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    वाराणसी में हेल्थ एटीएम की किट के अभाव में अटकी जनता की सेहत की जांच, उपचार में हो रही देरी

    Updated: Wed, 08 Oct 2025 11:15 AM (IST)

    वाराणसी में जनता की सेहत जांचने के लिए लगाए गए हेल्थ एटीएम खुद बीमार हो गए हैं। सीएचसी-पीएचसी और विकास भवन जैसे स्थानों से ये गायब हो गए हैं या फिर शोपीस बनकर रह गए हैं। स्वास्थ्य विभाग की जांच में 14 हेल्थ एटीएम में ऑपरेटर और किट उपलब्ध नहीं हैं।

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    सार्वजनिक स्थलों तक लगाई गई हेल्थ एटीएम खुद बीमार हो गई।

    जागरण संवाददाता, वाराणसी। जनता की सेहत जांचने के लिए चिकित्सा इकाइयों से लेकर सार्वजनिक स्थलों तक लगाई गई हेल्थ एटीएम खुद बीमार हो गई। मरीजों की सहूलियत के लिए स्थापित हेल्थ एटीएम अब सीएचसी-पीएचसी, विकास भवन समेत अन्य सरकारी कार्यालयों में नहीं दिख रही हैं।

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    कुछ स्थानों पर है तो सिर्फ शोपीस के रूप में पड़ी हैं या यूं कह सकते हैं कि जांच के दौरान इसे चालू बताकर दिखाया मात्र जा रहा है। जिले में स्वास्थ्य विभाग की जांच में ही यलो कंपनी के 14 हेल्थ एटीएम में आपरेटर, किट और रीजेंट उपलब्ध नहीं कराया जा रहा है। मंडलीय चिकित्सालय के इमरजेंसी में दो मशीनें लगी थीं। इसमें एक भी नजर नहीं आ रही है।

    मौजूद स्वास्थ्य कर्मियों ने बताया कि अब उसे हटा दिया गया है। इसी तरह पं. दीनदयाल उपाध्याय महिला और पुरुष अस्पताल में एक-एक हेल्थ एटीएम है, लेकिन किट और रीजेंट नहीं है। इस वजह से 45 से अधिक जरूरी जांच नहीं हो पा रही है। शिवपुर सीएचसी चिकित्सा अधीक्षक डा. एसके यादव ने बताया कि बीपी, शुगर, टेंमप्रेचर, ईसीजी, एचबी, यूरीन, इएआर, स्किन, हाइट, वजन की जांच हो पा रही है। इसी तरह अन्य सीएचसी-पीएचसी और जिलास्तरीय चिकित्सालय का हाल है।

    कुछ चिकित्सालय में कई कबाड़ में धूल फांक रही हैं। हेल्थ एटीएम के नोडल अधिकारी डा. अमित सिंह को काल किया गया है, लेकिन उन्होंने काल रिसीव नहीं किया। 27 हेल्थ एटीएम पर खर्च हुए थे 1.66 करोड़ रुपये : जिले में 1.66 करोड़ रुपये की लागत से 24 हेल्थ एटीएम आई थीं। इसमें से कुछ सीएसआर फंड से तो कुछ विधायकों ने अपनी निधि से उपलब्ध कराई थी।

    स्थापना के दौरान इनकी भव्य लांचिंग हुई। जनप्रतिनिधियों ने इसको उद्घाटित किया। सरकारी कार्यालयों में काम करने वाले व अस्पताल पहुंचने वाले मरीजों को हेल्थ एटीएम पर आसानी से जांच कराने का मौका मिल जाता था। इसकी रिपोर्ट भी बहुत उपयोगी होती थी। लेकिन, कुछ स्थानों पर दो तीन माह तो कुछ स्थानों पर एक डेढ़ साल तक किसी तरह चलाया गया।

    इसके बाद एटीएम में तकनीकी गड़बड़ी बताकर बंद कर दिया गया। सीएसआर फंड, विधायक निधि और लखनऊ से मिले थे एटीएम : कंपनियों के सीएसआर फंड 1.12 करोड़ की लागत से 14 हेल्थ एटीएम लगाई गई थी। विधायक निधि से छह और लखनऊ से एक हेल्थ एटीएम मिली थी। विभिन्न कार्पोरेशन ने छह हेल्थ एटीएम जनपद को उपलब्ध कराए थे।

    इस पर कुल 54.25 लाख रुपये खर्च होने की बात कही जा रही है। इस तरह कुल एक करोड़ 66 लाख 25 हजार खर्चे हुए। इन जांचों की रही सुविधा : हेल्थ मशीन से मरीजों को रक्तचाप, शुगर, एलएफटी, केएफटी, ईसीजी, ब्लड ग्रुप, सीबीसी समेत कुल 59 प्रकार की जांच की व्यवस्था रही। मरीजों को इस जांच के लिए कोई धनराशि अदा नहीं करनी पड़ती थी।