस के पुतले के गिरे भाग को लेकर भागने की होड़ में अक्सर यहां भगदड़ की स्थिति होती है। यहां संकरा रास्ता होने के कारण महिलाओं के साथ बदसलूकी की शिकायत भी होती है। पूरे भदैनी घाट पर रास्ता संकरा होने के साथ भी गंगा की ओर दलदल है। हालांकि नगर निगम ने दलदल की तरफ बैरिकेडिंग कर दी है लेकिन यह नाकाफी है। इस घाट पर दुर्घटना की आशंका से इंकार नहीं किया जा सकता है।

    असि घाट पर फैली है सिल्ट तो तुलसी घाट पर गड्ढे

    असि घाट पर बाढ़ से आई सिल्ट चारों ओर फैली है जिसे नगर निगम के मजदूर दिनभर समतल करने में लगे रहे लेकिन यह व्यवस्था अपेक्षाकृत यथोचित नहीं है। तुलसीघाट प्लेटफार्म के नीचे पानी लबालब भरा है तो घाट सिल्ट व गड्ढों से युक्त है। इस घाट पर श्रीकृष्ण लीला के क्रम में कंस वध की लीला के कारण काफी भीड़ एकत्रित होती है।