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    ज्ञानवापी के सीलबंद तालाब पर लगे ताला का कपड़ा बदलने पर आ सकता है आदेश

    By Abhishek sharmaEdited By: Abhishek sharma
    Updated: Mon, 10 Nov 2025 01:35 PM (IST)

    वाराणसी के ज्ञानवापी परिसर में सीलबंद तालाब पर लगे ताले के ऊपर के कपड़े को बदलने के मामले में अदालत आदेश जारी कर सकती है। याचिकाकर्ता ने कपड़े के खराब होने की बात कही है, जबकि विपक्षी पक्ष ने यथास्थिति बनाए रखने की बात कही है। अदालत ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया है।

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     मां श्रृंगार गौरी के नियमित दर्शन-पूजन की मांग समेत मुकदमों की सुनवाई जिला जज संजीव शुक्ला की अदालत में होगी।

    जागरण संवाददाता, वाराणसी। ज्ञानवापी स्थित मां श्रृंगार गौरी के नियमित दर्शन-पूजन की मांग समेत मुकदमों की सुनवाई जिला जज संजीव शुक्ला की अदालत में होगी। इसमें शासन के वकील राजेश मिश्रा की ओर से दाखिल प्रार्थना पत्र पर आदेश आ सकता है। प्रार्थना पत्र में ज्ञानवापी स्थित तालाब को सील करने में लगे कपड़े के नष्ट होने के कारण बदलकर नए कपड़े से पुनःशील करने की मांग की गई है।

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    इस पर अंजुमन इंतेजामिया मसाजिद ने आपत्ति की है। जिला जज ने अदालत में उपस्थित सभी पक्षों से मुकदमे की पत्रावलियों व लंबित प्रार्थना पत्रों के बारे में जानकारी ली। इसके साथ ही ज्ञानवापी के मुकदमों सुप्रीम कोर्ट में स्थानांतरित करने के वकील विष्णु शंकर जैन की ओर से दाखिल प्रार्थना पत्र की वस्तु स्थिति के बारे में भी जाना।

    ज्ञानवापी के तालाब (वुजूखाना) को सील करने में लगे ताले पर लगे कपड़े को बदलने की मांग के लंबित प्रार्थना पत्र पर सुनवाई करने की अपील मुकदमे की वादी चार महिलाओं के वकील सुधीर त्रिपाठी, सुभाष नंदन चतुर्वेदी, दीपक सिंह ने की।

    अदालत में मौजूद अंजुमन इंतेजामिया मसाजिद की ओर से वकील एखलाक अहमद, सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड के वकील तौहीद खान ने सुप्रीम कोर्ट द्वारा पारित आदेश की ओर ध्यान आकृष्ट कराया। दलील दिया कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर ही तालाब को सील किया गया है।

    शासन की ओर से नियुक्त विशेष वकील राजेश मिश्र ने अदालत को बताया कि ज्ञानवापी की संवेदनशीलता को ध्यान में रखकर ताले पर लगा सीलबंद कपड़ा बदलना जरूरी है। इस पर अदालत ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश व सभी पक्षों को विचारों को जानने के बाद आम सहमति बनाने की बात कही।